भोपाल/रतलाम। एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (Health Worker) को धर्मांतरण के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस जांच का सामना करना पड़ रहा है. आरोपी स्वास्थ्य कार्यकर्ता को एक वीडियो में देखा गया था, जिसमें उसे घर-घर जाकर लोगों से कोविड के बीच सुरक्षित रहने के लिए 'यीशु मसीह' से प्रार्थना करने के लिए कहा गया था. जिस पर विधायक रामेश्वर शर्मा ने उस वीडियो को ट्वीट कर उस स्वास्थ्य कार्यकर्ता पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया है.
स्वास्थ्यकर्मी पर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने का आरोप
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में स्वास्थ्य कर्मी मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के एक गांव में घरों में जाते नजर आ रही है. कुछ ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वह लोगों से कोविड से सुरक्षा और संक्रमित होने पर सुरक्षित और स्वस्थ होने के लिए 'ईसा मसीह' से प्रार्थना करने के लिए कह रही हैं.
ग्रामीणों का आरोप 'प्रार्थना' के लिए दबाव
वीडियो में एक शख्स स्वास्थ्यकर्मी से भिड़ता हुआ नजर आ रहा है और कह रहा है कि 'आप लोगों को यीशु मसीह से प्रार्थना करने के लिए क्यों कह रहे हैं? आपको यहां किसने भेजा है? आप किस अस्पताल से हैं? आप लोगों को क्यों कह रहे हैं कि वे यीशु मसीह से प्रार्थना करने से ठीक हो जाएंगे?' यह बात उस आदमी ने कही, जो वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था.
'कोरोना वायरस को मारो' अभियान
रतलाम जिले के तहसीलदार बीएस ठाकुर ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली है कि सरकारी अनुबंध के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता गांव में 'कोरोना वायरस को मारो' अभियान चलाकर 'ईसाई' धर्म का प्रचार कर रही थी. तहसीलदार ने कहा, 'उसके साथ धार्मिक पर्चे भी मिले थे'. तहसीलदार ने आगे बताया कि, जांच पूरी कर वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी.
घटना पर रामेश्वर शर्मा का टवीट
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने उस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'क्या कोरोना वायरस को धर्म परिवर्तन का वायरस मार देगा ? हम तो डॉक्टर और हेल्थ वर्कर में ही भगवान देख रहे हैं परन्तु दवाई की जगह धर्म परिवर्तन की घुट्टी पिलाने वाले कतई बर्दास्त नही. वीडियो बनाने वाले जागरूक व्यक्ति को, मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता फौरन मैं उन्हें साधुवाद देता हूं'.