भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं. बीच में जब संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई थी तो प्रशासन और शासन की ओर से कई व्यवस्थाओं को कम किया गया और ध्यान भी कम दिया गया. लेकिन अब जब फिर से मामले बढ़ गए हैं तो एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारियों को पुख्ता करने में जुटा है. ऐसे में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की आगे क्या रणनीति रहेगी, इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत में विभाग की तैयारियों के बारे में बताया.
तैयारी पूरी, जागरूकता जरूरी
स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयारियां पूरी हैं. इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि लोगों में इसके लिए जागरूकता हो. इसलिए हर जिले में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. लोगों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने की कोशिश की जा रही है. हर जिले में जिला आपदा समिति की बैठक लगातार हो रही है.मंत्री ने कहा कि मास्क लगाने के लिए सख्ती भी बरती जा रही है और साथ ही कई जिलों में ओपन जेल बनाई गई है. ताकि जो लोग मास्क नहीं लगाते हैं उन्हें सजा दी जा सके. लोगों के लिए यह समझना बहुत जरूरी है कि जब तक कि वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक मास्क ही वैक्सीन है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर ही हम संक्रमण की रोकथाम कर सकते हैं.
कितनी है व्यवस्था
स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी का कहना है कि अगर मामले बढ़ते भी हैं तो सरकार के पास पर्याप्त व्यवस्था है. हर जिले में आईसीयू बेड,ऑक्सीजन युक्त बेड और सामान्य बेड पर्याप्त मात्रा में है. जिन जिलों में मरीज कम थे, वहां सेंटर बंद किए गए है. लेकिन जहां मामले ज्यादा हैं, वहां पर पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था है.
वैक्सीन की उपलब्धता पर निर्भर होगा वितरण
राजधानी भोपाल में कोविड 19 की वैक्सीन का ट्रॉयल शुरू हो गया है. वैक्सीन आने के बाद प्रदेश के हर व्यक्ति तक वैक्सीन कैसे पहुंचेगी. इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि वैक्सीन कितनी मात्रा में आती है, उसकी कितनी उपलब्धता होगी इन बातों के आधार पर यह तय होगा कि वैक्सीन का वितरण कैसे होगा. साथ ही भारत सरकार की जो भी गाइड लाइन होगी उसी के आधार पर वितरण होगा. हमारी पूरी कोशिश होगी की अंतिम व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाई जाए.
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कोरोना योद्धा की मौत है दुखद
पिछले दिनों सागर के कोरोना योद्धा डॉ शुभम उपाध्याय की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई, इससे पहले भी कई डॉक्टर्स कोरोना संक्रमण के कारण मौत का शिकार हुए हैं, जिसे लेकर कई बार डॉक्टर्स यह कह चुके हैं कि सरकार की तरफ से लापरवाही होती है. इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि विभाग का ध्यान इस ओर पूरा है. कोविड 19 ड्यूटी कर रहे डॉक्टर कोशिश कर रहे हैं कि हर मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जाए. हमारे लिए बहुत दुख की बात है कि हमारे कोरोना योद्धा मौत का शिकार हुए हैं. डॉक्टर शुभम की मौत का मुझे बहुत अफसोस है हम उन्हें वापस तो नहीं ला सकते लेकिन उनके परिवार की जितनी सम्भव मदद हो सकती है करने का प्रयास करेंगे और साथ ही आगे से ऐसे मामले न हो उस पर ध्यान देंगे.
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शहडोल मामले में होगी कार्रवाई
शहडोल के जिला अस्पताल में पिछले 24 घंटों के दौरान 6 नवजात बच्चों की मौत हुई. जिसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी ने कहा कि अभी हम यह नहीं कह सकते कि लापरवाही किसकी है. वहां की टीम ने बच्चों का इलाज करने की कोशिश की पर निमोनिया होने के कारण बच्चों को बचाया नहीं जा सका. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं की जांच की जाए और जिसकी भी लापरवाही होगी उस पर कार्रवाई की जाएगी.
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प्रदेश में क्या है संक्रमितों की स्थिति
बता दें मध्यप्रदेश में वर्तमान में संक्रमितों की संख्या 2,06128 हो गई है. वहीं मरीजों की मौत का आंकड़ा बढ़कर 3,260 हो गया है. प्रदेश की आर्थिक राजधनी इंदौर में सबसे ज्यादा मामले हैं. इंदौर में संक्रमितों की संख्या 42149 हो गई है. जबकि 760 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं राजधानी भोपाल की बात करें तो 31,974 पहुंच गई है. भोपाल में 518 मरीज जान गंवा चुके हैं.
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कोरोना वैक्सीन का ट्रायल हुआ शुरू
कोवैक्सीन' के थर्ड स्टेज का क्लीनिकल ट्रायल शुक्रवार से भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ. इसके लिए भारत बायोटेक ने कॉलेज को अपनी कोवैक्सीन के एक हजार डोज भेजे हैं. पहला टीका 46 साल के एक शिक्षक को दिया गया है. वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन अब भी जारी है. जिन वॉलेंटियर्स को ये टीका लगेगा उन्हें बाद में बूस्टर डोज 28 दिनों के बाद दिया जाएगा. कोरोना वैक्सीन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर और भारत बायोटेक इंटरनेशनल द्वारा विकसित की गई है. ये पहली स्वदेशी वैक्सीन है. कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के पहले दिन वॉलेन्टियर बने 46 वर्षीय शिक्षक के अलावा 100 और लोगों को भी टीका लगाया जाएगा. काउंसलिंग के बाद ही सभी वॉलेंटियर को टीका लगाया जा रहा है. साथ ही उन्हें 750 रुपए भी दिए जाएंगे.
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शहडोल में 48 घंटे में 6 बच्चों की मौत
ईटीवी भारत ने जब मंत्री स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी से शहडोल जिला अस्पताल में 6 नवजात बच्चों की मौत का सवाल पूछा तो मंत्री ने कहा कि हमने जांच के आदेश दे दिए हैं. ये गंभीर विषय है. जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी. बता दें शहडोल जिले में नवजात बच्चों की मौत का मामला थम नहीं रहा है. पिछले 48 घंटे में सिलसिलेवार 6 नवजातों की मौत हो चुकी हैं. आज सुबह भी एक नवजात की और मौत हुई और यह सभी गंभीर अवस्था में नवजात बताए जा रहे हैं. जिनकी मौत हुई है. नवजात बच्चों की मौत के बाद हड़कंप मच गया है. लगातार हो रही इन मौतों ने स्वास्थ्य महकमे पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.