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Guru Purnima 2021: कब है गुरु पूर्णिमा, क्या है विशेष महत्व, जानिए सभी सवालों के जवाब - एमपी में गुरू पूर्णिमा

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में देशभर में मनाया जाता है. इस बार 24 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी. आईये जानते हैं क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व और इस त्योहार को मनाने का सही तरीका.

Guru Purnima 2021
गुरु पूर्णिमा
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Published : Jul 22, 2021, 9:05 PM IST

हैदराबाद। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है. इस पर्व को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई शनिवार को मनाया जाएगा. इस दिन विशेष रूप से गुरुजनों की पूजा की जाती है.

कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा

पंचांग के अनुसार पूर्णिमा 23 जुलाई सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 24 जुलाई को सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर खत्म होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य उदय के दौरान जो तिथि होती है उसे दिनभर माना जाता है. इस हिसाब से 24 जुलाई को सूर्य उदय के दौरान पूर्णिमा तिथि होगी. इसलिए गुरु पूर्णिमा का त्योहार 24 जुलाई को मनाया जाएगा.

क्यों कहते हैं व्यास पूर्णिमा ?

ऋषि वेद व्यास का जन्म होने के कारण इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. महर्षि व्यास जगतगुरु माने जाते हैं इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा नाम दिया गया है. गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन मास की शुरुआत होती है. इसलिए हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. इस दिन गुरुजनों की पूजा का भी विशेष महत्व है. हिंदू धर्म के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुजनों को प्रणाम करने से बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है.

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गुरु पूर्णिमा पर क्या करें?

गुरु पूर्णिमा पर प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और अपने माता-पिता को प्रणाम करें. क्योंकि दुनिया में सबसे पहला और सबसे बड़ा गुरु माता-पिता को ही माना गया है. इसके बाद आपको शिक्षा देने वाले गुरुजनों को प्रणाम करें. गुरुओं के आशीर्वाद से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में इष्ट देव को भी गुरु माना जाता है. इसलिए आप इस दिन अपने इष्ट देव की पूजा करके भी विशेष फल की प्राप्ति कर सकते हैं.

हैदराबाद। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है. इस पर्व को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई शनिवार को मनाया जाएगा. इस दिन विशेष रूप से गुरुजनों की पूजा की जाती है.

कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा

पंचांग के अनुसार पूर्णिमा 23 जुलाई सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 24 जुलाई को सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर खत्म होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य उदय के दौरान जो तिथि होती है उसे दिनभर माना जाता है. इस हिसाब से 24 जुलाई को सूर्य उदय के दौरान पूर्णिमा तिथि होगी. इसलिए गुरु पूर्णिमा का त्योहार 24 जुलाई को मनाया जाएगा.

क्यों कहते हैं व्यास पूर्णिमा ?

ऋषि वेद व्यास का जन्म होने के कारण इस पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. महर्षि व्यास जगतगुरु माने जाते हैं इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा नाम दिया गया है. गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से सावन मास की शुरुआत होती है. इसलिए हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है. इस दिन गुरुजनों की पूजा का भी विशेष महत्व है. हिंदू धर्म के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुजनों को प्रणाम करने से बुद्धि और विद्या में वृद्धि होती है.

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गुरु पूर्णिमा पर क्या करें?

गुरु पूर्णिमा पर प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और अपने माता-पिता को प्रणाम करें. क्योंकि दुनिया में सबसे पहला और सबसे बड़ा गुरु माता-पिता को ही माना गया है. इसके बाद आपको शिक्षा देने वाले गुरुजनों को प्रणाम करें. गुरुओं के आशीर्वाद से ही ज्ञान की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में इष्ट देव को भी गुरु माना जाता है. इसलिए आप इस दिन अपने इष्ट देव की पूजा करके भी विशेष फल की प्राप्ति कर सकते हैं.

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