भोपाल। शुक्रवार से रेवांचल एक्सप्रेस 22 नए एलएचबी के साथ चलेगी. राजधानी भोपाल से चलने वाली रेवांचल एक्सप्रेस में 15 अप्रैल से 22 नए कोच लग रहे हैं. यह कोच आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे. इसमें जर्क नहीं लगेगा. बाहरी आवाज सुनाई तो देगी लेकिन यह नींद में व्यवधान पैदा नहीं करेगी. इससे ट्रेन की गति भी बढ़ जाएगी. रेलवे ने इस ट्रेन में एलएचबी कोच लगाने का निर्णय लिया है. यह एलएचबी कोच जर्मन कंपनी के सहयोग से भारत में ही तैयार किए गए हैं और वर्तमान में सबसे आधुनिक कोच माने जाते हैं.
ट्रेन की स्पीड भी बढ़ सकती है : कुछ समय पूर्व वंदे भारत कोच भी तैयार हुए हैं, जोकि पूरी तरह से स्वदेशी कोच हैं. राजधानी के रानी कमलापति स्टेशन से रीवा के बीच चलने वाली इस ट्रेन में 15 अप्रैल से नए कोच और 16 अप्रैल से रीवा से रानी कमलापति की और चलने वाली ट्रेन के यात्रियों को यह नई सुविधा प्राप्त होगी. एलएचबी कोच की खासियत ये है कि इसमें सेंटर बफर कपलिंग लगी होती है. इसलिए दुर्घटना होने पर यह कोच एक दूसरे पर नहीं चढ़ते. यह कोच 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम होते हैं.
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क्यों बेहतर हैं एलएचबी कोच : एलएचबी कोच में एंटी टेलीस्कोपिक सिस्टम लगा होता है. जिसके कारण यह पटरी से नहीं उतरते और प्रत्येक कोच पर ड्राइवर केबिन से ही नजर रखी जा सकती है. कोच का साउंड लेवल 60 डेसिबल से कम होता है. ट्रेन के चलने से निकलने वाली आवाज यात्रियों को कम सुनाई देती है. इन कोचों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि 5 लाख किलोमीटर चलने पर मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है. सामान्य कोच का दो से 4लाख किलोमीटर चलने पर मेंटेनेंस करना पड़ता है. कोच के भीतर एयर कंडीशननिग सिस्टम लगे होते हैं, जो तापमान को नियंत्रित करते हैं. इनकी बाहरी दीवार सामान्य कोच की तुलना में अधिक मजबूत होती हैं. हादसे के समय यात्रियों को नुकसान की आशंका कम होती है. कोच के भीतर डिजाइन में स्क्रू कम उपयोग हुए हैं, जिससे हादसों की स्थिति में यात्रियों को ज्यादा चोट नहीं आती. (Good news for train passengers) (Revanchal Express has all LHB coaches)