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राज्यपाल की प्रशिक्षु IAS अधिकारियों को सलाह, 'संवेदनशीलता और धैर्य के साथ करें व्यवहार'

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Published : Oct 23, 2020, 7:42 AM IST

Updated : Oct 23, 2020, 8:19 AM IST

भोपाल राजभवन में मध्य प्रदेश संवर्ग के प्रशिक्षु IAS अधिकारियों ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की. इस अवसर पर गवर्नर ने सभी प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को बेहतर काम करने और आमजन के प्रति संवेदनशीलता, सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने की सलाह दी.

Trainee IAS officers with Governor
राज्यपाल के साथ प्रशिक्षु IAS अधिकारियों

भोपाल। गुरुवार को भोपाल राजभवन में मध्य प्रदेश संवर्ग के प्रशिक्षु IAS अधिकारियों ने राज्यपाल से मुलाकात की. इस अवसर पर गवर्नर ने सभी प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को बेहतर काम करने की सलाह दी है. इस दौरान राजभवन के प्रमुख सचिव डीपी अहूजा भी मौजूद रहे.

राज्यपाल ने अधिकारियों को किया संबोधित

प्रशिक्षु IAS अधिकारियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि, अधिकारी आमजन के साथ संवेदनशीलता, धैर्य के साथ व्यवहार करें. वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय रखते हुए उनके निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ व्यवहारिक समस्याओं से भी अवगत कराते रहें. साथ ही कार्यशैली का लक्ष्य सामने वाले का भरोसा और दिल जीतने का हो.

प्रशिक्षु IAS अधिकारियों ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से की मुलाकात

विशेषज्ञ ज्ञान का ज्यादा करें उपयोग

राज्यपाल ने कहा कि, हर्ष का विषय है कि, सभी अधिकारी उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त हैं. उनकी विशेषज्ञता का लाभ समाज को देने का अवसर मानकर कार्य करें. विशेषज्ञ ज्ञान का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें. जनोन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्थाओं का निर्माण करें. उन्होंने कहा कि, पदस्थापना क्षेत्रों में व्यापक भ्रमण करें. दूरस्थ और पिछड़े अंचलों में भ्रमण को प्राथमिकता दें. भ्रमण का उद्देश्य योजनाओं की मैदानी हकीकतों का फीड बैक प्राप्त करने का होना चाहिए. आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर, वहां की व्यवस्थाओं को समझे, उन्हें बेहतर बनाने का प्रयास करें.

ईमानदार समाधान करने का करें प्रयास

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि, समस्याओं से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते रहें. गांव की महिलाओं, बच्चों से खुल कर अपनेपन के साथ बात करेंगे तो क्षेत्र की वास्तविक सूचनाएं मिलेगी. आमजन, प्रशासन की सबसे निचली कड़ी के साथ जीवंत सम्पर्क कायम रखें, उनकी दिक्कतों को समझकर, उनके ईमानदार समाधान के प्रयास करें. उन्होंने कहा कि, प्रशिक्षण और जमीनी अनुभवों में अंतर होता है. व्यवहार में ऐसी समस्याएं और चुनौतियां सामने आती हैं, जिनका समाधान दिशा निर्देशों में नहीं मिलता है. ऐसे समय में धैर्य, संवेदनशीलता के साथ अधीनस्थ कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल कर, सफलता प्राप्त की जा सकती है.

governor-anandi-ben-patel-meets-and-advises-trainee-ias-officers-in-bhopal
प्रशिक्षु IAS अधिकारियों से चर्चा करते राज्यपाल

राज्यपाल ने दी ये सलाह

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि, आमजन के प्रति संवेदनशीलता, सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार आवश्यक है. उनको अपनी बात करने का पूरा अवसर मिलें, उन्हें अधिकारी से मिलने के लिए बार-बार चक्कर ना काटने पड़े, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए. प्रशासनिक सेवा किसी की मदद से मिलने वाली खुशी के अनुभवों और विकास के नए आयाम कायम करने का अवसर है. समय सीमा तय कर फाइलों का निराकरण करें, सूचना तंत्र को मजबूत रखें, छोटी से छोटी जानकारी को पूरा महत्व दें. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वनकर्मियों के लिए वन क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के अनुभव का स्मरण करते हुए बताया कि, नवाचारों के लिए सदैव प्रयासरत रहें. आपके ज्ञान, अनुभव का अधिक से अधिक लाभ दूसरों को मिलें, इसे कार्य का लक्ष्य बनाए, तटस्थता का पूरी कड़ाई से पालन करें. अपने निकटवर्तीयों को गलती पर प्रश्रय नहीं दे, इससे आपकी तटस्थता और निष्पक्षता स्थापित होगी.

राज्यपाल ने प्रशिक्षु IAS अधिकारियों को भेंट की तीन पुस्तक

राज्यपाल ने अधिकारियों को उनकी तीन पुस्तकों का सेट भेंट किया. उनको बताया कि, उनके मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यकाल में अपने स्तर पर समाज की सेवा के उदाहरण प्रस्तुत करने वाले व्यक्तियों, जिनके कार्यों ने उनको प्रेरणा दी है. उनकी स्मृतियों का विवरण पुस्तक 'वो मुझे हमेशा याद रहेंगे' में है. राजभवन की गतिशीलता का विवरण 'प्रगतिशील राजभवन' पुस्तक में दिया गया है. 'प्रतिबिम्ब' पुस्तक में उत्तरप्रदेश के राज्यपाल के कार्यों, 45 जिलों के भ्रमणों का अध्ययन है. उन्होंने अधिकारियों को निरंतर अनुभवों के लेखन के लिए प्रेरित किया.

ये भी पढ़े- कमलनाथ की मां-बहन होंगी 'बंगाली आइटम', कुर्सी जाने के बाद हो गए पागल: इमरती देवी

राज्यपाल को संचालक प्रशासन अकादमी सोनाली वायंगणकर ने बताया कि, आरसीवीपी प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी में वर्ष 2019 के भारतीय प्रशासनिक सेवा के 10 अधिकारी 12 अक्टूबर से प्रशिक्षणाधीन हैं. प्रशिक्षु अधिकारियों को मध्यप्रदेश राज्य की सामाजिक, आर्थिक, भौगौलिक स्थिति, विभिन्न योजनाओं और कार्य पद्धतियों से अवगत कराया जा रहा है. उन्हें राज्य की भू-राजस्व संहिता और विभिन्न अधिनियमों के संबंध में भी जानकारी दी गई है.

प्रशिक्षु अधिकारियों ने साझा किए अपने विचार

राज्यपाल के सामने प्रशिक्षु अधिकारी सृष्टि देशमुख ने प्रतिभागियों की ओर से प्रशिक्षण के अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि, एलबी शास्त्री प्रशासन अकादमी मसूरी में 8 माह के प्रशिक्षण उपरांत मई माह में कोविड-19 संक्रमण के दौरान राज्य में पदस्थ हुए. इस दौरान कोविड-19 के नियंत्रण के प्रयासों, टेस्टिंग, आपात स्थितियों का सामना करने, कमांड एन्ड कंट्रोल और आपदा प्रबंधन के व्यवहारिक अनुभव प्राप्त किए. इसके साथ विभिन्न कार्यालयों की कार्यप्रणाली तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी के स्वंतत्र प्रभार के कार्य अनुभव प्राप्त किए हैं.

अकादमी के संकाय सदस्य प्रमोद चतुर्वेदी ने बताया कि, प्रदेश प्रशासन अकादमी का अन्य राज्यों के अधिकारी प्रशिक्षण संस्थाओं के साथ समन्वय है. प्रदेश की राज्य सेवा के अधिकारी विगत दिनों अध्ययन भ्रमण पर गुजरात गए थे. शीघ्र ही गुजरात राज्य सेवा के अधिकारी राज्य में प्रशिक्षण के लिए आएंगे.

भोपाल। गुरुवार को भोपाल राजभवन में मध्य प्रदेश संवर्ग के प्रशिक्षु IAS अधिकारियों ने राज्यपाल से मुलाकात की. इस अवसर पर गवर्नर ने सभी प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों को बेहतर काम करने की सलाह दी है. इस दौरान राजभवन के प्रमुख सचिव डीपी अहूजा भी मौजूद रहे.

राज्यपाल ने अधिकारियों को किया संबोधित

प्रशिक्षु IAS अधिकारियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि, अधिकारी आमजन के साथ संवेदनशीलता, धैर्य के साथ व्यवहार करें. वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समन्वय रखते हुए उनके निर्देशों के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ व्यवहारिक समस्याओं से भी अवगत कराते रहें. साथ ही कार्यशैली का लक्ष्य सामने वाले का भरोसा और दिल जीतने का हो.

प्रशिक्षु IAS अधिकारियों ने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से की मुलाकात

विशेषज्ञ ज्ञान का ज्यादा करें उपयोग

राज्यपाल ने कहा कि, हर्ष का विषय है कि, सभी अधिकारी उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त हैं. उनकी विशेषज्ञता का लाभ समाज को देने का अवसर मानकर कार्य करें. विशेषज्ञ ज्ञान का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें. जनोन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्थाओं का निर्माण करें. उन्होंने कहा कि, पदस्थापना क्षेत्रों में व्यापक भ्रमण करें. दूरस्थ और पिछड़े अंचलों में भ्रमण को प्राथमिकता दें. भ्रमण का उद्देश्य योजनाओं की मैदानी हकीकतों का फीड बैक प्राप्त करने का होना चाहिए. आंगनबाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्रों में जाकर, वहां की व्यवस्थाओं को समझे, उन्हें बेहतर बनाने का प्रयास करें.

ईमानदार समाधान करने का करें प्रयास

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि, समस्याओं से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते रहें. गांव की महिलाओं, बच्चों से खुल कर अपनेपन के साथ बात करेंगे तो क्षेत्र की वास्तविक सूचनाएं मिलेगी. आमजन, प्रशासन की सबसे निचली कड़ी के साथ जीवंत सम्पर्क कायम रखें, उनकी दिक्कतों को समझकर, उनके ईमानदार समाधान के प्रयास करें. उन्होंने कहा कि, प्रशिक्षण और जमीनी अनुभवों में अंतर होता है. व्यवहार में ऐसी समस्याएं और चुनौतियां सामने आती हैं, जिनका समाधान दिशा निर्देशों में नहीं मिलता है. ऐसे समय में धैर्य, संवेदनशीलता के साथ अधीनस्थ कर्मचारियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल कर, सफलता प्राप्त की जा सकती है.

governor-anandi-ben-patel-meets-and-advises-trainee-ias-officers-in-bhopal
प्रशिक्षु IAS अधिकारियों से चर्चा करते राज्यपाल

राज्यपाल ने दी ये सलाह

गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि, आमजन के प्रति संवेदनशीलता, सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार आवश्यक है. उनको अपनी बात करने का पूरा अवसर मिलें, उन्हें अधिकारी से मिलने के लिए बार-बार चक्कर ना काटने पड़े, इसकी व्यवस्था होनी चाहिए. प्रशासनिक सेवा किसी की मदद से मिलने वाली खुशी के अनुभवों और विकास के नए आयाम कायम करने का अवसर है. समय सीमा तय कर फाइलों का निराकरण करें, सूचना तंत्र को मजबूत रखें, छोटी से छोटी जानकारी को पूरा महत्व दें. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वनकर्मियों के लिए वन क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के अनुभव का स्मरण करते हुए बताया कि, नवाचारों के लिए सदैव प्रयासरत रहें. आपके ज्ञान, अनुभव का अधिक से अधिक लाभ दूसरों को मिलें, इसे कार्य का लक्ष्य बनाए, तटस्थता का पूरी कड़ाई से पालन करें. अपने निकटवर्तीयों को गलती पर प्रश्रय नहीं दे, इससे आपकी तटस्थता और निष्पक्षता स्थापित होगी.

राज्यपाल ने प्रशिक्षु IAS अधिकारियों को भेंट की तीन पुस्तक

राज्यपाल ने अधिकारियों को उनकी तीन पुस्तकों का सेट भेंट किया. उनको बताया कि, उनके मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यकाल में अपने स्तर पर समाज की सेवा के उदाहरण प्रस्तुत करने वाले व्यक्तियों, जिनके कार्यों ने उनको प्रेरणा दी है. उनकी स्मृतियों का विवरण पुस्तक 'वो मुझे हमेशा याद रहेंगे' में है. राजभवन की गतिशीलता का विवरण 'प्रगतिशील राजभवन' पुस्तक में दिया गया है. 'प्रतिबिम्ब' पुस्तक में उत्तरप्रदेश के राज्यपाल के कार्यों, 45 जिलों के भ्रमणों का अध्ययन है. उन्होंने अधिकारियों को निरंतर अनुभवों के लेखन के लिए प्रेरित किया.

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राज्यपाल को संचालक प्रशासन अकादमी सोनाली वायंगणकर ने बताया कि, आरसीवीपी प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी में वर्ष 2019 के भारतीय प्रशासनिक सेवा के 10 अधिकारी 12 अक्टूबर से प्रशिक्षणाधीन हैं. प्रशिक्षु अधिकारियों को मध्यप्रदेश राज्य की सामाजिक, आर्थिक, भौगौलिक स्थिति, विभिन्न योजनाओं और कार्य पद्धतियों से अवगत कराया जा रहा है. उन्हें राज्य की भू-राजस्व संहिता और विभिन्न अधिनियमों के संबंध में भी जानकारी दी गई है.

प्रशिक्षु अधिकारियों ने साझा किए अपने विचार

राज्यपाल के सामने प्रशिक्षु अधिकारी सृष्टि देशमुख ने प्रतिभागियों की ओर से प्रशिक्षण के अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि, एलबी शास्त्री प्रशासन अकादमी मसूरी में 8 माह के प्रशिक्षण उपरांत मई माह में कोविड-19 संक्रमण के दौरान राज्य में पदस्थ हुए. इस दौरान कोविड-19 के नियंत्रण के प्रयासों, टेस्टिंग, आपात स्थितियों का सामना करने, कमांड एन्ड कंट्रोल और आपदा प्रबंधन के व्यवहारिक अनुभव प्राप्त किए. इसके साथ विभिन्न कार्यालयों की कार्यप्रणाली तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी के स्वंतत्र प्रभार के कार्य अनुभव प्राप्त किए हैं.

अकादमी के संकाय सदस्य प्रमोद चतुर्वेदी ने बताया कि, प्रदेश प्रशासन अकादमी का अन्य राज्यों के अधिकारी प्रशिक्षण संस्थाओं के साथ समन्वय है. प्रदेश की राज्य सेवा के अधिकारी विगत दिनों अध्ययन भ्रमण पर गुजरात गए थे. शीघ्र ही गुजरात राज्य सेवा के अधिकारी राज्य में प्रशिक्षण के लिए आएंगे.

Last Updated : Oct 23, 2020, 8:19 AM IST
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