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फिर कर्ज लेने की तैयारी में कमलनाथ सरकार, अब लेगी एक हजार करोड़ का कर्ज

कमलनाथ सरकार एक बार फिर कर्ज लेने की तैयारी में है. इस बार एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज सरकार लेगी. ताकि प्रदेश की वित्तीय व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाया जा सके.

Government is ready to take loan of 1 thousand crores to deal with financial crisis
कमलनाथ सरकार फिर लेगी कर्ज
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Published : Feb 25, 2020, 6:00 AM IST

Updated : Feb 25, 2020, 9:25 AM IST

भोपाल| प्रदेश में कमलनाथ सरकार को एक साल पूरा हो गया है, इसके बावजूद वित्तीय समस्याओं का सामना सरकार को करना पड़ रहा है. 15 सालों के बाद सत्ता में आई कमलनाथ सरकार अभी भी प्रदेश की वित्तीय व्यवस्था को ठीक नहीं कर पाई है. यही वजह है कि पिछले एक साल के दौरान कमलनाथ सरकार ने कई बार बैंकों से कर्जा उठाया है. सरकार एक बार फिर से एक हजार करोड़ रुपए का कर्जा लेने की तैयारी कर रही है ताकि प्रदेश की वित्तीय व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाया जा सके.

कमलनाथ सरकार फिर लेगी कर्ज

बताया जा रहा है कि केंद्रीय करों में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती होने के बाद सरकार का वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह से गड़बड़ गया है. प्रदेश में लगभग 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता और राहत 5 फीसदी बढ़ाने का फैसला भी अभी तक नहीं हो पाया है, जो लगातार सरकार के द्वारा डाला जा रहा है क्योंकि सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वो अभी इतने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और राहत 5 फीसदी बढ़ा कर दे सके.

इसके अलावा वित्तीय व्यवस्थाएं ठीक ना होने की वजह से कई विभागों के बजट में कटौती भी करनी पड़ी है. वित्त विभाग के द्वारा भी लगातार कई विभागों के खर्चों पर रोक लगाई गई है. ऐसी स्थिति में प्रगति रथ काम वित्तीय संकट की वजह से प्रभावित ना हो इसीलिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार से 10 साल के लिए कर्ज लिया जा रहा है.

प्रदेश सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में तय सीमा के दायरे में रहते हुए यह राशि ले रही है. राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.5 प्रतिशत तक कर्ज लिया जा सकता

सरकार पर पहले से ही 19 हजार 600 करोड़ का है कर्ज

बता दें कि इसके पहले भी साल भर में 19 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है. इसे मिलाकर प्रदेश के ऊपर कर्ज लगभग दो लाख करोड़ रुपए का हो चुका है.

भोपाल| प्रदेश में कमलनाथ सरकार को एक साल पूरा हो गया है, इसके बावजूद वित्तीय समस्याओं का सामना सरकार को करना पड़ रहा है. 15 सालों के बाद सत्ता में आई कमलनाथ सरकार अभी भी प्रदेश की वित्तीय व्यवस्था को ठीक नहीं कर पाई है. यही वजह है कि पिछले एक साल के दौरान कमलनाथ सरकार ने कई बार बैंकों से कर्जा उठाया है. सरकार एक बार फिर से एक हजार करोड़ रुपए का कर्जा लेने की तैयारी कर रही है ताकि प्रदेश की वित्तीय व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाया जा सके.

कमलनाथ सरकार फिर लेगी कर्ज

बताया जा रहा है कि केंद्रीय करों में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती होने के बाद सरकार का वित्तीय प्रबंधन पूरी तरह से गड़बड़ गया है. प्रदेश में लगभग 15 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता और राहत 5 फीसदी बढ़ाने का फैसला भी अभी तक नहीं हो पाया है, जो लगातार सरकार के द्वारा डाला जा रहा है क्योंकि सरकार की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वो अभी इतने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और राहत 5 फीसदी बढ़ा कर दे सके.

इसके अलावा वित्तीय व्यवस्थाएं ठीक ना होने की वजह से कई विभागों के बजट में कटौती भी करनी पड़ी है. वित्त विभाग के द्वारा भी लगातार कई विभागों के खर्चों पर रोक लगाई गई है. ऐसी स्थिति में प्रगति रथ काम वित्तीय संकट की वजह से प्रभावित ना हो इसीलिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से बाजार से 10 साल के लिए कर्ज लिया जा रहा है.

प्रदेश सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में तय सीमा के दायरे में रहते हुए यह राशि ले रही है. राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.5 प्रतिशत तक कर्ज लिया जा सकता

सरकार पर पहले से ही 19 हजार 600 करोड़ का है कर्ज

बता दें कि इसके पहले भी साल भर में 19 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है. इसे मिलाकर प्रदेश के ऊपर कर्ज लगभग दो लाख करोड़ रुपए का हो चुका है.

Last Updated : Feb 25, 2020, 9:25 AM IST
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