भोपाल। शिवराज कैबिनेट की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को मंजूरी दे दी गई है. विधेयक को संशोधित बिंदुओं के साथ मंजूरी मिल गई है. इसमें अधिकतम 10 साल की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना लगेगा. इसके बाद विधेयक को विधानसभा में पेश किया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित कैबिनेट के प्रमुख सदस्य इस बैठक में वर्चुअली शामिल हुए.
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है,अब यह विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा. विधेयक को संशोधित बिंदुओ के साथ मंजूरी मिली है. प्रस्ताव के मुताबिक गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा और कम से कम 10 साल तक की सजा का प्रावधान रहेगा. वहीं एक लाख रुपए का जुर्मान भी होगा. लव जिहाद जैसे मामलों में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा. उन्हें अपराधी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी. वहीं शादी के लिए धर्मांतरण कराने वालों को भी सजा देने का प्रावधान इस कानून में रहेगा.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताए विधेयक के प्रावधान
- बहला-फुसलाकर, धमकी देकर जबरदस्ती धर्मांतरण और विवाह पर 10 साल की सजा का प्रावधान होगा.
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह में सहयोग करने वाले सभी आरोपियों के खिलाफ मुख्य आरोपी की तरह ही न्यायिक कार्रवाई की जाएगी.
- धर्मांतरण और धर्मांतरण के पश्चात होने वाले विवाह के 1 माह पूर्व डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को धर्मांतरण और विवाह करने और करवाने वाले दोनों पक्षों को लिखित में आवेदन प्रस्तुत करना होगा.
- बगैर आवेदन प्रस्तुत किए धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरु, काजी, मौलवी या पादरी को 5 साल तक की सजा का प्रावधान होगा.
- इस प्रकार के धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं को डोनेशन देने वाली संस्थाएं या लेने वाली संस्थाओं का पंजीयन भी निरस्त होगा.
- धर्मांतरण और जबरन विवाह की शिकायत स्वयं पीड़ित, माता- पिता, परिजन या गार्जियन द्वारा की जा सकती है.
- जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का पंजीयन निरस्त किया जाएगा.
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक में क्या
प्रस्तावित 'मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य विधेयक' में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कानून की तर्ज पर ही सजा का प्रावधान किया गया है. बहला-फुसलाकर या फिर जबरन धर्मांतरण और विवाह करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है. इसके साथ ही धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं और उन्हें वित्तीय सहायता देने वाली संस्थाओं के पंजीयन निरस्त होंगे.
संस्थाओं पर होगी कार्रवाई
वहीं पिछली कैबिनेट बैठक में यह भी तय हुआ था की, ऐसी गतिविधियों को संचालित करने वाली संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. बगैर आवेदन धर्मांतरण कराने वाले धर्मगुरुओं को भी 5 साल की सजा होगी.
क्या होंगे शादी के नियम
धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह से 2 माह पहले जिला कलेक्टर कार्यालय में आवेदन करना होगा. कलेक्टर दोनों पक्षों और उनके परिजनों को नोटिस देकर तलब करेगा और उनसे लिखित बयान लिए जाएंगे, की विवाह या धर्मांतरण जोर जबरदस्ती से तो नहीं किया जा रहा है. इसके बाद ही कलेक्टर द्वारा अनुमति दी जाएगी. यदि बिना आवेदन प्रस्तुत किए, किसी काजी, मौलवी या पादरी द्वारा धर्म परिवर्तन और विवाह कराया जाता है, तो ऐसे लोगों के खिलाफ 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
यूपी में भी लाया गया है अध्यादेश
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ बनाए कानून को अध्यादेश के जरिए 24 नवंबर को लागू किया है. इसमें गैर जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज करने और 10 साल की कठोरतम सजा का प्रावधान है.
धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पर क्या बोले सीएम
सीएम शिवराज ने कहा कि लोभ लालच, भ्रम या डरा धमकाकर धर्म परिवर्तन नहीं किया जाएगा. प्रदेश में अगर ऐसा अब किया जाता है तो 10 साल की सजा और 50 हजार रुपए अर्थदण्ड का प्रावधान रखा है. इस तरह की गतिविधियां प्रदेश में नहीं चलेगी इसलिए 1968 के कानून को और कड़ा बनाया है. सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर भोली-भाली बेटियों के साथ यह नहीं हो सकता है. इसलिए हमने कड़ा कानून बनाया है.
छिंदवाड़ा में सामने आया था पहला मामला
लव जिहाद से जुड़ा पहला मामला छिंदवाड़ा से सामने आया था. जहां युवती ने धर्म विशेष के युवक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आरोपी साबिर अली उसको धर्म परिवर्तन करके शादी करने के लिए डरा धमका रहा है. इसके साथ ही उसने जान से मारने की धमकी भी दी है. आरोपी साबिर अली पिछले एक साल से पीड़िता के नाम की फर्जी आईडी बनाकर सोशल मीडिया में अश्लील पोस्ट कर रहा था. पीड़िता को अश्लील वीडियो भेजता था. इतना ही नहीं साबिर ने पीड़िता के परिवार को जान से मारने और शादी नहीं करने पर युवती पर एसिड फेंकने की धमकी दी थी, जिसकी वजह से पूरे परिवार का जीना हराम हो गया था.
राजधानी से सामने आया था दूसरा मामला
वहीं दूसरा मामला राजधानी भोपाल से सामने आया था, जहां पीड़िता सीधे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिलने पहुंची और आपबीती बताई. जिसके बाद मंत्री ने पीड़िता को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया था. युवती का आरोप था कि एक साल पहले वो एक युवक से मिली थी. युवक ने नाम बदलकर उससे दोस्ती की. उसके बाद मंदिर में जाकर शादी भी की. पीड़िता ने युवक का असली नाम सलमान बताया है, जोकि उसे कुछ दिन पहले ही पता चला है. पीड़िता का 6 महीने का बच्चा भी है.
भोपाल से ही सामने आया तीसरा मामला
प्रदेश में लव जिहाद का तीसरा मामला भी राजधानी से ही सामने आया था. कथित मुस्लिम अमित विश्वास नाम के युवक ने हिंदू महिला से शादी की थी. साल 2013 में उसने हिंदू महिला से शादी की और बाद में वह उस महिला को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित होने का दबाव बनाने लगा. जिसके बाद महिला ने राजधानी भोपाल के सुखी सेवनिया थाने में दहेज प्रताड़ना के तहत मामला दर्ज किया था. बता दें इस तरह प्रदेश में पिछले दिनों लव जिहाद से जुड़े कई मामले सामने आए हैं.
क्या है लव जिहाद
लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है. लव अंग्रेजी भाषा से लिया गया है और जिहाद अरबी शब्द है. जिहाद का मतलब किसी भी उद्देश्य को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना. जब एक धर्म विशेष को मानने वाले छल, फरेब और झूठ का सहारा लेकर अपने प्यार के जाल में दूसरे धर्म की लड़की को फंसाकर उसका धर्मांतरण और फिर उससे शादी करते हैं, तो इसे ही लव जिहाद कहा गया है. हालांकि, लव जिहाद को तब तक मान्यता नहीं मिली, जब तक खुद सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार नहीं किया.