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इंदौर: आंखफोड़वा कांड की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने गठित की सात सदस्यीय टीम, हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त

इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों के आंखों की रोशनी जाने के मामला में सरकार ने हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए

जांच के लिए प्रदेश सरकार ने गठित की सात सदस्यीय टीम
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Published : Aug 17, 2019, 3:18 PM IST

भोपाल। इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों के आंखों की रोशनी जाने के मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए सात सदस्यों की टीम का गठन कर दिया है, साथ ही हॉस्पिटल का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है

जांच के लिए प्रदेश सरकार ने गठित की सात सदस्यीय टीम

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच के लिए लिए सात सदस्यीय टीम बना दी गई है. उन्होंने बताया कि पिड़ितों को 20- 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता रेडक्रॉस से दी गई है.

जांच के लिए प्रदेश सरकार ने गठित की सात सदस्यीय टीम

मंत्री तुलसी सिलावट ने मामले पर दुख जताते हुए कहा है कि यह घटना मन को व्यथित करने वाली है. उनका कहना है कि अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि किसी भी तरह इन मरीजों की आंखों की रोशनी वापस आ जाए, जिसके लिए प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि हम कोशिश कर रहे है कि पीड़ित मरीजों का का इलाज चेन्नई के शंकर नेत्रालय के डॉक्टर से करा सकें. अगर इसके लिए मरीजों को बाहर भेजना पड़े या फिर बाहर के डॉक्टरों को यहां बुलाने की आवश्यकता पड़ी तो मध्य प्रदेश सरकार इसका भी खर्चा उठाएगी.

बता दें कि की 8 अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन इंदौर के नीजी अस्पताल में किया गया था. जहां इलाज के बाद की मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई थी.

भोपाल। इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों के आंखों की रोशनी जाने के मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए सात सदस्यों की टीम का गठन कर दिया है, साथ ही हॉस्पिटल का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है

जांच के लिए प्रदेश सरकार ने गठित की सात सदस्यीय टीम

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच के लिए लिए सात सदस्यीय टीम बना दी गई है. उन्होंने बताया कि पिड़ितों को 20- 20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता रेडक्रॉस से दी गई है.

जांच के लिए प्रदेश सरकार ने गठित की सात सदस्यीय टीम

मंत्री तुलसी सिलावट ने मामले पर दुख जताते हुए कहा है कि यह घटना मन को व्यथित करने वाली है. उनका कहना है कि अब यह मेरी जिम्मेदारी है कि किसी भी तरह इन मरीजों की आंखों की रोशनी वापस आ जाए, जिसके लिए प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि हम कोशिश कर रहे है कि पीड़ित मरीजों का का इलाज चेन्नई के शंकर नेत्रालय के डॉक्टर से करा सकें. अगर इसके लिए मरीजों को बाहर भेजना पड़े या फिर बाहर के डॉक्टरों को यहां बुलाने की आवश्यकता पड़ी तो मध्य प्रदेश सरकार इसका भी खर्चा उठाएगी.

बता दें कि की 8 अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन इंदौर के नीजी अस्पताल में किया गया था. जहां इलाज के बाद की मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई थी.

Intro:इंदौर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान 11 मरीजों से आंखों की रोशनी छीनने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने मामले को संज्ञान में लिया स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने इस पूरे मामले में कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं उन्होंने कहा जो जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा इसके साथ ही मरीजों को मुआवजा भी दिया जाएगा मुफ्त इलाज कराने की मध्य प्रदेश सरकार ने जिम्मेदारी ली है 11 मरीजों की आंखों की रोशनी जाने पर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने दुख जताया है उन्होंने कहा यह घटना मन को व्यथित करने वाली घटना है हम पूरा प्रयास करेंगे कि मरीजों की जो मदद हमसे बनेगी हम जरूर करेंगे


Body:इंदौर के एक निजी अस्पताल में हुई लापरवाही जिसमें 11 मरीजों की आंखों की रोशनी जाने के बाद मंत्री तुलसी सिलावत का बयान स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावत ने कहा यह घटना मन को व्यथित करने वाली घटना है बेहद दुखद है उन्होंने कहा मैं इस घटना के बाद दुखी हूं मेरी अब यही जिम्मेदारी है कि किसी भी तरह इन मरीजों की आंखों की रोशनी वापस आ जाए मध्य प्रदेश सरकार इस और प्रयास कर रही है, उन्होंने कहा इस पूरे मामले को लेकर हमने एक कमेटी बनाई है उन्होंने कहा कि मरीजों का चैकअप चेन्नई के शंकर नेत्रालय के डॉक्टर से करें सरकार प्रयास कर रही है उन्होंने कहा उच्चस्तरीय कमेटी बनाकर जांच के आदेश दे दिए गए हैं कमिश्नर की अध्यक्षता में यह पूरी कमेटी बनाई गई है अस्पताल का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है एफ आई आर दर्ज करने के निर्देश भी सरकार द्वारा दे दिए गए हैं पीड़ित व्यक्तियों को 20- 20 हजार की राशि रेडक्रॉस से दी गई है इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता मरीजों का इलाज है उनकी आंखों की रोशनी वापस लाना है उन्होंने कहा प्रदेश सरकार मरीजों का मुफ्त इलाज कर आएगी जरूरत पड़ने पर अगर मरीजों को बाहर भेजा गया या बाहर के डॉक्टरों को यहां बुलाने की आवश्यकता पड़ी तो मध्य प्रदेश सरकार इसका भी खर्चा उठाएगी इस दुख की घड़ी में प्रदेश सरकार मरीजों के परिवार के साथ है


बाइट स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट


Conclusion:इंदौर के एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावत का बयान
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