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Hamidia Hospital Fire: अस्पताल में बच्चों की पहचान का संकट, प्रबंधन ने कहा- गुम हो गए बच्चे

सोमवार को हमीदिया अस्पताल परिसर के कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने से कई बच्चों की मौत हो गई. दूसरे दिन भी मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. वहीं अब बच्चों की पहचान और गुम होने की बात भी सामने आ रही है. पीड़ित परिजनों का कहना है कि प्रबंधन किसी और का मरा बच्चा हमें दे रहा है. वहीं अस्पताल प्रबंधन बच्चों के गुम होने की बात भी कह रहा है.

Hamidia Hospital Fire
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Published : Nov 9, 2021, 8:51 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 9:25 PM IST

भोपाल। कमला नेहरू अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद बच्चे बदले जाने और गुम होने का मामला सामने आने लगा है. कई परिजनों ने आरोप लगाते हुए परिसर के बाहर धरना दिया और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए. इस बीच उन परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, जिनके बच्चे अव्यवस्था के कारण काल के गाल में समा गए. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने जहां इस पर लापरवाही के सरकार पर आरोप लगाए. वहीं कमलनाथ भी बच्चों को देखने हमीदिया अस्पताल पहुंचे.

दरअसल सोमवार रात को हमीदिया अस्पताल के परिसर में स्थित कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में आग लगी थी. इस दौरान कई बच्चों की जान चली गई. मंगलवार को अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को बच्चों की डेड बॉडी सौंपी. जिसके बाद पूरे परिसर में माहौल गमगीन हो गया. मंगलवार को देर शाम तक दो और परिजनों को बच्चों की बॉडी दी गई. जिनकी मौत किस कारण हुई यह नहीं बताया गया. अस्पताल प्रबंधन दबी जुबान में इन मौतों को सामान्य घोषित करने में लगा है.

प्रबंधन ने कहा गुम हो गए बच्चे

परिजनों को बताया, गुम हो गया बच्चा

महिलाओं में से एक ने बच्चा गुम होने का आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगाया, तो दूसरी ने बच्चा बदले जाने की शिकायत प्रबंधन से की. उनका कहना है कि पहले अस्पताल के लोगों ने कहा था कि बच्चा जीवित है और बाद में दूसरा मरा हुआ बच्चा दे रहे हैं. वहीं रशीदा नाम की एक महिला का कहना है कि उसका बच्चा कल से मिल नहीं रहा. पूछने पर प्रबंधन बता रहा है कि बच्चा गुम हो गया.

प्रबंधन ने कहा गुम हो गए बच्चे

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सरकार हर मामले को दबाती है- कमलनाथ

अस्पताल प्रबंधन इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. कुछ भी कहने से बच रहा है. सुबह से ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग अस्पताल पहुंचे. परिजनों से मुलाकात की. वहीं दूसरी ओर इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. कमलनाथ भी अस्पताल पहुंचे और सीएम शिवराज सिंह चौहान से मांग की. कमलनाथ ने कहा कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सरकार को जांच करवानी चाहिए.

कमलनाथ ने कहा कि 6 महीने के अंदर यह तीसरी घटना हुई है. भाजपा सरकार हर मामले को दबाने का काम करती है. भाजपा सरकार ने पहले कोविड में हुई मौत के आंकड़ों को भी छुपाया. डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को में बधाई देता हूं. वहीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी बच्चों को देखने अस्पताल पहुंची.

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4 बच्चों की मौत की पुष्टि- संभागायुक्त

इस मामले में संभागायुक्त गुलशन बामरा ने अभी तक 4 बच्चों की मौतों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि कमेटी बनाकर मामले की जांच की जा रही है. कुछ बच्चे अभी भी क्रिटिकल कंडीशन में है. बच्चों को बचाने का प्रयास लगातार जारी है. जल्द ही वार्ड को वापस उसी रूप में लाने का प्रयास किया जा रहा है. फायर सेफ्टी को लेकर बामरा ने कहा कि बिल्डिंग बहुत पुरानी है, ऐसे में फायर सेफ्टी के तमाम इंतजाम भी देख रहे है.

भोपाल। कमला नेहरू अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद बच्चे बदले जाने और गुम होने का मामला सामने आने लगा है. कई परिजनों ने आरोप लगाते हुए परिसर के बाहर धरना दिया और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए. इस बीच उन परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, जिनके बच्चे अव्यवस्था के कारण काल के गाल में समा गए. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. कांग्रेस ने जहां इस पर लापरवाही के सरकार पर आरोप लगाए. वहीं कमलनाथ भी बच्चों को देखने हमीदिया अस्पताल पहुंचे.

दरअसल सोमवार रात को हमीदिया अस्पताल के परिसर में स्थित कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में आग लगी थी. इस दौरान कई बच्चों की जान चली गई. मंगलवार को अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को बच्चों की डेड बॉडी सौंपी. जिसके बाद पूरे परिसर में माहौल गमगीन हो गया. मंगलवार को देर शाम तक दो और परिजनों को बच्चों की बॉडी दी गई. जिनकी मौत किस कारण हुई यह नहीं बताया गया. अस्पताल प्रबंधन दबी जुबान में इन मौतों को सामान्य घोषित करने में लगा है.

प्रबंधन ने कहा गुम हो गए बच्चे

परिजनों को बताया, गुम हो गया बच्चा

महिलाओं में से एक ने बच्चा गुम होने का आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगाया, तो दूसरी ने बच्चा बदले जाने की शिकायत प्रबंधन से की. उनका कहना है कि पहले अस्पताल के लोगों ने कहा था कि बच्चा जीवित है और बाद में दूसरा मरा हुआ बच्चा दे रहे हैं. वहीं रशीदा नाम की एक महिला का कहना है कि उसका बच्चा कल से मिल नहीं रहा. पूछने पर प्रबंधन बता रहा है कि बच्चा गुम हो गया.

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सरकार हर मामले को दबाती है- कमलनाथ

अस्पताल प्रबंधन इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं. कुछ भी कहने से बच रहा है. सुबह से ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग अस्पताल पहुंचे. परिजनों से मुलाकात की. वहीं दूसरी ओर इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. कमलनाथ भी अस्पताल पहुंचे और सीएम शिवराज सिंह चौहान से मांग की. कमलनाथ ने कहा कि हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सरकार को जांच करवानी चाहिए.

कमलनाथ ने कहा कि 6 महीने के अंदर यह तीसरी घटना हुई है. भाजपा सरकार हर मामले को दबाने का काम करती है. भाजपा सरकार ने पहले कोविड में हुई मौत के आंकड़ों को भी छुपाया. डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को में बधाई देता हूं. वहीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी बच्चों को देखने अस्पताल पहुंची.

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4 बच्चों की मौत की पुष्टि- संभागायुक्त

इस मामले में संभागायुक्त गुलशन बामरा ने अभी तक 4 बच्चों की मौतों की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि कमेटी बनाकर मामले की जांच की जा रही है. कुछ बच्चे अभी भी क्रिटिकल कंडीशन में है. बच्चों को बचाने का प्रयास लगातार जारी है. जल्द ही वार्ड को वापस उसी रूप में लाने का प्रयास किया जा रहा है. फायर सेफ्टी को लेकर बामरा ने कहा कि बिल्डिंग बहुत पुरानी है, ऐसे में फायर सेफ्टी के तमाम इंतजाम भी देख रहे है.

Last Updated : Nov 9, 2021, 9:25 PM IST
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