भोपाल। मध्यप्रदेश की पिछली सरकार द्वारा देशी-विदेशी शराब के ठेकेदारों पर दिखाई गई दरियादिली की वजह से करोड़ों रुपए की वसूली बाकी है. साल 2018 -19 में ठेकेदारों पर सरकार का 220 करोड रुपए बकाया है, लेकिन बकाया राशि की वसूली बेहद नाम मात्र की हुई है. विभाग द्वारा 220 करोड़ में से पिछले साल सिर्फ एक करोड़ 73 लाख रुपए की वसूली की गई. उधर विभागीय मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर के मुताबिक सरकार इसको लेकर गंभीर है और जल्द ही अधिकारियों की इसको लेकर बैठक बुलाई गई है.
मध्यप्रदेश में 2544 देसी शराब की दुकानें हैं. जबकि विदेशी शराब की दुकानों की संख्या 1061 है. पिछले सालों में आबकारी विभाग से सरकार की राजस्व में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2008-09 में सरकार को आबकारी विभाग से 23 सौ करोड़ की राजस्व की प्राप्ति हुई थी, जो साल 2018-19 में बढ़कर 6.98 करोड़ पहुंच गई है. हालांकि इस दौरान विभाग ने देसी और विदेशी शराब के कुछ ठेकेदारों पर दरियादिली भी खूब दिखाई, जिसकी वजह से इन ठेकेदारों से वसूली का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया है.
जिस तरह से वसूली का आंकड़ा बढ़ा है, आबकारी विभाग द्वारा उस हिसाब से वसूली नहीं की गई. 2016-17 में आबकारी विभाग द्वारा 158 करोड़ की वसूली में से सिर्फ उन 40 लाख की वसूली की जा सकी. इसी तरह 2018-19 में 220 करोड़ में से विभाग द्वारा सिर्फ एक करोड़ 73 लाख की वसूली की जा सकी है. वित्तीय संकट से गुजर रही कमलनाथ सरकार राजस्व बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रही है. उधर वसूली को लेकर जब आबकारी मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि विभाग वसूली को लेकर बेहद गंभीर है और इसको लेकर उन्होंने जल्द ही विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक बुलाई है.