भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया. 1484 बच्चों ने मिलकर एग्रो रोबोट का यह रिकॉर्ड बनाया. बच्चों ने यह पूरा रोबोट 50 मिनट में तैयार किया. इसके पहले यह रिकॉर्ड हांगकांग के नाम था. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की लिस्ट में भोपाल का नाम जुड़ गया है. भोपाल के मैनिट में चल रहे साइंस फेस्टिवल में 1600 छात्रों ने एक साथ एग्रो रोबोट्स बनाने के लिए हिस्सा लिया. जिसमे से 1484 ने ये रिकॉर्ड बनाया. सभी को एक-एक रोबोट बनाने के लिए दिया गया था. इसके लिए 50 मिनेट का समय निर्धारित किया गया था और छात्रों को इसके अंदर इस रोबोट को कंप्लीट करना था. जबकि कई छात्र 15 मिनट में ही इसे बनाने में सफल रहे.
1484 बच्चों ने बनाया रिकॉर्ड: आयोजन समिति विज्ञान भारती की मयूरी दत्त ने बताया कि पहले यह रिकॉर्ड हांगकांग के नाम था. जहां पर 270 बच्चों ने इस रिकॉर्ड को बनाया था. जबकि भोपाल में 1484 बच्चे एक साथ इस रिकॉर्ड के लिए बैठे और उन्होंने इसे बनाया है. इस एग्री रोबोट में 4 कैटेगरी को रखा गया था. जिसमें रोबोट में, रोबोट सीड्स को भी मिट्टी में डालता था. जिसमें छोटे-छोटे सीड्स रखे गए थे. दूसरा पीछे पानी की 1 बोतल लगी थी, जिसके माध्यम से वह सीड्स की सिंचाई भी करता है. तीसरा पानी की सिंचाई के बाद मिट्टी को समतल करने के लिए भी पीछे अलग से एक पार्ट रखा गया है. जबकि चौथा आगे की और वह मिट्टी की खुदाई भी करता है. ऐसे में यह रोबोट अपने आप में एक रिकॉर्ड साबित हुआ.
अनोखा रिकॉर्ड: 15 साल तक नहीं ली छुट्टी, बनाया यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड
रोबोट बनाकर उत्साहित हुए बच्चे: यहां बच्चों ने बताया कि उनको इन रोबोट को बनाने में ज्यादा समय और मेहनत नहीं लगी. उन्हें इसे बनाने में बहुत आनंद आया है और उनके लिए यह अलग ही अनुभव है. बच्चों और यहां मौजूद उनके मेंटर्स को सबसे ज्यादा खुशी यह रही कि उन्होंने चाइना का रिकॉर्ड तोड़ा है. चीन का रिकॉर्ड तोड़ने से इनके अंदर राष्ट्रभक्ति का भी काफी जोश देखने को मिला. इस विश्व रिकॉर्ड के लिए कक्षा 6 से 9 तक के स्टूडेंट्स का चयन किया गया था. जो भोपाल के अलग-अलग स्कूलों से शामिल होने यहां आए थे.गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि ऋषि नाथ इस कार्यक्रम में बतौर जज मौजूद थे. उन्होंने भी यहां बच्चों की हौसला अफजाई की और वह भी इस रिकॉर्ड से बेहद खुश नजर आए. उनका कहना था कि निश्चित ही बच्चे बहुत अच्छा कर गए. ऋषि ने यह अवार्ड विभाग मध्यप्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को दिया. इसमें 16 बच्चे बैठे थे, जिसमें से 1484 बच्चों ने मिलकर यह रिकॉर्ड बनाया. रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट भी यहां ऋषि ने दिया.