भोपाल| टमाटर और प्याज की महंगाई के बाद अब हरी सब्जियों पर भी महंगाई का असर दिखाई देने लगा है. राजधानी के मुख्य बाजारों में मिलने वाली हरी सब्जियां अब महंगे दामों में बिक रही हैं. जिसका सीधा असर लोगों की थाली पर दिखाई देने लगा है. लोगों को इन महंगी सब्जियों को ही खरीदना पड़ेगा क्योंकि फिलहाल अभी इस महंगाई से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे है.
व्यापारियों का मानना है कि प्रदेश में हुई तेज बारिश के चलते खेतों में लगी सब्जियां पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं और नई आवक आने में अभी समय लगेगा इसलिए इस समय लगातार सब्जियों के दाम बढ़ते जा रहे हैं.
राजधानी की क्रोध सब्जी मंडी में हरी सब्जियों की आवक कम हो गई है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश से खेतों में पानी भरा हुआ है. जिसकी वजह से यहां लगी सब्जियां लगभग पूरी तरह सड़ चुकी हैं. मंडी में आवक कम होने से सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. अलग-अलग स्थानों पर लगने वाले हाट बाजारों में 30 से 40 रुपए में मिलने वाली गिलकी अब 80 रुपए प्रति किलो के भाव से मिल रही है, तो वहीं 20 से 30 रुपए में मिलने वाली भिंडी अब 60 रुपए पार कर चुकी है. वहीं बरबटी के मूल्य में भी भारी वृद्धि हुई है और बरबटी सौ रुपए के पार पहुंच गई है.
विट्ठल मार्केट हाट बाजार के व्यापारियों का कहना है कि राजधानी की मुख्य सब्जी मंडी करोंद में भी महंगी सब्जियां आ रही हैं. जहां एक तरफ प्याज के दाम पहले से ही ज्यादा हैं. ऐसे में हरी सब्जियों की भी आवक कम होने की वजह से अब इनके भी दामों में इजाफा होने लगा है. जब बड़ी मंडियों में ही हरी सब्जियां महंगे दामों पर मिलेंगी तो छोटा व्यापारी भी उसमें अपना मुनाफा और लोडिंग चार्ज मिलाकर बेचेगा. ऐसी स्थिति में सब्जियों के दाम दोगुने से ज्यादा हो रहे हैं. जो सब्जियां पहले 20 से 30 रुपए में मिल जाया करती थी. अब वही सब्जी 60 से 80 रुपए में मिल रही है.
व्यापारियों का कहना है कि फिलहाल राहत के आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं व्यापारियों को उम्मीद है कि 10 से 15 दिनों के बाद नई फसल आने से सब्जियों के दाम में गिरावट आएगी.