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Rani Kamlapati स्टेशन पर भारत सरकार की मुहर, उद्घाटन से पहले बदला Habibganj रेलवे स्टेशन का नाम

पीएम के उद्घाटन से पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाने का प्रस्ताव मध्य प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा है. इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए भारत सरकार ने Habibganj रेलवे स्टेशन का नाम अब रानी कमलापति स्टेशन Rani Kamlapati रख दिया है.

Habibganj railway station name changed
हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला
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Published : Nov 12, 2021, 9:59 PM IST

Updated : Nov 13, 2021, 2:29 PM IST

भोपाल। देश के पहले प्राइवेट और वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज (Habibganj Railway Station) का नाम मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्ताव के बाद बदल दिया गया. दरअसल भारत सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने को निर्णय लिया है. इसी दिन हबीबगंज रेलवे स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narednra Modi) 15 नवंबर को करने वाले है.

Habibganj railway station name changed
हबीबगंज स्टेशन अब हुआ रानी कमलापति रेलवे स्टेशन

जैसे ही पीएम के भोपाल आने की बात हुई तो बीजेपी के नेताओं ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की राजनीति शुरू कर दी थी. पीएम के उद्घाटन से पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाने का प्रस्ताव मध्य प्रदेश सरकार ने दिया है. प्रस्ताव में गौंड रानी कमलापति नाम का जिक्र किया गया है. इस प्रस्ताव पर भारत सरकार ने मुहर लगा दी है. अब हबीबगंज स्टेशन रानी कमलापति (rani kamlapati) स्टेशन के नाम से जाना जाएगा.

कौन थीं रानी कमलापति?

  • यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नामकरण गोंड रानी कमलापति जी के नाम करने पर प्रदेश वासियों की तरफ से हृदय से आभार, अभिनंदन व्यक्त करता हूं। यह निर्णय गोंड वंश के गौरवशाली इतिहास, शौर्य और पराक्रम के प्रति सम्मान और सच्ची श्रद्धांजलि है। pic.twitter.com/QnrPI1Ls3L

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 13, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल 16वीं सदी में भोपाल क्षेत्र गोंड शासकों के अधीन था. ऐसा माना जाता है कि गौंड राजा सूरज सिंह के पुत्र निजामशाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था. निजाम शाह गोंड राजा थे और उनकी सात पत्नियां थी. इनमें से एक रानी कमलापति थीं. परियों की तरह खूबसूरत रानी कमलापति राजा की सबसे प्रिय पत्नी थीं. रानी कमलापति (rani kamlapati) ने अपनी पूरे जीवन में बहादुरी से और वीरता से आक्रमणकारियों का सामना किया था. इसलिए हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम गौंड रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में किए जाने का निर्णय लिया है.

हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा

देश का पहला वर्ल्ड क्लास प्राइवेट रेलवे स्टेशन हबीबगंज (Habibganj Station) आखिर क्यों है विवादों में?

इसलिए पड़ा था हबीबगंज नाम

हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था, पहले इसका नाम शाहपुर था. हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन के विस्तार के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. इसके बाद इसका नाम हबीबगंज रखा गया था. उस समय आज के एमपी नगर का नाम गंज हुआ करता था. ऐसे में हबीब और गंज को जोड़कर तब इसका नाम हबीबगंज रखा गया था.

भोपाल। देश के पहले प्राइवेट और वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन हबीबगंज (Habibganj Railway Station) का नाम मध्य प्रदेश सरकार के प्रस्ताव के बाद बदल दिया गया. दरअसल भारत सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने को निर्णय लिया है. इसी दिन हबीबगंज रेलवे स्टेशन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narednra Modi) 15 नवंबर को करने वाले है.

Habibganj railway station name changed
हबीबगंज स्टेशन अब हुआ रानी कमलापति रेलवे स्टेशन

जैसे ही पीएम के भोपाल आने की बात हुई तो बीजेपी के नेताओं ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की राजनीति शुरू कर दी थी. पीएम के उद्घाटन से पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाने का प्रस्ताव मध्य प्रदेश सरकार ने दिया है. प्रस्ताव में गौंड रानी कमलापति नाम का जिक्र किया गया है. इस प्रस्ताव पर भारत सरकार ने मुहर लगा दी है. अब हबीबगंज स्टेशन रानी कमलापति (rani kamlapati) स्टेशन के नाम से जाना जाएगा.

कौन थीं रानी कमलापति?

  • यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नामकरण गोंड रानी कमलापति जी के नाम करने पर प्रदेश वासियों की तरफ से हृदय से आभार, अभिनंदन व्यक्त करता हूं। यह निर्णय गोंड वंश के गौरवशाली इतिहास, शौर्य और पराक्रम के प्रति सम्मान और सच्ची श्रद्धांजलि है। pic.twitter.com/QnrPI1Ls3L

    — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 13, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल 16वीं सदी में भोपाल क्षेत्र गोंड शासकों के अधीन था. ऐसा माना जाता है कि गौंड राजा सूरज सिंह के पुत्र निजामशाह से रानी कमलापति का विवाह हुआ था. निजाम शाह गोंड राजा थे और उनकी सात पत्नियां थी. इनमें से एक रानी कमलापति थीं. परियों की तरह खूबसूरत रानी कमलापति राजा की सबसे प्रिय पत्नी थीं. रानी कमलापति (rani kamlapati) ने अपनी पूरे जीवन में बहादुरी से और वीरता से आक्रमणकारियों का सामना किया था. इसलिए हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम गौंड रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में किए जाने का निर्णय लिया है.

हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा

देश का पहला वर्ल्ड क्लास प्राइवेट रेलवे स्टेशन हबीबगंज (Habibganj Station) आखिर क्यों है विवादों में?

इसलिए पड़ा था हबीबगंज नाम

हबीबगंज का नाम हबीब मियां के नाम पर रखा गया था, पहले इसका नाम शाहपुर था. हबीब मियां ने 1979 में स्टेशन के विस्तार के लिए अपनी जमीन दान में दी थी. इसके बाद इसका नाम हबीबगंज रखा गया था. उस समय आज के एमपी नगर का नाम गंज हुआ करता था. ऐसे में हबीब और गंज को जोड़कर तब इसका नाम हबीबगंज रखा गया था.

Last Updated : Nov 13, 2021, 2:29 PM IST
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