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अन्नदाताओं के आगे झुका प्रशासन, 2 अप्रैल से होने वाला किसान आंदोलन स्थगित

हरदा में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आम किसान यूनियन के बैनर तले 2 अप्रैल से किसानों का एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी थी. लेकिन जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने लगातार किसानों से संपर्क कर और उनकी मांगों को मान कर आंदोलन स्थगित करवा दिया है.

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Published : Apr 1, 2019, 10:05 PM IST

अन्नदाताओं के आगे झुका प्रशासन

हरदा| अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आम किसान यूनियन के बैनर तले 2 अप्रैल से किसानों की एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी थी. आचार संहिता के चलते जिला प्रशासन ने किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए कई प्रयास किए. आम किसान यूनियन के सदस्यों को मनाने के लिए जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने लगातार उनसे संपर्क किया. और आईबी से जुड़े अधिकारियों ने आम किसान यूनियन के सदस्यों और एसडीएम एच एस चौधरी के बीच मुलाकात के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई है.

2 अप्रैल से होने वाला किसान आंदोलन स्थगित

मिली जानकारी के अनुसार खरीदी केंद्रों पर काटे से तुलाई कराने, चने एवं गेंहू के उत्पादन के हिसाब से खरीदी केंद्रों पर प्रति एकड़ की दर बढ़ाये जाने की मांगों को लेकर किसान आंदोलन करने वाले थे. आम किसान यूनियन का कहना है कि जिले में किसानों के 19 एकड़ प्रति बोरे की जगह 25 एकड़ प्रति बोरा खरीदा जाए. जिला प्रशासन ने स्थानीय स्तर की सभी मांगों को मान लिया है. वहीं दो मांगों को शासन स्तर पर भेज दिया है. जिसको लेकर अब आम किसान यूनियन ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है. बता दें आम किसान यूनियन ने गत वर्ष किसानों की समस्यों को लेकर बड़े आंदोलन किए थे. उनके आंदोलन के स्थगित होने से जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है.

आम किसान यूनियन के डॉ जगदीश सारन, राम इनानिया, दिनेश लेगा सहित अन्य सदस्यों से एसडीएम सहित एसडीओपी महेंद्र कुमार मालवीय ने भी बात कर उन्हें मनाने का प्रयास किया. जिला कलेक्टर एस विश्वनाथन ने आचार संहिता लागू होने के चलते धारा 144 लागू होने के कारण बिना अनुमति किसी भी तरह के धरने आंदोलन को नहीं करने के निर्देश जारी किए थे. उन्होंने बिना अनुमति के आंदोलन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे.

हरदा| अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आम किसान यूनियन के बैनर तले 2 अप्रैल से किसानों की एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी थी. आचार संहिता के चलते जिला प्रशासन ने किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए कई प्रयास किए. आम किसान यूनियन के सदस्यों को मनाने के लिए जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने लगातार उनसे संपर्क किया. और आईबी से जुड़े अधिकारियों ने आम किसान यूनियन के सदस्यों और एसडीएम एच एस चौधरी के बीच मुलाकात के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई है.

2 अप्रैल से होने वाला किसान आंदोलन स्थगित

मिली जानकारी के अनुसार खरीदी केंद्रों पर काटे से तुलाई कराने, चने एवं गेंहू के उत्पादन के हिसाब से खरीदी केंद्रों पर प्रति एकड़ की दर बढ़ाये जाने की मांगों को लेकर किसान आंदोलन करने वाले थे. आम किसान यूनियन का कहना है कि जिले में किसानों के 19 एकड़ प्रति बोरे की जगह 25 एकड़ प्रति बोरा खरीदा जाए. जिला प्रशासन ने स्थानीय स्तर की सभी मांगों को मान लिया है. वहीं दो मांगों को शासन स्तर पर भेज दिया है. जिसको लेकर अब आम किसान यूनियन ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है. बता दें आम किसान यूनियन ने गत वर्ष किसानों की समस्यों को लेकर बड़े आंदोलन किए थे. उनके आंदोलन के स्थगित होने से जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है.

आम किसान यूनियन के डॉ जगदीश सारन, राम इनानिया, दिनेश लेगा सहित अन्य सदस्यों से एसडीएम सहित एसडीओपी महेंद्र कुमार मालवीय ने भी बात कर उन्हें मनाने का प्रयास किया. जिला कलेक्टर एस विश्वनाथन ने आचार संहिता लागू होने के चलते धारा 144 लागू होने के कारण बिना अनुमति किसी भी तरह के धरने आंदोलन को नहीं करने के निर्देश जारी किए थे. उन्होंने बिना अनुमति के आंदोलन करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए थे.

Intro:हरदा में किसानों की विभन्न समस्याओं को लेकर आम किसान यूनियन के वैनर तले 2 अप्रेल को एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी थी।किसानों के आंदोलन को लेकर जिला प्रशासन की सांस फूल गई थी।आचार संहिता में किसानों के आंदोलन को लेकर जिला प्रशासन मंडी में होने वाले आन्दोल को रोकने के लिए हर भरसक प्रयास किया गया।आम किसान यूनियन के सदस्यों को मनाने के लिए जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने लगातार उनसे संपर्क किया गया।आईबी से जुड़े अधिकारियों ने आम किसान यूनियन के सदस्यों और एसडीएम एच एस चौधरी के बीच मुलाकात के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई।


Body:आम किसान यूनियन ने जिले के किसानों की समस्या खरीदी केंद्रों पर तुलाई फेल्ट काटे से तुलाई कराने, चने एवं गेंहू के उत्पादन के हिसाब से खरीदी केंद्रों पर प्रति एकड़ की दर बढ़ाये जाने की मांग थी।संगठन का कहना था कि जिले में किसानों के 19 एकड़ प्रति बोरे की जगह 25 एकड़ प्रति बोरा खरीदा जाए।वही चने की खरीदी के लिए शासन ने प्रति हेक्टेयर 19 बोरा तय किया गया है।जबकि जिले में चने का उत्पादन 19 बोरा प्रति एकड़ हुआ है।साथ ही गत वर्ष किसानों के गेंहू को पचास पचास किलो के तौल काटे से किया गया था।जिसमें समय भी अधिक लगता था।चूंकि इस साल लगभग सभी खरीदी केंद्रों को वेयर हाउस में शिफ्ट कर दिया गया है अतः वहा पर तुलाई फ्लैट काटे से की जाए।
जिला प्रशासन ने स्थानीय स्तर की सभी मांगो को मान लिया है।वही दो मांगो को शासन स्तर पर भेज दिया गया है।जिसको लेकर अब आम किसान यूनियन ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।
बाइट -राम इनानिया
आम किसान यूनियन, हरदा


Conclusion:आम किसान यूनियन के डॉ जगदीश सारन, राम इनानिया,दिनेश लेगा सहित अन्य सदस्यों से एसडीएम सहित एसडीओपी महेंद्र कुमार मालवीय ने भी चर्चा कर उन्हें मनाने का प्रयास किया।गौरतलब है कि जिला कलेक्टर एस विश्वनाथन ने आचार संहिता लागू होने के चलते धारा 144 लागू होने के कारण बिना अनुमति किसी भी तरह के धरने आंदोलन को नही करने के निर्देश जारी किए थे।उन्होंने बिना अनुमति के आंदोलन करने वालो पर सख्ती से कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए थे।
आम किसान यूनियन ने गत वर्ष किसानों की समस्यों को लेकर बड़े आंदोलन किये थे।उनके आंदोलन के स्थगित होने से जिला प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
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