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स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों के लिए जारी किया आदेश, मांगी गई श्वसन रोगियों की जानकारी - Health Department

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य सचिव ने एख आदेश जारी किया है. जिसमें प्रदेश के श्वसन रोगियों की जानकारी हर रोज उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं.

Health Secretary issued order in bhopal
स्वास्थ सचिव ने जारी किया आदेश
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Published : May 23, 2020, 3:58 PM IST

भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को गंभीर अवस्था में पहुंचने से रोकने के लिए सबसे जरूरी है कि ऐसे संदिग्धों की पहचान जल्द से जल्द की जा सके, ताकि समय रहते इनका सैंपल लेकर इन्हें इलाज मुहैया करवाया जा सके. यदि कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उसे उसकी स्थिति के मुताबिक इलाज दिया जा सके. मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए संदिग्धों और पहले की श्वास की किसी बीमारी से पीड़ित मरीजों की पहचान करने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों को आदेश दिए थे. जिसमें कहा गया था कि वह अपने अस्पताल में आने वाले श्वसन तंत्र की बीमारी से पीड़ित रोगियों की जानकारी नियमित तौर पर स्वास्थ्य संचालनालय को दें. हालांकि कई अस्पतालों ने यह जानकारी स्वास्थ्य संचालनालय को उपलब्ध नहीं करवाई है.


अस्पतालों की इस लापरवाही को देखते हुए और कोरोना संदिग्धों की जल्द से जल्द पहचान हो सकें, इसलिए स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव फैज अहमद किदवई ने दोबारा से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों सहित मेडिकल कॉलेजों में यह निर्देश दें. जिसमें अस्पताल में आने वाले श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित रोगियों की हर रोज स्वास्थ्य संचालनालय को उपलब्ध कराएं.

आदेश में खास तौर पर भोपाल, छिंदवाड़ा, सीहोर, सिवनी, बैतूल और दतिया का जिक्र किया गया है, क्योंकि इन जिलों से श्वसन रोग से पीड़ित मरीजों की जानकारी डायरेक्टरेट को नहीं दी जा रही थी. बताया जा रहा है कि इस मामले में जिलों के सीएमएचओ और एपिडेमियोलॉजिस्ट भी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं. जिसके चलते अब स्वास्थ्य सचिव को कड़ा रुख अपनाना पड़ा है. इस आदेश के बाद नियमित तौर पर एसएआरआई के एडमिट पेशेंट की जानकारी हेल्थ डायरेक्टरेट को मेल आईडी पर भेजने के लिए सख्त आदेश दिए गए हैं.

भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों को गंभीर अवस्था में पहुंचने से रोकने के लिए सबसे जरूरी है कि ऐसे संदिग्धों की पहचान जल्द से जल्द की जा सके, ताकि समय रहते इनका सैंपल लेकर इन्हें इलाज मुहैया करवाया जा सके. यदि कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है तो उसे उसकी स्थिति के मुताबिक इलाज दिया जा सके. मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए संदिग्धों और पहले की श्वास की किसी बीमारी से पीड़ित मरीजों की पहचान करने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों को आदेश दिए थे. जिसमें कहा गया था कि वह अपने अस्पताल में आने वाले श्वसन तंत्र की बीमारी से पीड़ित रोगियों की जानकारी नियमित तौर पर स्वास्थ्य संचालनालय को दें. हालांकि कई अस्पतालों ने यह जानकारी स्वास्थ्य संचालनालय को उपलब्ध नहीं करवाई है.


अस्पतालों की इस लापरवाही को देखते हुए और कोरोना संदिग्धों की जल्द से जल्द पहचान हो सकें, इसलिए स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव फैज अहमद किदवई ने दोबारा से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर अपने जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों सहित मेडिकल कॉलेजों में यह निर्देश दें. जिसमें अस्पताल में आने वाले श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित रोगियों की हर रोज स्वास्थ्य संचालनालय को उपलब्ध कराएं.

आदेश में खास तौर पर भोपाल, छिंदवाड़ा, सीहोर, सिवनी, बैतूल और दतिया का जिक्र किया गया है, क्योंकि इन जिलों से श्वसन रोग से पीड़ित मरीजों की जानकारी डायरेक्टरेट को नहीं दी जा रही थी. बताया जा रहा है कि इस मामले में जिलों के सीएमएचओ और एपिडेमियोलॉजिस्ट भी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं. जिसके चलते अब स्वास्थ्य सचिव को कड़ा रुख अपनाना पड़ा है. इस आदेश के बाद नियमित तौर पर एसएआरआई के एडमिट पेशेंट की जानकारी हेल्थ डायरेक्टरेट को मेल आईडी पर भेजने के लिए सख्त आदेश दिए गए हैं.

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