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राज्यपाल ने कुलपतियों के साथ की बैठक, किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में हुई चर्चा - किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में की चर्चा

विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से राजभवन में आयोजित बैठक में राज्यपाल लालजी टंडन ने किसान की आमदनी दोगुना करने के बारे में बात की.

राज्यपाल ने ली कुलपतियों की बैठक
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Published : Sep 10, 2019, 8:39 AM IST

भोपाल। राजभवन में कृषि एवं वेटनरी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से किसान की आमदनी दोगुना करने के बारे में राज्यपाल लालजी टंडन ने विस्तृत चर्चा की है. बैठक में नानाजी देशमुख वेटनरी साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर के कुलपति डा. प्रयाग दत्त जुयाल, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डा. प्रदीप कुमार बिसेन और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डा. एस.के. राव और अन्य विषय विशेषज्ञ, अधिकारी मौजूद रहे.

राज्यपाल ने ली कुलपतियों की बैठक

राज्यपाल ने कहा कि कम लागत में ज्यादा कृषि उत्पादन का व्यवहारिक मॉडल बनाए जीरो बजट की खेती के तरीके खोजें, साथ ही उन्होंने फलों के बगीचे में हल्दी, अदरक और काली मिर्च की मिश्रित खेती करने को कहा. राज्यपाल ने ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का उदाहरण देते हुये कुलपतियों का आव्हान किया कि वे देशी पशुधन की नस्ल सुधार के प्रयासों में आगे आएं.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय खुद की जमीन पर प्रोजेक्ट बनाकर काम कर उसकी प्रमाणिकता की जांच करें. उन्होंने कहा कि गाय के गोबर और गौमूत्र से खाद और कीटनाशक तैयार किये जा सकते हैं. इससे रोगमुक्त फसल पैदा की जा सकती है. रासायनिक उर्वरकों पर होने वाला बड़ा खर्च बचाकर भी किसान की आय को दोगुना किया जा सकता है .

भोपाल। राजभवन में कृषि एवं वेटनरी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से किसान की आमदनी दोगुना करने के बारे में राज्यपाल लालजी टंडन ने विस्तृत चर्चा की है. बैठक में नानाजी देशमुख वेटनरी साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर के कुलपति डा. प्रयाग दत्त जुयाल, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डा. प्रदीप कुमार बिसेन और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डा. एस.के. राव और अन्य विषय विशेषज्ञ, अधिकारी मौजूद रहे.

राज्यपाल ने ली कुलपतियों की बैठक

राज्यपाल ने कहा कि कम लागत में ज्यादा कृषि उत्पादन का व्यवहारिक मॉडल बनाए जीरो बजट की खेती के तरीके खोजें, साथ ही उन्होंने फलों के बगीचे में हल्दी, अदरक और काली मिर्च की मिश्रित खेती करने को कहा. राज्यपाल ने ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का उदाहरण देते हुये कुलपतियों का आव्हान किया कि वे देशी पशुधन की नस्ल सुधार के प्रयासों में आगे आएं.

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय खुद की जमीन पर प्रोजेक्ट बनाकर काम कर उसकी प्रमाणिकता की जांच करें. उन्होंने कहा कि गाय के गोबर और गौमूत्र से खाद और कीटनाशक तैयार किये जा सकते हैं. इससे रोगमुक्त फसल पैदा की जा सकती है. रासायनिक उर्वरकों पर होने वाला बड़ा खर्च बचाकर भी किसान की आय को दोगुना किया जा सकता है .

Intro:विश्वविद्यालय किसान की अतिरिक्त आय के माध्यम खोजें , आमदनी दोगुना करने व्यवहारिक मॉडल बनायें = राज्यपाल


भोपाल | राजभवन में कृषि एवं वेटनरी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से किसान की आमदनी दोगुना करने के बारे में राज्यपाल लालजी टंडन ने विस्तृत चर्चा की है . उन्होंने कुलपतियों से कहा कि राज्यपाल ने कहा कि कम लागत में अधिक कृषि उत्पादन का व्यवहारिक मॉडल बनायें . जीरो बजट की खेती के उपाय खोजें . कृषि की मूलभूत समस्याओं और आवश्यकताओं के समाधान का पायलट प्रोजेक्ट बनायें. बैठक में नानाजी देशमुख वेटनरी साइंस यूनिवर्सिटी जबलपुर के कुलपति डा. प्रयाग दत्त जुयाल, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति डा. प्रदीप कुमार बिसेन और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के कुलपति डा. एस.के. राव एवं अन्य विषय विशेषज्ञ, अधिकारी उपस्थित थे . Body:बैठक में राज्यपाल ने कहा कि समस्या के मूल मुद्दों पर मात्र चिंतन करना पर्याप्त नहीं है . विश्वविद्यालयों को समस्या के समाधान का व्यवहारिक उदाहरण भी प्रस्तुत करना होगा . उन्होंने कहा कि उत्पादक और उपभोक्ता में सीधा सम्पर्क होना चाहिये . इसमें बिचौलियों की लम्बी श्रृंखला को कम करना होगा . किसान को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए विश्वविद्यालयों को खाद्य प्र-संस्करण की व्यवस्थाओं का भी व्यवहारिक क्रियान्वयन करना चाहिए, इससे जल्द नष्ट होने वाले उत्पादों को संरक्षित कर किसानों को उसका उचित मूल्य दिलाया जा सकेगा .

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्वयं की जमीन पर प्रोजेक्ट बनाकर क्रियान्वित कर उसकी प्रमाणिकता की जाँच करें. उन्होंने कहा कि गाय के गोबर और गौमूत्र से खाद तथा कीटनाशक तैयार किये जा सकते हैं . बीज का शोधन कर रोगमुक्त फसल पैदा की जा सकती है . रासायनिक उर्वरकों पर होने वाला बड़ा खर्च बचाकर भी किसान की आय को दोगुना किया जा सकता है . Conclusion:राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय किसान की अतिरिक्त आय के माध्यम खोजें और उन्हें उन माध्यमों को अपनाने के लिये प्रेरित भी करें . उन्होंने फलों के बगीचे में हल्दी, अदरक और काली मिर्च की मिश्रित खेती करने को कहा .


राज्यपाल ने ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का उदाहरण देते हुये कुलपतियों का आव्हान किया कि वे देशी पशुधन की नस्ल सुधार के प्रयासों में आगे आएँ . उन्होंने कहा कि तीन वर्ष के चक्र में उन्नत नस्ल का निर्माण किया जा सकता है . आवश्यकता समग्रता से प्रयास करने की है . उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कृषि की मूल समस्या और उसके समाधान के लिए समग्रता में चिंतन करें .
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