ETV Bharat / state

Gwalior Vande Bharat Train: पिता माधवराव सिंधिया की राह पर ज्योतिरादित्य, जाने क्या है इसकी वजह

author img

By

Published : Feb 23, 2023, 7:49 PM IST

वंदे भारत ट्रेन पूरे देश का आकर्षण बनीं हुई है. इसीलिए हर सांसद अपने क्षेत्र के लिए इस ट्रेन की मांग कर रहा है. इस फेहरिस्त में अब केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी जुड़ गया है. जाने क्यों मांग रहे ज्योतिरादित्य इस ट्रेन को.

gwalior vande bharat train jyotiraditya
पिता माधवराव सिंधिया की राह पर ज्योतिरादित्य

भोपाल। भारत की सेमीस्पीड वंदे भारत ट्रेन की चाह हर सांसद को है. इसकी मांग को लेकर देश का हर सांसद मोदी के दरवाजे पर खड़ा हुआ है. वहीं इसी फेहरिस्त में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आ खड़े हुए हैं. सिंधिया ने भी ग्वालियर-दिल्ली रूट के लिए मोदी से वंदे भारत ट्रेन चलाए जाने की मांग की है. सिंधिया के पहले सांसद वीडी शर्मा भी खजुराहो से दिल्ली और वाराणसी के बीच वंदे भारत ट्रेन की मांग रेलवे से कर चुके हैं.

तो इतिहास में दर्ज हो जाएगा ज्योरादित्य सिंधिया का नामः लोगों के मन में ये सवाल कौंध रहा है कि सिंधिया ने आखिर मोदी से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मांग क्यों की. जबकि ग्वालियर-दिल्ली रेलमार्ग के बीच कई ट्रेनें चल रही हैं. दरअसल इसके पीछे की वजह कुछ खास है. सिंधिया के पिता राजीव गांधी सरकार में रेल मंत्री थे. उन्होंने उस वक्त की सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस की शुरुआत की थी. जिन्होंने इस ट्रेन को दिल्ली से ग्वालियर के बीच शुरू किया था. रेलवे के आधुनिकीकरण और कम्प्यूटराइजेशन का श्रेय माधवराव सिंधिया को जाता है. माधवराव सिंधिया की खासियत ये रही कि कई बार उन्होनें शताब्दी के इंजन में ड्राइवरों के साथ ग्वालियर तक सफर भी किया.

वंदे भारत ट्रेन की क्या हैं खूबियांः वंदे भारत ट्रेन की खूबियों पर नजर डाली जाए तो आधी लागत में तैयार हुई ट्रेन की स्पीड 200 किमी. प्रतिघंटे है. वंदे भारत ट्रेन को इस तरह विकसित किया गया है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसकी स्पीड और बढ़ाई जा सके. इस ट्रेन को लेकर भारत 2016 में विदेश से सेमी हाइस्पीड ट्रेन को आयात की प्लॉनिंग कर रहा था. इस बीच सुधांशु मणि 2016 में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई के महाप्रबंधक बने. उन्होंने विदेश से आने वाली सेमी हाइस्पीड ट्रेन से आधी लागत पर स्वदेशी तकनीक से यूरोप स्टाइल वाली सेमी हाइस्पीड ट्रेन तैयार करने में सफलता हासिल कर ली. अपने पिता के पदचिन्हों पर उनके बेटे ज्योतिरादित्य भी चल रहे हैं. उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद एयर बेस और फ्लाइटों में बढ़ोत्तरी के साथ ही हाईटेक एयरपोर्ट की प्लॉनिंग भी की.अब इनकी संख्या में लगातार बढोतरी हो रही है.

ड्रोन इंडस्ट्री बढ़ाने पर जोरः केंद्रीय मंत्री सिंधिया का जोर ड्रोन टेक्नॉलोजी को और मजबूत करने पर है. उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में 1 लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी. 2030 तक भारत दुनिया का ड्रोन हब बन सकता है. उन्होंने कहा कि ड्रोन उद्योग में निवेश व रोजगार दोनों की संभावनाएं हैं. ड्रोन निर्माण के लिए 5,000 करोड़ के निवेश की उम्मीद है. जिससे 10,000 लोगों को रोजगार मिल सकता है. वहीं ड्रोन से जुड़ी सेवाओं के लिए 30,000 करोड़ के उद्योग का सृजन हो सकता है. किसानों के लिए भी ड्रोन टेक्नोलॉजी शुरू की जा रही है. जिससे वे ड्रोन के जरिए अपने खेतों में कीटनाशक सहित अन्य दवाओं का छिड़काव काम लागत पर कर सकेंगे.

श्रीधरन ने भी मेट्रो चलाकर रेलवे को आधुनिक बनायाः आज जिस मेट्रो में हम सफर करते हैं, उसका श्रेय सिविल इंजीनियरश्रीधरन को जाता है. जिन्होंने रेलवे के सफर के मायने बदल दिए हैं. श्रीधरन को लोग ‘मेट्रो मैन’ के नाम से भी जानते हैं. उन्होंने कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो का निर्माण कर देश में रेल यातायात की तस्वीर को बदल दिया. भारतीय रेलवे में आधुनिकता लाने का श्रेय भी ई श्रीधरन को ही जाता है. भारत सरकार ने ई श्रीधरन को ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया है.

भोपाल। भारत की सेमीस्पीड वंदे भारत ट्रेन की चाह हर सांसद को है. इसकी मांग को लेकर देश का हर सांसद मोदी के दरवाजे पर खड़ा हुआ है. वहीं इसी फेहरिस्त में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आ खड़े हुए हैं. सिंधिया ने भी ग्वालियर-दिल्ली रूट के लिए मोदी से वंदे भारत ट्रेन चलाए जाने की मांग की है. सिंधिया के पहले सांसद वीडी शर्मा भी खजुराहो से दिल्ली और वाराणसी के बीच वंदे भारत ट्रेन की मांग रेलवे से कर चुके हैं.

तो इतिहास में दर्ज हो जाएगा ज्योरादित्य सिंधिया का नामः लोगों के मन में ये सवाल कौंध रहा है कि सिंधिया ने आखिर मोदी से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मांग क्यों की. जबकि ग्वालियर-दिल्ली रेलमार्ग के बीच कई ट्रेनें चल रही हैं. दरअसल इसके पीछे की वजह कुछ खास है. सिंधिया के पिता राजीव गांधी सरकार में रेल मंत्री थे. उन्होंने उस वक्त की सबसे तेज ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस की शुरुआत की थी. जिन्होंने इस ट्रेन को दिल्ली से ग्वालियर के बीच शुरू किया था. रेलवे के आधुनिकीकरण और कम्प्यूटराइजेशन का श्रेय माधवराव सिंधिया को जाता है. माधवराव सिंधिया की खासियत ये रही कि कई बार उन्होनें शताब्दी के इंजन में ड्राइवरों के साथ ग्वालियर तक सफर भी किया.

वंदे भारत ट्रेन की क्या हैं खूबियांः वंदे भारत ट्रेन की खूबियों पर नजर डाली जाए तो आधी लागत में तैयार हुई ट्रेन की स्पीड 200 किमी. प्रतिघंटे है. वंदे भारत ट्रेन को इस तरह विकसित किया गया है कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसकी स्पीड और बढ़ाई जा सके. इस ट्रेन को लेकर भारत 2016 में विदेश से सेमी हाइस्पीड ट्रेन को आयात की प्लॉनिंग कर रहा था. इस बीच सुधांशु मणि 2016 में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई के महाप्रबंधक बने. उन्होंने विदेश से आने वाली सेमी हाइस्पीड ट्रेन से आधी लागत पर स्वदेशी तकनीक से यूरोप स्टाइल वाली सेमी हाइस्पीड ट्रेन तैयार करने में सफलता हासिल कर ली. अपने पिता के पदचिन्हों पर उनके बेटे ज्योतिरादित्य भी चल रहे हैं. उड्डयन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने के बाद एयर बेस और फ्लाइटों में बढ़ोत्तरी के साथ ही हाईटेक एयरपोर्ट की प्लॉनिंग भी की.अब इनकी संख्या में लगातार बढोतरी हो रही है.

ड्रोन इंडस्ट्री बढ़ाने पर जोरः केंद्रीय मंत्री सिंधिया का जोर ड्रोन टेक्नॉलोजी को और मजबूत करने पर है. उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में 1 लाख ड्रोन पायलटों की जरूरत होगी. 2030 तक भारत दुनिया का ड्रोन हब बन सकता है. उन्होंने कहा कि ड्रोन उद्योग में निवेश व रोजगार दोनों की संभावनाएं हैं. ड्रोन निर्माण के लिए 5,000 करोड़ के निवेश की उम्मीद है. जिससे 10,000 लोगों को रोजगार मिल सकता है. वहीं ड्रोन से जुड़ी सेवाओं के लिए 30,000 करोड़ के उद्योग का सृजन हो सकता है. किसानों के लिए भी ड्रोन टेक्नोलॉजी शुरू की जा रही है. जिससे वे ड्रोन के जरिए अपने खेतों में कीटनाशक सहित अन्य दवाओं का छिड़काव काम लागत पर कर सकेंगे.

श्रीधरन ने भी मेट्रो चलाकर रेलवे को आधुनिक बनायाः आज जिस मेट्रो में हम सफर करते हैं, उसका श्रेय सिविल इंजीनियरश्रीधरन को जाता है. जिन्होंने रेलवे के सफर के मायने बदल दिए हैं. श्रीधरन को लोग ‘मेट्रो मैन’ के नाम से भी जानते हैं. उन्होंने कोंकण रेलवे और दिल्ली मेट्रो का निर्माण कर देश में रेल यातायात की तस्वीर को बदल दिया. भारतीय रेलवे में आधुनिकता लाने का श्रेय भी ई श्रीधरन को ही जाता है. भारत सरकार ने ई श्रीधरन को ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.