हनुमानगढ़। जिले की खुईयां पुलिस इन दिनों गधों की तलाश में लगी (Hanumangarh Police Searching Donkeys) हुई है. सुनने में अजीब जरूर लगेगा लेकिन सच यही है. जी हां, खुईयां थाना क्षेत्र से पिछले कुछ दिनों में अलग-अलग दिन 70 गधे चोरी हो (70 donkeys theft case in hanumangarh) गए हैं. इस मामले की शिकायत गधा मालिकों ने पुलिस को दी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में मंगलवार को माकपा कार्यकर्ताओं और गधा मालिकों ने खुईयां थाना पर धरना दे दिया जिसके बाद पुलिस एक्टिव हुई.
खुईयां पुलिस ने आनन-फानन में 15 गधों को बरामद किया और थाना लेकर आ गई, मगर समस्या तब और बढ़ गई जब गधा मालिकों ने यह कह दिया कि ये उनके गधे नहीं हैं. ऐसे में पुलिस परेशान है कि लापता गधों को कैसे बरामद करे. पुलिस का यह भी कहना है कि खोया हुआ गधा पकड़ने पर कैसे पता चलेगा कि ये गधा मालिकों का ही गधा है.
गधों को नाम से पुकारने पर दंग रह गई पुलिस
दरअसल पुलिस जैसे ही 15 गधों को लेकर थाना पहुंची और तो गधा मालिकों ने गधों को चिंटू, पिंटू, कालू आदि नामों से पुकारना शुरू कर दिया. इसपर पुलिस दंग रह गई. जब किसी भी गधे ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो गधा मालिक बोले कि ये उनके गधे नहीं हैं. उन्हें उनके ही गधे चाहिए. ऐसे में अब पुलिस की ओर से 15 गधे ढूंढने और उनको थाना लाने की मशक्कत बेकार गई और दोबारा गधे ढूंढ कर लाने पर फिर ऐसा ही हुआ तो क्या करेंगे.
वहीं गधा मालिकों का कहना है कि गधे उनकी आजीविका का साधन हैं. उनका कहना है कि एक गधे की कीमत करीब 20 हजार रुपये है और इस तरह चोरी हुए 70 गधों की कीमत करीब 14 लाख रुपये है. गधा मालिकों का कहना है कि गधे बोझा उठाने का काम करते हैं और इनके चोरी हो जाने के बाद उनकी आजीविका का साधन समाप्त हो गया है. ऐसे में पुलिस उनके गधे बरामद कर जल्द दें क्योंकि उनके गधे ही उनकी बात समझते हैं और दूसरे गधों से काम करवाना मुश्किल है.
पुलिस ने बनाई टीमें
इस मामले में खुईयां पुलिस ने टीमें बनाई हैं जो गांव-गांव गधे ढूंढती फिर रही है. पुलिस का कहना है कि ना तो मुल्जिम मिल रहा है और न ही खोए हुए गधों का ही पता चल रहा है. ऐसे में पुलिस का समय अपराधियों को ढूंढने के बजाए गधे तलाशने में व्यर्थ हो रहा है.