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MP: कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइडलाइन

कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है.

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Published : Jan 11, 2021, 3:27 PM IST

भोपाल। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का खतरा अब मध्यप्रदेश पर भी मंडरा रहा है. पिछले दिनों मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक व्यक्ति जो कि लंदन से लौटा था, उसमें कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई थी. नया स्ट्रेन प्रदेश में ज्यादा न फैले इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने नए एसओपी और एल्गोरिथम जारी किए हैं.

ब्रिटेन से लौटे व्यक्तियों के लिए जारी हुई गाइड लाइन

मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही ब्रिटेन से लौट रहे यात्रियों के लिए अलर्ट जारी किया हुआ था. उनकी निगरानी भी रखी जा रही थी. अब जब नए स्ट्रेन की पुष्टि हो गई है, तो उसके बाद स्वास्थ्य आयुक्त संजय गोयल ने एक बार फिर नई गाइडलाइन को जारी किया है.

इस तरह की जाएगी निगरानी

स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग तारीखों पर लौटे यात्रियों की निगरानी के लिए अलग-अलग गाइडलाइन जारी की है.

21-23 दिसम्बर के बीच आये यात्री

यूनाइटेड किंगडम से जो यात्री 21 से 23 दिसंबर के बीच लौटे हैं, उनकी सबसे पहले एयरपोर्ट पर ही आरटीपीसीआर ( RTPCR) जांच की जाएगी. अगर आरटीपीसीआर जांच पॉजिटिव आती है, तो व्यक्ति को होम आइसोलेशन या संस्थागत आइसोलेशन में रखा जाएगा. उसके बाद नए स्ट्रेन की पुष्टि के लिए सैंपल को लैब भेजा जाएगा.

Corona
कोरोना जांच

अगर नए स्ट्रेन की पुष्टि होती है तो संस्थागत आइसोलेशन और वर्तमान प्रोटोकॉल के मुताबिक व्यक्ति को इलाज दिया जाएगा. 14 दिन बाद फिर से जांच की जाएगी. अगर 14 दिन बाद जांच के नतीजे पॉजिटिव आते हैं तो 24 घंटे के अंतराल पर दो जांच नमूने नेगेटिव होने तक जांच किए जाएंगे.

नेगेटिव आने पर

अगर यूके से लौटे किसी व्यक्ति की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है. तो भारत में आने के 28 दिन तक उसका लगातार फॉलोअप लिया जाएगा कि कहीं उसे कोरोना वायरस के कोई लक्षण दिखाई तो नहीं दे रहे हैं. अगर किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर से उसकी जांच की जाएगी.

9-20 दिसम्बर के बीच आए यात्री

जो यात्री 9 से 20 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आए हैं. उनकी ट्रैकिंग की जाएगी और ट्रैकिंग के बाद आरटीपीसीआर जांच की जाएगी. आरटीपीसीआर के पॉजिटिव और निगेटिव नतीजों के मुताबिक ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

8 दिसम्बर के बीच आये यात्री

जो व्यक्ति 25 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आए हैं. उनकी ट्रैकिंग की जाएगी और 28 दिन तक फॉलोअप भी लिया जाएगा. यदि किसी भी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो उनकी RTPCR जांच करवाई जाएगी और जांच के नतीजों के मुताबिक ही इलाज दिया जाएगा. रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक इलाज दिया जाएगा. वहीं रिपोर्ट निगेटिव आने पर 28 दिन तक व्यक्ति की निगरानी की जाएगी.

ट्रेकिंग के लिए दिशा-निर्देश

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेकिंग के लिए भी गाइडलाइन जारी की है. ब्रिटेन से लौटे किसी भी व्यक्ति के साथ हवाई जहाज में यात्रा कर रहे 3 पंक्ति आगे और 3 पंक्ति पीछे और साथ में बैठे सह यात्रियों और केबिन क्रु और सभी हाई रिस्क वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा यदि किसी यात्री की ट्रैकिंग नहीं हो पाती है या फॉलोअप के दौरान यात्री के न मिलने पर जिला सर्विलेंस अधिकारी तत्काल राज्य सर्विलेंस अधिकारी और आईडीएसपी को सूचना देंगे.

नया स्ट्रेन है घातक

बता दें कि ब्रिटेन में पाए गए कोरोना संक्रमण का नया स्ट्रेन पुराने स्ट्रेन से ज्यादा घातक है, यह काफी तेजी से फैलता है और इसमें संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य पर ज्यादा असर पड़ता है. इसलिए इस नए स्ट्रेन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ज्यादा सचेत है.

भोपाल। कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का खतरा अब मध्यप्रदेश पर भी मंडरा रहा है. पिछले दिनों मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एक व्यक्ति जो कि लंदन से लौटा था, उसमें कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई थी. नया स्ट्रेन प्रदेश में ज्यादा न फैले इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने नए एसओपी और एल्गोरिथम जारी किए हैं.

ब्रिटेन से लौटे व्यक्तियों के लिए जारी हुई गाइड लाइन

मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही ब्रिटेन से लौट रहे यात्रियों के लिए अलर्ट जारी किया हुआ था. उनकी निगरानी भी रखी जा रही थी. अब जब नए स्ट्रेन की पुष्टि हो गई है, तो उसके बाद स्वास्थ्य आयुक्त संजय गोयल ने एक बार फिर नई गाइडलाइन को जारी किया है.

इस तरह की जाएगी निगरानी

स्वास्थ्य विभाग ने अलग-अलग तारीखों पर लौटे यात्रियों की निगरानी के लिए अलग-अलग गाइडलाइन जारी की है.

21-23 दिसम्बर के बीच आये यात्री

यूनाइटेड किंगडम से जो यात्री 21 से 23 दिसंबर के बीच लौटे हैं, उनकी सबसे पहले एयरपोर्ट पर ही आरटीपीसीआर ( RTPCR) जांच की जाएगी. अगर आरटीपीसीआर जांच पॉजिटिव आती है, तो व्यक्ति को होम आइसोलेशन या संस्थागत आइसोलेशन में रखा जाएगा. उसके बाद नए स्ट्रेन की पुष्टि के लिए सैंपल को लैब भेजा जाएगा.

Corona
कोरोना जांच

अगर नए स्ट्रेन की पुष्टि होती है तो संस्थागत आइसोलेशन और वर्तमान प्रोटोकॉल के मुताबिक व्यक्ति को इलाज दिया जाएगा. 14 दिन बाद फिर से जांच की जाएगी. अगर 14 दिन बाद जांच के नतीजे पॉजिटिव आते हैं तो 24 घंटे के अंतराल पर दो जांच नमूने नेगेटिव होने तक जांच किए जाएंगे.

नेगेटिव आने पर

अगर यूके से लौटे किसी व्यक्ति की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आती है. तो भारत में आने के 28 दिन तक उसका लगातार फॉलोअप लिया जाएगा कि कहीं उसे कोरोना वायरस के कोई लक्षण दिखाई तो नहीं दे रहे हैं. अगर किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर से उसकी जांच की जाएगी.

9-20 दिसम्बर के बीच आए यात्री

जो यात्री 9 से 20 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आए हैं. उनकी ट्रैकिंग की जाएगी और ट्रैकिंग के बाद आरटीपीसीआर जांच की जाएगी. आरटीपीसीआर के पॉजिटिव और निगेटिव नतीजों के मुताबिक ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

8 दिसम्बर के बीच आये यात्री

जो व्यक्ति 25 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आए हैं. उनकी ट्रैकिंग की जाएगी और 28 दिन तक फॉलोअप भी लिया जाएगा. यदि किसी भी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो उनकी RTPCR जांच करवाई जाएगी और जांच के नतीजों के मुताबिक ही इलाज दिया जाएगा. रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक इलाज दिया जाएगा. वहीं रिपोर्ट निगेटिव आने पर 28 दिन तक व्यक्ति की निगरानी की जाएगी.

ट्रेकिंग के लिए दिशा-निर्देश

इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने ट्रेकिंग के लिए भी गाइडलाइन जारी की है. ब्रिटेन से लौटे किसी भी व्यक्ति के साथ हवाई जहाज में यात्रा कर रहे 3 पंक्ति आगे और 3 पंक्ति पीछे और साथ में बैठे सह यात्रियों और केबिन क्रु और सभी हाई रिस्क वाले व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा. इसके अलावा यदि किसी यात्री की ट्रैकिंग नहीं हो पाती है या फॉलोअप के दौरान यात्री के न मिलने पर जिला सर्विलेंस अधिकारी तत्काल राज्य सर्विलेंस अधिकारी और आईडीएसपी को सूचना देंगे.

नया स्ट्रेन है घातक

बता दें कि ब्रिटेन में पाए गए कोरोना संक्रमण का नया स्ट्रेन पुराने स्ट्रेन से ज्यादा घातक है, यह काफी तेजी से फैलता है और इसमें संक्रमित व्यक्ति के स्वास्थ्य पर ज्यादा असर पड़ता है. इसलिए इस नए स्ट्रेन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ज्यादा सचेत है.

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