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मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों के अच्छे दिन जल्द आने वाले हैं? - 90% वेतन का प्रावधान

संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण करने का वचन निभाने के लिए सामान्य प्रशासन ने बुलाई बैठक.

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सामान्य प्रशासन द्वारा बैठक ली गई
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Published : Oct 10, 2019, 6:36 PM IST

भोपाल। संविदा कर्मचारियों को नियमितिकरण का दिया हुआ वचन कमलनाथ सरकार पूरा करने में जुट गई है. सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके सिंह ने बैठक की, जिसमें तमाम विभागों के आला अधिकारी शामिल हुए, जिनमें संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, इस बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि संविदा कर्मचारियों के मामले में 5 जून 2018 में जो नीति बनाई गई थी, उसके तहत नियमितिकरण की प्रक्रिया और अन्य निर्देशों का पालन किया जाए.

अपर मुख्य साचिव ने कहा कि जिन विभागों ने अभी तक अपने विभागीय सेटअप में संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण का प्रावधान नहीं किया है, वहां प्रावधान किया जाये, साथ ही जहां अभी तक 90% वेतन नहीं दिया गया है, वहां 90% वेतन दिया जाये.

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सामान्य प्रशासन द्वारा बैठक ली गई

सभी विभागों को निर्देश दिये गये हैं कि यदि विभागीय सेटअप में बदलाव नहीं करता है और कोई प्रकरण बनता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग के अधिकारियों की होगी. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 5 जून 2018 की नीति में 90% वेतन का प्रावधान है, शिक्षा विभाग अंतर्गत सर्व शिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों को पहले से ही न्यूनतम वेतन और मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है, जिसे देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सभी नीति का पालन करते हुये वेतन दें.

मध्यप्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौड़ ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव द्वारा की गई है. इसमें उन सभी विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया था, जहां संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं. बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिए गए कि 5 जून 2018 को जो नीति संविदा कर्मचारियों के संबंध में जारी की गई थी.

भोपाल। संविदा कर्मचारियों को नियमितिकरण का दिया हुआ वचन कमलनाथ सरकार पूरा करने में जुट गई है. सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके सिंह ने बैठक की, जिसमें तमाम विभागों के आला अधिकारी शामिल हुए, जिनमें संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, इस बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि संविदा कर्मचारियों के मामले में 5 जून 2018 में जो नीति बनाई गई थी, उसके तहत नियमितिकरण की प्रक्रिया और अन्य निर्देशों का पालन किया जाए.

अपर मुख्य साचिव ने कहा कि जिन विभागों ने अभी तक अपने विभागीय सेटअप में संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण का प्रावधान नहीं किया है, वहां प्रावधान किया जाये, साथ ही जहां अभी तक 90% वेतन नहीं दिया गया है, वहां 90% वेतन दिया जाये.

संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सामान्य प्रशासन द्वारा बैठक ली गई

सभी विभागों को निर्देश दिये गये हैं कि यदि विभागीय सेटअप में बदलाव नहीं करता है और कोई प्रकरण बनता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी विभाग के अधिकारियों की होगी. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा कि 5 जून 2018 की नीति में 90% वेतन का प्रावधान है, शिक्षा विभाग अंतर्गत सर्व शिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों को पहले से ही न्यूनतम वेतन और मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है, जिसे देखते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सभी नीति का पालन करते हुये वेतन दें.

मध्यप्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौड़ ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव द्वारा की गई है. इसमें उन सभी विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया था, जहां संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं. बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिए गए कि 5 जून 2018 को जो नीति संविदा कर्मचारियों के संबंध में जारी की गई थी.

Intro:भोपाल। संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का दिया हुआ वचन कमलनाथ सरकार निभाने में जुट गई है। इस सिलसिले में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा बुधवार को एकदम बैठक ली गई थी। इस बैठक की अध्यक्षता सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके सिंह ने की थी। बैठक में उन तमाम विभागों के आला अधिकारी शामिल हुए थे, जिनमें संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। इस बैठक में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि संविदा कर्मचारियों के मामले में 5 जून 2018 में जो नीति बनाई गई थी, उसके तहत नियमितीकरण की प्रक्रिया और अन्य निर्देशों का पालन किया जाए।Body:राज्य मंत्रालय वल्लभ भवन में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव के के सिंह की अध्यक्षता में प्रमुख विभागों के सचिव और उप सचिवों को संविदा कर्मचारियों से संबंधित जानकारी लेकर बुलाया था । जिसमें लगभग 10 विभागों के अधिकारी पहुँचे। बैठक में 5 जून 2018 को संविदा कर्मचारियों के लिए जारी किए गये आदेश के अनुपालन में संविदा कर्मचारियों के संबंध में क्या क्या कार्यवाही की गई, उसकी समीक्षा की गई। ।
सूत्रों की माने तो अपर मुख्य साचिव ने कहा है कि जिन विभागों ने अभी तक अपने विभागीय सेटअप में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का प्रावधान नहीं किया गया है, वहाँ प्रावधान किया जाये । जहाँ अभी तक 90% वेतन नहीं दिया गया है, वहाँ 90% वेतन दिया जाये ।
यह भी विभागों को निर्देश दिये गये हैं कि यदि विभागीय सैटअप में यदि विभाग बदलाव नहीं करता है। यदि कोई प्रकरण बनता है,तो उसकी समस्त जिम्मेवारी विभाग के अधिकारियों की होगी।स्कूल शिक्षा विभाग के पहुंचे अधिकारी ने कहा कि 5 जून 2018 की नीति में 90% वेतन का प्रावधान है और स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत सर्वशिक्षा अभियान के संविदा कर्मचारियों को पहले से ही न्यूनतम वेतन और मंहगाई भत्ता दिया जा रहा है। ऐसे में क्या किया जाये तो अपर मुख्य सचिव ने कहा का आप उसी नीति का पालन करते हुये वेतन दे। क्योंकि 5 जून 2018 की संविदा नीति में उल्लेख है कि जो सुविधायें पहले से दी जा रही हैं,तो कम नहीं की जायेंगे और यदि आपके विभाग की सेवा शर्तों में यही निर्धारित हैं।तो इसी प्रकार वेतन भुगतान किया जाये किसी का वेतन कम नहीं किया जाये । 5 जून 2018 में संविदा कर्मचारियों के लिए गये प्रावधानों को पालन करवाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग सभी विभागों को एक स्मरण पत्र जारी कर सकता है ऐसी खबर है ।
Conclusion:बैठक के बारे में जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौड़ ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव द्वारा की गई। इसमें उन सभी विभागों के अधिकारियों को बुलाया गया था। जहां संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिए गए कि 5 जून 2018 को जो नीति संविदा कर्मचारियों के संबंध में जारी की गई थी, उस नीति का पालन सभी विभाग करें। जिस विभागीय सेट अप में संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाना है। वहां पर नियमित पद के विरुद्ध संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। जहां पर संविदा कर्मचारी से वहां उनके लिए विभागीय सेट अपने पद का प्रावधान कर नियमित किया जाए। जहां पर 90 वेतनमान दिया जाना है ,वहां पर 90 वेतन दिया जाए। संविदा कर्मचारियों का पीएफ कटौती नहीं हो रही है, वहां कटौती शुरू की जाए।संभावना है कि इस मामले में मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग नई दिशा निर्देश जारी कर सकता है।
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