भोपाल। राजभवन में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में राज्यपाल लालजी टंडन ने कार्यों की समीक्षा की. इसके साथ ही पूर्व निर्देशों पर कितना अमल किया गया है, इसे लेकर राज्यपाल ने रिपोर्ट भी मांगी है. बैठक में राज्यपाल की पहल पर विश्वविद्यालय को पशुपालन विभाग द्वारा सौ-सौ गायों की 10 गौशालाएं संचालित करने के लिए अनुदान उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही यूनिवर्सिटी में स्थापित किए गए नवाचारों को लेकर भी विस्तृत रिपोर्ट राज्यपाल लालजी टंडन को प्रस्तुत की गई है.
बैठक को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि गौ नस्ल सुधार का अभियान विश्वविद्यालय द्वारा चलाया जाए. यूनिवर्सिटी केवल अनुदान पर आश्रित नहीं रहे, बल्कि आय के अन्य स्त्रोत विकसित कर आत्मनिर्भर बनें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मिशन मोड में गौ संरक्षण और संवर्धन की समग्र योजना पर कार्य करें. नस्ल सुधार, चारा और दूध उत्पादन में नई तकनीक के उपयोग का एकीकृत रूप से क्रियान्वयन करें.
तैयार करे उन्नत गौवंश: राज्यपाल
राज्यपाल लालजी टंडन ने बताया कि गौवंश को बचाना वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती है. इस परिदृश्य को बदलने के लिए विश्विद्यालय गौ पालन के समग्र प्रोजेक्ट पर कार्य करें. उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग निराश्रित गायों को विश्वविद्यालय में रखकर उनको सेरोगेटेड मदर की तरह उपयोग करने की पहल पर विचार किया जाए. इसके साथ ही लक्ष्य बनाकर देशी नस्ल की उन्नत बछिए विश्विद्यालय द्वारा तैयार किए जाएं.
बछिए के विक्रय से यूनिवर्सिटी की होगी आर्थिक निर्भरता कम: राज्यपाल
राज्यपाल ने संबधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बछिए के विक्रय से विश्वविद्यालय की आर्थिक निर्भरता कम होगी. इसी तरह चारा उत्पादन का कार्य भी नई विधि से किया जाए. चारा रखने के ऐसे बैग मिल रहे हैं, जिनमें एक से डेढ़ माह तक हरा चारा सुरक्षित रहता है. उत्पादित चारा जहां एक ओर विश्वविद्यालय के पशुओं की आहार आवश्यकताओं को पूर्ति करेगा, तो वहीं उसकी बिक्री से क्षेत्र में दूध के उत्पादन में भी वृद्धि होगी.
संसाधनों के विकास कार्यों को दी जाए प्राथमिकता
लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय मूल्यवर्धक गतिविधियों के प्रसार के प्रयासों पर विशेष बल दे. संसाधनों के विकास के कार्यों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि नई परियोजना सेल्फ सस्टेनेबल रहें. उन्होंने कहा कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा बॉयो गैस प्लांट लगाने की योजना संचालित की गई है, जिसमें प्लांट लगाने के साथ कम्पनी उत्पादित गैस भी खरीद लेती है. प्लांट का अवशेष भी समृद्ध खाद होता है, जिसे तालाब में प्रवाहित कर मत्स्य उत्पादन में कई गुणा वृद्धि की जा सकती है.
'गाय की प्रजनन क्षमता में सुधार की जरूरत'
राज्यपाल लालजी टंडन ने आशा जताते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी गायों की प्रजनन क्षमता में भी सुधार के जरूरी प्रयास करें. नई विधियों से एक साल में कई उन्नत नस्ल तैयार करने के उदाहरण मिल रहे हैं. इसका विस्तार कर देशी नस्ल को बेहतर बनाने के काम किए जाएं. केन्द्र सरकार देशी नस्ल सुधार कार्यक्रम पर विशेष बल दे रही है.
बैठक में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डॉ. पीडी जुयाल ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने देशी नस्ल की नर्मदा निधि विकसित की है, जो ग्रामीण परिवेश में पालन की उपयुक्त नस्ल है. क्लोनिंग प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक पेटेंट भी मिला है.