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OBC मामले में SC जाएगी सरकार, HC के आदेश को देगी चुनौती , CM की बैठक में लगी मुहर

शिवराज सरकार, सरकारी भर्तियों में पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण मामले पर हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. इस मसले पर सीएम ने पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. क्रीमी लेयर की सीमा को बढ़ाने को लेकर भी विचार विमर्श किया गया है.

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Published : Jul 15, 2021, 10:43 AM IST

Updated : Jul 15, 2021, 11:31 AM IST

govt to move to SC in OBC matter
HC के खिलाफ SC जाएगी सरकार

भोपाल। सरकारी भर्तियों में पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय जाने का मन बना लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार देर शाम पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे को लेकर चर्चा की. बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाहा ने इसकी जानकारी दी.

OBC Reservation पर सुनवाईः HC ने 27% पर रोक बरकरार, आदेश आने तक 14% पर होगी भर्ती

कुशवाहा ने बताया कि बैठक में पिछड़ा वर्ग के सभी विधायक, सांसद व माेर्चा के पदाधिकारी शामिल हुए थे. इसमें माेर्चा के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने सरकारी भर्तियों में ओबीसी वर्ग के आरक्षण की सीमा को 14% को बरकरार रखे जाने को लेकर चर्चा हुई है.

पिछली सरकार है जिम्मेदार

कुशवाहा ने इस मामले में पूर्व की कांग्रेस सरकार पर इस मसले पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया. कहा कि तत्कालीन सरकार ने पक्ष ठीक से नहीं रखा था. कुशवाहा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27% कर दिया था, लेकिन जब इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तो सरकार की तरफ से सही तरीके से पक्ष नहीं रखा गया. लेकिन अब इस मामले में नियमानुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर बैठक में चर्चा हुई है.

क्या है HC का फैसला?

ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी किए जाने और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) आरक्षण के संबंध में दायर 70 से अधिक याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मंगलवार को 14% से अधिक के आरक्षण पर लगी रोक के अंतरिम आदेश को बरकरार रखा.

मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार के आवेदन पर चिकित्सा शिक्षा विभाग में ओबीसी वर्ग के लिए 27% आरक्षण के साथ सिलेक्शन लिस्ट बनाने की अनुमति दे दी है, लेकिन कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि यह लिस्ट 14% आरक्षण के साथ ही जारी की जाए.

इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत हुई नियुक्तियां भी अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी. याचिका पर अगली सुनवाई 10 अगस्त को निर्धारित की गई है.

भोपाल। सरकारी भर्तियों में पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय जाने का मन बना लिया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार देर शाम पिछड़ा वर्ग मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे को लेकर चर्चा की. बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाहा ने इसकी जानकारी दी.

OBC Reservation पर सुनवाईः HC ने 27% पर रोक बरकरार, आदेश आने तक 14% पर होगी भर्ती

कुशवाहा ने बताया कि बैठक में पिछड़ा वर्ग के सभी विधायक, सांसद व माेर्चा के पदाधिकारी शामिल हुए थे. इसमें माेर्चा के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने सरकारी भर्तियों में ओबीसी वर्ग के आरक्षण की सीमा को 14% को बरकरार रखे जाने को लेकर चर्चा हुई है.

पिछली सरकार है जिम्मेदार

कुशवाहा ने इस मामले में पूर्व की कांग्रेस सरकार पर इस मसले पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया. कहा कि तत्कालीन सरकार ने पक्ष ठीक से नहीं रखा था. कुशवाहा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन सरकार ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ओबीसी आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27% कर दिया था, लेकिन जब इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तो सरकार की तरफ से सही तरीके से पक्ष नहीं रखा गया. लेकिन अब इस मामले में नियमानुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर बैठक में चर्चा हुई है.

क्या है HC का फैसला?

ओबीसी आरक्षण को 27 फीसदी किए जाने और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) आरक्षण के संबंध में दायर 70 से अधिक याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मंगलवार को 14% से अधिक के आरक्षण पर लगी रोक के अंतरिम आदेश को बरकरार रखा.

मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने सरकार के आवेदन पर चिकित्सा शिक्षा विभाग में ओबीसी वर्ग के लिए 27% आरक्षण के साथ सिलेक्शन लिस्ट बनाने की अनुमति दे दी है, लेकिन कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि यह लिस्ट 14% आरक्षण के साथ ही जारी की जाए.

इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के तहत हुई नियुक्तियां भी अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी. याचिका पर अगली सुनवाई 10 अगस्त को निर्धारित की गई है.

Last Updated : Jul 15, 2021, 11:31 AM IST
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