भोपाल। करीब छह महीने बाद आज यानि 28 मई को GST काउंसिल की 43वीं बैठक होने वाली है. कोरोना संकट के बीच हो रही यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुबह 11 बजे शुरू होगी. कोरोना काउंसिल की 43वीं बैठक को काफी मायनों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसमें राज्यों के लिए कंपनसेशन मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. वहीं कोरोना संकट की दूसरी लहर के बाद उपजी परिस्थितियों में दवाओं, मेडिकल डिवाइस, स्वास्थ्य सुविधाओं पर टैक्स छूट देने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है. बैठक काफी हंगामेदार होने के भी आसार जताए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि गैर बीजेपी शासित राज्यों के वित्त मंत्री सरकार पर टैक्स कलेक्शन में हुए नुकसान की भरपाई के मसले पर घेरने की कोशिश कर सकते हैं.
इन मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद
- टैक्स की दरों पर विचार-विमर्श के अलावा GST काउंसिल की बैठक में राज्यों को 2.69 लाख करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराने पर चर्चा हो सकती है.
- बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा कोरोना की रोकथाम के लिए इस्तेमाल की जा रही वैक्सीन को कर मुक्त करने या उस पर लगाए जाने वाले GST को न्यूनतम करने का ही रहने वाला है. अभी वैक्सीन पर 5 फीसदी की दर से GST वसूला जाता है. कई राज्यों ने इसे GST से मुक्त करने की मांग की है.
- जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों पर भी चर्चा होने की संभावना है. माना जा रहा है कि कल केंद्रीय वित्त मंत्री तमाम राज्यों के वित्त मंत्रियों का विचार जानने के बाद इस दिशा में पहल कर सकती हैं.
- जीएसटी काउंसिल की बैठक में टू-व्हीलर पर जीएसटी रेट को 28% से घटाकर कम करने का मुद्दा भी उठ सकता है. ताकि कोरोना संकट के इस दौर में गाड़ियों की बिक्री को बूस्ट मिले.
वैक्सीन पर GST हटाने पर केंद्र का तर्क
केंद्र का मानना है कि वैक्सीन को GST से मुक्त करने पर वैक्सीन निर्माताओं को इनपुट क्रेडिट का फायदा नहीं होगा. जिस वजह से वैक्सीन अभी की तुलना में और ज्यादा महंगी हो जाएगी. माना जा रहा है के इनपुट क्रेडिट की बात को ध्यान में रखते हुए कोरोना की वैक्सीन पर 0.1 फीसदी की दर जैसा मामूली जीएसटी लगाने पर विचार किया जा सकता है. ताकि निर्माताओं को इनपुट क्रेडिट का फायदा भी मिल सके और वैक्सीन की कीमत में भी कमी लाई जा सके.
जीएसटी परिषद की बैठक में जीवन रक्षक उपकरणों पर जीरो रेट टैक्स की मांग करेगी कांग्रेस
MP की तरफ से राहत की मांग को लेकर ज्ञापन
मप्र की तरफ से भी राहत की मांग की गई है. प्रदेश के कर सलाहकारों और वकीलों ने महामारी के दौर में जीएसटी के नियम-कानूनों में जरूरी बदलाव और राहत की मांग रखी है. जीएसटी काउंसिल में निर्णय लिए जाने की उम्मीद के साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन भी भेजा गया है. नेशनल एसोसिएशन ऑफ टैक्स प्रोफेशनल्स, मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन और कमर्शियल टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन की ओर से संयुक्त ज्ञापन भेजा गया है. ईमेल से भेजे गए इस ज्ञापन में पांच बिंदुओं को काउंसिल की बैठक के एजेंडे में शामिल कर निर्णय लेने की मांग की गई है.