भोपाल| प्रदेश सरकार से नियमितीकरण की मांग को लेकर पिछले 70 दिनों से राजधानी के शाहजहानी पार्क में प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों ने सरकार पर आंदोलन को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है. अतिथि विद्वानों का कहना है कि वे काफी दिनों से इस चीज को महसूस कर रहे हैं कि सरकार इस आंदोलन को किसी भी तरह से समाप्त करवाना चाहती है जिसके लिए लगातार साजिश की जा रही है लेकिन सभी अतिथि विद्वान आज भी पूरी एकता के साथ अपनी मांगों पर आज भी कायम है.
लॉलीपॉप चॉइस फिलिंग: अतिथि विद्वान
अतिथि विद्वानों के द्वारा सरकार द्वारा चलाई जा रही चॉइस फिलिंग को भी केवल लॉलीपॉप बताया है. अतिथि विद्वानों का आरोप है कि सरकार गुमराह करने का काम कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि जो चॉइस फिलिंग सरकार के द्वारा चलाई जा रही है उसके तहत भी अतिथि विद्वानों को पोस्टिंग नहीं मिल रही है कई अतिथि विद्वान लगातार परेशान हो रहे हैं अतिथि विद्वानों का कहना है कि जब तक सरकार के द्वारा लिखित में आदेश नहीं दे दिया जाता है तब तक आंदोलन किसी भी हाल में समाप्त नहीं होगा हम जिस मांग को लेकर भोपाल आए हैं उसे पूरा करवाने के बाद ही वापस जाएंगे.
सरकार पर आंदोलन खत्म करने का लगाया आरोप
महिला अतिथि विद्वान अर्चना जायसवाल के मुताबिक सरकार द्वारा लगातार साजिश रची जा रही है कि किसी तरह से हमारा आंदोलन खत्म हो जाए लेकिन हम उनकी इस साजिश में आने वाले नहीं है मंत्री जीतू पटवारी जो नौटंकी करना चाहते हैं वह यहां पर नहीं चलने वाली है हम तब तक यहां पर जमे रहेंगे जब तक कि हमें लिखित में आदेश नहीं दे दिया जाता है.
सरकार पर लगाया गुमराह करने का आरोप
अतिथि विद्धान ने बतया कि मंत्री जीतू पटवारी को यहां पर आकर देखना चाहिए कि हम किस तरह से इतनी ठंड में भी लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार द्वारा जो चॉइस फिलिंग की जा रही है उससे गुमराह करने का काम भी किया जा रहा है क्योंकि 2700 अतिथि विद्वानों के लिए मात्र 680 पोस्ट निकाली गई है ऐसी स्थिति में 2700 अतिथि विद्वानों को कैसे नौकरी दी जा सकती है. इसका जवाब भी मंत्री जीतू पटवारी को देना चाहिए.
यूं किया कमलनाथ सरकार पर हमला
महिला अतिथि विद्वान अर्चना का कहना है कि हम लोगों के द्वारा पीएचडी करके क्या गलती कर दी गई है जिस व्यापम टू का नाम इस सरकार के द्वारा दिया गया था अब उसी के माध्यम से भर्तियां शुरू कर दी गई है हम तो केवल यही कहना चाहते हैं कि सरकार को अपने बच्चों को पढ़ाना दिखाना बंद कर देना चाहिए और उन्हें केवल आश्वासन, झूठ बोलना ही सिखाना चाहिए. वे लोग बहुत पैसा कमा लेंगे.
उन्होंने कहा कि हम सरकार से इतना ही कहना चाहते हैं कि जिन बच्चों को हम अतिथि विद्वानों के द्वारा पढ़ाया गया है और वे आज अच्छी जगह पर नौकरी कर रहे हैं उन सभी छात्रों को नौकरी से हटा दिया जाए तो हम अपना पंडाल छोड़कर चले जाएंगे .