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कोरोना वेरिएंट: MP में जल्द शुरू होगी जीनोम सीक्वेंसिंग - नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल

मध्य प्रदेश में कोरोना वेरिएंट का जल्द पता लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू किया जा सकता हैं.

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जीनोम सीक्वेंसिंग
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Published : May 11, 2021, 9:26 PM IST

भोपाल। देश भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इसके पीछ वायरस का नया स्वरूप जिम्मेदार हो सकता हैं. इसका पता लगाने के लिए महाराष्ट्र सहित दिल्ली में सैम्पल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू की गई हैं.

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जीनोम सीक्वेंसिंग

एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल) के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कोरोना वेरिएंट का जल्द पता लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जीनोम अनुक्रमण शुरू किया जा सकता हैं. इस स्टडी का मकसद यह पहचानना है कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों में एक विशेष वेरिएंट या न्यू स्ट्रेन प्रमुख है या नहीं.

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जल्द शुरू होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

ग्वालियर में 9 महीने में तीसरी बार युवक हुआ कोरोना संक्रमित, होगी जीनोम सीक्वेंसिंग


जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर यह है गाइडलाइन

  • प्रत्येक राज्य को भौगोलिक रूप से केवल पांच प्रमुख टेरिटरी केयर अस्पतालों की पहचान करनी हैं. उनमें से प्रत्येक को केवल 15 दिनों में गंभीर रूप से भर्ती मामलों में से केवल 15 नमूने एकत्र करने हैं. यह विभिन्न क्षेत्रों से आ रहे रोगियों के लिए भी होनी चाहिए.
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    जीनोम सीक्वेंसिंग
  • इसके अलावा इन पांच प्रमुख अस्पतालों में से प्रत्येक को उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को नामित करना होगा. ऐसे केंद्रों में से प्रत्येक गंभीर रूप से बीमार रोगियों से हर 15 दिनों में 15 नमूने एकत्र करने होंगे.
  • यह एक सतत गतिविधि होगी.
  • राज्य को उचित संग्रह और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी.

भोपाल। देश भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही है कि इसके पीछ वायरस का नया स्वरूप जिम्मेदार हो सकता हैं. इसका पता लगाने के लिए महाराष्ट्र सहित दिल्ली में सैम्पल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग शुरू की गई हैं.

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जीनोम सीक्वेंसिंग

एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल) के मुताबिक, मध्य प्रदेश में कोरोना वेरिएंट का जल्द पता लगाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जीनोम अनुक्रमण शुरू किया जा सकता हैं. इस स्टडी का मकसद यह पहचानना है कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों में एक विशेष वेरिएंट या न्यू स्ट्रेन प्रमुख है या नहीं.

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जीनोम सीक्वेंसिंग को लेकर यह है गाइडलाइन

  • प्रत्येक राज्य को भौगोलिक रूप से केवल पांच प्रमुख टेरिटरी केयर अस्पतालों की पहचान करनी हैं. उनमें से प्रत्येक को केवल 15 दिनों में गंभीर रूप से भर्ती मामलों में से केवल 15 नमूने एकत्र करने हैं. यह विभिन्न क्षेत्रों से आ रहे रोगियों के लिए भी होनी चाहिए.
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  • इसके अलावा इन पांच प्रमुख अस्पतालों में से प्रत्येक को उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को नामित करना होगा. ऐसे केंद्रों में से प्रत्येक गंभीर रूप से बीमार रोगियों से हर 15 दिनों में 15 नमूने एकत्र करने होंगे.
  • यह एक सतत गतिविधि होगी.
  • राज्य को उचित संग्रह और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी.
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