रोहतास: शहीद कमांडो ज्योति प्रकाश निराल...भारतीय वायु सेना के वीर सपूत, जिन्होंने कश्मीर के बांदीपोरा में देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे. आज उसी वीर गरुड़ कमांडो निराला की बहन शशिकला की शादी थी. बहन की शादी में निराला तो मौजूद नहीं थे. लेकिन उनकी ये कमी उनके दोस्तों ने पूरी कर दी.
शादी में विदाई की रस्म तो हर जगह एक जैसी होती है. लेकिन रोहतास में एक ऐसी विदाई हुई जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. भाइयों ने मिलकर अपनी लाडली बहन को डोली में बिठाकर विदा किया. विदाई कुछ ऐसी हुई की सभी की आंखें नम हो गई. शहीद कमांडो ज्योति प्रकाश निराला की बहन की शादी में गरूड़ कमांडो की टीम पहुंची थी.
इस शादी में देश के विभिन्न राज्य पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़ के करीब 100 जवान शामिल हुए. अपने शहीद दोस्त की बहन की शादी में इन जवानों ने भाई का फर्ज निभाते हुए विदाई के समय दुल्हन के पांव को जमीन पर पड़ने नहीं दिया. जहां-जहां दुल्हन के पैर पड़ते थे, उससे पहले ही जवान अपने हथेली बिछा देते. जवानों ने इस शादी में बहन को उसके शहीद भाई निराला की कमी महसूस नहीं होने दी.
'बेटे के दोस्तों ने भाई का फर्ज अदा किया'
शहीद के पिता को इस पर गर्व है कि उसका बेटा आज उनके पास नहीं है फिर भी उनके बेटे के दोस्तों ने भाई का फर्ज अदा किया.
'भाई की कमी को जवानों ने महसूस होने नहीं दिया'
बहन शशि कला ने कहा कि आज जब उसकी शादी हो रही थी तो उसके भाई की कमी को जवानों ने महसूस होने नहीं दिया उसने एक भाई तो खोया है लेकिन जिस तरह जवानों ने अपने भाई होने का फर्ज निभाया मेरे लिए यह गौरव की बात है.
गर्व भी खुशी भी: दूल्हा
शहीद निराला की बहन की शादी डेहरी के पाली रोड स्थित लोको पायलट सुजीत के साथ हुई है. सुजीत शहीद की बहन से शादी कर खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं.
गरुड़ कमांडो जेपी निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र
बता दें कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के गरुड़ कमांडो ज्योति प्रकाश निराला, जो जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे, उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था, जो शांति के समय दिया जाना वाला देश का सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर आयोजित 69वें गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान निराला की पत्नी को यह सम्मान प्रदान किया था.
आतंकियों को ढेर कर हुए थे शहीद
निराला, 18 नवंबर 2017 को बांदीपोरा जिले के चंदरनगर गांव में गरुड़ की टुकड़ी और राष्ट्रीय राइफल द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किए गए एक आक्रामक अभियान का हिस्सा थे. गरुड़ की टुकड़ी ने जिस घर में आतंकवादी छिपे हुए थे, वहां चारों ओर से घात लगाया. इसी बीच छह आतंकवादी बाहर भागते हुए आए और अंधाधुंध गोलियां बरसाई और हथगोले फेंकना शुरू कर दिए.
निराला ने लश्कर के दो आतंकवादियों को मार गिराया और दो को घायल कर दिया. मुठभेड़ के दौरान वह भी गोली लगने से घायल हुए. गंभीर रूप जख्मी होने के बावजूद निराला ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया. और आखिरकार दम तोड़ दिया. इस दौरान सभी छह आतंकवादी मारे गए.