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सरकार ने 25 सालों पुरानी मांगों को दी मंजूरी, सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम को किया लागू

कई सालों के बाद राज्य शासन ने जूनियर डॉक्टर्स और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की मांगों पर मुहर लगा दी है, जहां अब रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने की अवधि को बढ़ा दिया गया है.

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Published : Sep 20, 2020, 9:41 AM IST

Government accepted the demand of medical teacher association
सरकार ने मेडिकल टीचर एसोसिएशन की मांग को माना

भोपाल। राज्य शासन द्वारा कई वर्षों के बाद आखिरकार जूनियर डॉक्टर्स और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की मांग को मान लिया गया है. इस संबंध में राज्य शासन ने आदेश भी जारी कर दिए हैं, जिसके तहत अब इन सभी लोगों को मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा मिल सकेगी. इसके अलावा फार्मा सेक्टर को भी सरकार ने एक बड़ी राहत दी है, जिसके अंतर्गत अब उन्हें हर वर्ष अपना रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं कराना होगा, बल्कि 5 वर्ष में एक ही बार रिन्यू किया जा सकेगा.

सरकार ने मेडिकल टीचर एसोसिएशन की मांग को माना
भोपाल

जूनियर डॉक्टर्स द्वारा करीब 25 वर्षों से मांग के लिए संघर्ष किया जा रहा था, जिसे लेकर कई बार धरना प्रदर्शन भी किया गया. वहीं कई बड़े नेताओं को ज्ञापन भी सौंपा गया. इस संबंध में कुछ दिनों पहले ही जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन द्वारा चिकित्सा शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कोविड-19 संकट काल में मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा देने की मांग उठाई गई थी, जिसे शासन ने आखिरकार मान लिया है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप सचिव उमेश मिश्र द्वारा ये आदेश जारी किया गया है, जिसमें स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय/दंत चिकित्सा महाविद्यालय में स्वशासी संस्था द्वारा नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मध्य प्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्चा नियम 1958 लागू किया जा रहा है, लेकिन इसमें ये भी बताया गया है कि 1 मार्च 2020 से ही नियम लागू किया जाएगा. नियम लागू होने के पूर्व की दिनांकों के प्रकरणों पर फिलहाल कोई विचार नहीं किया जाएगा.

फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन कार्ड-

इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल स्टोर और फार्मा सेक्टर में नौकरी कर रहे लगभग 60 हजार फार्मासिस्ट को बड़ी राहत दी गई है. प्रदेश भर में काम कर रहे फार्मासिस्ट को अपना रजिस्ट्रेशन कार्ड हर साल रिन्यू नहीं कराना पड़ेगा, बल्कि अब रिन्यू कराने के लिए सरकार की ओर से उन्हें 5 वर्ष का समय दिया गया है. अभी तक सरकार के नियम अनुसार प्रदेश के सभी फार्मासिस्ट को अपना कार्ड हर वर्ष रिन्यू कराना पड़ता था, लेकिन कोरोना संकट काल के बीच ये आदेश जारी किया गया है, ताकि फार्मासिस्ट को ऐसे समय पर राहत दी जा सकें.

इस संबंध में कुछ दिनों पहले ही फार्मासिस्ट के एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की गई थी, जिसमें बताया गया था कि प्रदेशभर के फार्मासिस्ट को अपने रजिस्ट्रेशन को हर साल रिन्यू कराना होता है, जिसके लिए उन्हें तमाम तरह के डाक्यूमेंट्स भी एकत्रित करने होते हैं. ऐसी स्थिति में काफी समय बर्बाद हो जाता है, जिसे देखते हुए सरकार रिन्यू अवधि को बढ़ाने का काम करें.

भोपाल। राज्य शासन द्वारा कई वर्षों के बाद आखिरकार जूनियर डॉक्टर्स और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की मांग को मान लिया गया है. इस संबंध में राज्य शासन ने आदेश भी जारी कर दिए हैं, जिसके तहत अब इन सभी लोगों को मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा मिल सकेगी. इसके अलावा फार्मा सेक्टर को भी सरकार ने एक बड़ी राहत दी है, जिसके अंतर्गत अब उन्हें हर वर्ष अपना रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं कराना होगा, बल्कि 5 वर्ष में एक ही बार रिन्यू किया जा सकेगा.

सरकार ने मेडिकल टीचर एसोसिएशन की मांग को माना
भोपाल

जूनियर डॉक्टर्स द्वारा करीब 25 वर्षों से मांग के लिए संघर्ष किया जा रहा था, जिसे लेकर कई बार धरना प्रदर्शन भी किया गया. वहीं कई बड़े नेताओं को ज्ञापन भी सौंपा गया. इस संबंध में कुछ दिनों पहले ही जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन द्वारा चिकित्सा शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कोविड-19 संकट काल में मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा देने की मांग उठाई गई थी, जिसे शासन ने आखिरकार मान लिया है.

चिकित्सा शिक्षा विभाग के उप सचिव उमेश मिश्र द्वारा ये आदेश जारी किया गया है, जिसमें स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय/दंत चिकित्सा महाविद्यालय में स्वशासी संस्था द्वारा नियुक्त अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मध्य प्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्चा नियम 1958 लागू किया जा रहा है, लेकिन इसमें ये भी बताया गया है कि 1 मार्च 2020 से ही नियम लागू किया जाएगा. नियम लागू होने के पूर्व की दिनांकों के प्रकरणों पर फिलहाल कोई विचार नहीं किया जाएगा.

फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन कार्ड-

इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल स्टोर और फार्मा सेक्टर में नौकरी कर रहे लगभग 60 हजार फार्मासिस्ट को बड़ी राहत दी गई है. प्रदेश भर में काम कर रहे फार्मासिस्ट को अपना रजिस्ट्रेशन कार्ड हर साल रिन्यू नहीं कराना पड़ेगा, बल्कि अब रिन्यू कराने के लिए सरकार की ओर से उन्हें 5 वर्ष का समय दिया गया है. अभी तक सरकार के नियम अनुसार प्रदेश के सभी फार्मासिस्ट को अपना कार्ड हर वर्ष रिन्यू कराना पड़ता था, लेकिन कोरोना संकट काल के बीच ये आदेश जारी किया गया है, ताकि फार्मासिस्ट को ऐसे समय पर राहत दी जा सकें.

इस संबंध में कुछ दिनों पहले ही फार्मासिस्ट के एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मांग की गई थी, जिसमें बताया गया था कि प्रदेशभर के फार्मासिस्ट को अपने रजिस्ट्रेशन को हर साल रिन्यू कराना होता है, जिसके लिए उन्हें तमाम तरह के डाक्यूमेंट्स भी एकत्रित करने होते हैं. ऐसी स्थिति में काफी समय बर्बाद हो जाता है, जिसे देखते हुए सरकार रिन्यू अवधि को बढ़ाने का काम करें.

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