भोपाल। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के कई जिलों में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. एक बीमारी के इलाज में कारगर एंटी फंगल इंजेक्शन एंफोटरइसिन बी की मांग लगातार बढ़ रही है. इसके मद्देनजर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा मेडिकल कॉलेजों में विशेष इकाई की स्थापना की गई है. इस बीमारी के इलाज के लिए एंटी फंगल इंजेक्शन की जरूरत बहुत ज्यादा है. इस इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए भारत सरकार द्वारा सीमित सप्लाई की जा रही है.
इसलिए राज्य सरकारों की मांग के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा यह इंजेक्शन ब्लैक फंगस बीमारी के लिए मुहैया कराए जा रहे हैं. लिहाजा यह इंजेक्शन लागत मूल्य कॉस्ट प्राइस पर उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे निजी और सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन प्राप्त करने में सहूलियत हो सके.
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एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन के दाम निर्धारित
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय भोपाल ने जारी आदेश के तहत एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन का मूल्य निर्धारण किया गया है. जिससे अब यह इंजेक्शन लागत मूल्य पर ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए प्राप्त हो सकेगा. इस संबंध में निर्णय लेने का अधिकार संभागीय आयुक्त मध्यप्रदेश को होगा. राज्य शासन ने अभी तक अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाए गए एंफोटरइसिन बी इंजेक्शन खरीदे हैं. इनमें सनफार्मा माईलान और भारत सिरम से इंजेक्शन की खरीदी की गई है. इनके मूल्य भी शासन द्वारा निर्धारित किए गए हैं.
सनफार्मा- 4792 रुपए
माइलान- 6248 रुपये
भारत सिरम- 5788 रुपये
सरकारी अस्पतालों को ज्यादा, निजी अस्पतालों को मिलेंगे कम इंजेक्शन
इस आदेश का उद्देश्य यह है कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी आवंटन के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को इलाज मिल सके. साथ ही प्राइवेट मल्टी स्पेशलिटी अस्पतालों में भर्ती होंगे. ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के लिए भी इंजेक्शन की उपलब्धता कराई जा रही है. हालांकि यह मात्रा कम है जबकि मरीजों की संख्या अधिक तादाद में है. लेकिन मूल्य निर्धारण और सरकारी आवंटन के चलते लोगों को ब्लैक फंगस के इलाज में काफी राहत मिल सकेगी.