भोपाल। प्रदेश में जारी लॉक डाउन की वजह से छात्रों की शिक्षा प्रभावित हुई है तो वहीं विश्वविद्यालय भी परीक्षाओं को लेकर सही रणनीति नहीं बना पा रहे हैं. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा 16 जून से आयोजित की जा रही तकनीकी पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं को लेकर विवाद जारी है, जिसे लेकर राजभवन ने नाराजगी जाहिर की है.
उच्च शिक्षा से जुड़े प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को लेकर की जा रही तैयारियों पर भी राजभवन ने अप्रसन्नता जताई है. राज्यपाल की ओर से प्रदेश के सभी तकनीकी और उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को समस्त जानकारियों के साथ आज राजभवन बुलाया गया है. राजभवन में शनिवार सभी कुलपतियों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए यह बैठक आयोजित की जा रही है.
बताया जा रहा है कि तकनीकी और सामान्य पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं में लगातार हो रही देरी और सामने आ रहे विवादों पर कुलपतियों द्वारा लिए गए फैसलों की राजभवन की ओर से समीक्षा की जाएगी. साथ ही आगामी परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालयों के द्वारा किस तरह की तैयारियां की गई हैं, इसे लेकर भी पूरी रिपोर्ट तलब की जाएगी. वहीं विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए भी विश्वविद्यालय के द्वारा किए जा रहे उपायों को लेकर भी इस बैठक के दौरान चर्चा होगी.
छात्र कर रहे परिक्षाओं का विरोध
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के द्वारा 16 जून से परीक्षाओं का आयोजन करवाया जा रहा है, लेकिन छात्र इन परीक्षाओं का जमकर विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने पूर्ण रूप से तैयारी नहीं की है. इसे लेकर लगातार मांग भी की जा रही है कि या तो परीक्षाओं को कुछ समय के लिए आगे बढ़ा दिया जाए या फिर इस वर्ष की परीक्षाओं को भी स्थगित करते हुए बच्चों को पार कर दिया जाए. इसके अलावा तकनीकी पाठ्यक्रमों में परीक्षा देने के लिए फार्म भरने की अंतिम तिथि 8 जून घोषित की गई है. हालांकि अभी भी अत्यधिक विद्यार्थियों ने अपने परीक्षा फार्म जमा नहीं किए है.
विश्वविद्यालय परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं
आज होने वाली कुलपतियों की इस बैठक में राज्यपाल इन सभी विषयों को लेकर चर्चा करेंगे. साथ ही कोरोना संकट काल में विद्यार्थियों को संक्रमण से बचाने के लिए भी दिशानिर्देश सभी कुलपतियों को देंगे. बताया जा रहा है कि बहुत से विश्वविद्यालय इस समय पर परीक्षा कराने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि प्रदेश के अधिकांश जिलों में अभी भी तेजी से कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है जो छात्रों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है.