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भोपाल गैस पीड़ितों ने BMHRC पर लगाया गंभीर आरोप, सुप्रीम कोर्ट को लिखा पत्र

राजधानी में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले गैस पीड़ितो के हैं, वही सही समय पर सही इलाज न मिलने के कारण मौते हो रही है. जिसके बाद भोपाल गैस पीड़ित संगठन ने चिट्ठी लिखकर कार्रवाई की मांग की थी, जिसपर समिति गठित की गई है और मामले को संज्ञान में लिया गया है.

Gas victim organizations wrote a letter about negligence in BMHRC
बीएमएचआरसी में हो रही लापरवाही के चलते गैस पीड़ित संगठनों ने लिखा पत्र
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Published : Sep 20, 2020, 4:15 PM IST

भोपाल। राजधानी में कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही सबसे ज्यादा मामले गैस पीड़ितों के आ रहे हैं, जिसे लेकर भोपाल गैस पीड़ित संगठन कई बार गैस पीड़ितों के इलाज के लिए अपनी आवाज उठा चुका हैं. गैस पीड़ित संगठनों का कहना है कि उनका सही तरीके से इलाज नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते वह लगातार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं और उनकी मौत हो रही है.

पिछले दिनों भी भोपाल गैस पीड़ितों की बीएमएचआरसी के आइसोलेशन वार्ड में सही इलाज और डॉक्टर न होने के कारण 8 गैस पीड़ितों की मौत हो गई थी. जिसके बाद संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार,डायरेक्टर जनरल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई की मांग की थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की निगरानी रखने के लिए समिति गठित और मामले को संज्ञान में लिया.

गैस पीड़ित संगठनों ने अपने पत्र में जिक्र किया था, कि 7 लोग कोरोना पॉजिटिव थे और एक मरीज की मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. वहीं रिपोर्ट आने के पहले हार्ट अटैक से ही पीड़ित की मौत हो गई. और उसे बचाने के लिए कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. ऐसे ही 7 कोरोना मरीजों को सही इलाज न मिलने के चलते उनकी मौत हो गई.

बता दें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने पूरे देश में कोरोना से लड़ने के लिए गाइडलाइन बनाया है. लेकिन अस्पताल में सभी मापदंडों को दरकिनार कर रहा है जिसके कारण गैस पीड़ितों की असमय मृत्यु हो रही है, वहीं संगठनों ने गुहार लगाई है कि आईसीएमआर अस्पताल में हो रही लापरवाही के मामले को संज्ञान में लें. और कार्रवाई करें. साथ ही संगठनों की मांग है कि बीएमएचआरसी में 40 आईसीयू और ऑक्सीजन बेड का कोविड केंद्र तुरन्त शुरू किया जाए. ताकि ऐसे गैस पीड़ित को जिन्हें कोरोना नहीं है उन्हे सही इलाज दिया जा सके.

गैस पीड़ितों के लिखे पत्र पर सुप्रीम कोर्ट की गठित निगरानी समिति ने संज्ञान लिया है, उम्मीद जताई जा रही है कि भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर में कोविड मरीजों और नॉन कोविड गैस पीड़ितों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाएगी.

भोपाल। राजधानी में कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही सबसे ज्यादा मामले गैस पीड़ितों के आ रहे हैं, जिसे लेकर भोपाल गैस पीड़ित संगठन कई बार गैस पीड़ितों के इलाज के लिए अपनी आवाज उठा चुका हैं. गैस पीड़ित संगठनों का कहना है कि उनका सही तरीके से इलाज नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते वह लगातार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं और उनकी मौत हो रही है.

पिछले दिनों भी भोपाल गैस पीड़ितों की बीएमएचआरसी के आइसोलेशन वार्ड में सही इलाज और डॉक्टर न होने के कारण 8 गैस पीड़ितों की मौत हो गई थी. जिसके बाद संगठन ने स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार,डायरेक्टर जनरल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, को चिट्ठी लिखकर कार्रवाई की मांग की थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की निगरानी रखने के लिए समिति गठित और मामले को संज्ञान में लिया.

गैस पीड़ित संगठनों ने अपने पत्र में जिक्र किया था, कि 7 लोग कोरोना पॉजिटिव थे और एक मरीज की मौत के बाद उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. वहीं रिपोर्ट आने के पहले हार्ट अटैक से ही पीड़ित की मौत हो गई. और उसे बचाने के लिए कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था. ऐसे ही 7 कोरोना मरीजों को सही इलाज न मिलने के चलते उनकी मौत हो गई.

बता दें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने पूरे देश में कोरोना से लड़ने के लिए गाइडलाइन बनाया है. लेकिन अस्पताल में सभी मापदंडों को दरकिनार कर रहा है जिसके कारण गैस पीड़ितों की असमय मृत्यु हो रही है, वहीं संगठनों ने गुहार लगाई है कि आईसीएमआर अस्पताल में हो रही लापरवाही के मामले को संज्ञान में लें. और कार्रवाई करें. साथ ही संगठनों की मांग है कि बीएमएचआरसी में 40 आईसीयू और ऑक्सीजन बेड का कोविड केंद्र तुरन्त शुरू किया जाए. ताकि ऐसे गैस पीड़ित को जिन्हें कोरोना नहीं है उन्हे सही इलाज दिया जा सके.

गैस पीड़ितों के लिखे पत्र पर सुप्रीम कोर्ट की गठित निगरानी समिति ने संज्ञान लिया है, उम्मीद जताई जा रही है कि भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर में कोविड मरीजों और नॉन कोविड गैस पीड़ितों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाएगी.

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