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ऑनलाइन वाहन खरीदी से हो जाएं सावधान, आर्मी मैन बनकर जालसाजी कर रहे हैं ठग

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Published : Jul 14, 2020, 5:54 PM IST

मध्यप्रदेश में साइबर ठग पांव पसार रहे हैं. अब जालसाज फेसबुक और ओएलएक्स के जरिए सेकंड हैंड वाहनों को बेचने के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे हैं. इसके लिए वे अब खुद को आर्मी मैन बता रहे हैं.

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भोपाल। बदलते जमाने के साथ-साथ जालसाजों ने भी ठगी के नए-नए तरीके खोज निकाले हैं. कभी बैंककर्मी बनकर, तो कभी पॉलिसी के नाम पर भोले-भाले लोगों को ठगा जा रहा है. अब फेसबुक और ओएलएक्स के जरिए सेकंड हैंड वाहनों को बेचने के नाम पर जालसाज लोगों को चूना लगा रहे हैं. चौंकाने वाली बात तो ये है कि, जालसाज खुद को आर्मी मैन बताते हैं और फेसबुक या व्हाट्सएप प्रोफाइल पर बाकायदा आर्मी से जुड़ी डीपी लगाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

आर्मी मैन के नाम पर ऑनलाइन ठगी

अगर आप कोई सेकंड हैंड वाहन खरीदना चाह रहे हैं और खास तौर पर सोशल मीडिया के जरिए वाहनों को सर्च कर रहे हैं या खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. दरअसल फेसबुक पर ऐसे कई पेज बने हैं, जहां दोपहिया और चार पहिया वाहनों के फोटो आपको दिखाई देंगे. इन फोटोज के साथ एक मोबाइल नंबर भी दिया गया है, इन नंबरों पर फोन लगाने पर वाहन बेचने वाला पहले तो खुद को आर्मी मैन बताता है, फिर रजिस्ट्रेशन फीस करीब 2 से 5 हजार रुपये तक मांगी जाती है. इसके लिए एक अकाउंट नंबर भी दिया जाता है, रजिस्ट्रेशन फीस लेने के बाद या तो मोबाइल नंबर बंद हो जाते हैं या फिर फोन ही नहीं लगता है.

चौकाने वाली बात तो ये है कि, इन जालसाजों की फेसबुक प्रोफाइल पर बाकायदा आर्मी से जुड़े फोटो भी लगे रहते हैं. व्हाट्सएप डीपी पर भी सीआरपीएफ या आर्मी से जुड़े लोगों की फोटो मौजूद रहती है. ईटीवी भारत संवाददाता ने ऐसे ही एक नंबर पर फोन किया, तो वाहन बेचने वाले ने बात करते हुए कहा कि, वाहन राजस्थान में है और अगर इसे देखना चाहते हैं, तो रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर करीब 5 हजार रुपये एक खाते में जमा कराने होंगे. उसके बाद ही वाहन को भोपाल भेजा जाएगा और आप उसे देख सकते हैं.

मध्य प्रदेश साइबर सेल के पास भी इससे जुड़ी कई शिकायतें पहुंची हैं. जिसमें फेसबुक या किसी सोशल साइट पर वाहन खरीदी के नाम पर ठगी की गई है. ज्यादातर मामलों में जालसाज वाहन राजस्थान में होने की बात कहते हैं. वाहन को दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस मांगते हैं, साथ ही आर्मी में होने की धौंस जमाते हैं. ऐसे में खरीददार को विश्वास हो जाता है और बेहतर कंडीशन का वाहन सस्ते दामों में खरीदने के लालच में जालसाजी का शिकार हो जाता है. साइबर सेल का कहना है कि, इस तरह की सभी शिकायतों पर जांच की जा रही है, उम्मीद है कि, जल्द ही इस तरह के जालसाज पुलिस की गिरफ्त में होंगे.

भोपाल। बदलते जमाने के साथ-साथ जालसाजों ने भी ठगी के नए-नए तरीके खोज निकाले हैं. कभी बैंककर्मी बनकर, तो कभी पॉलिसी के नाम पर भोले-भाले लोगों को ठगा जा रहा है. अब फेसबुक और ओएलएक्स के जरिए सेकंड हैंड वाहनों को बेचने के नाम पर जालसाज लोगों को चूना लगा रहे हैं. चौंकाने वाली बात तो ये है कि, जालसाज खुद को आर्मी मैन बताते हैं और फेसबुक या व्हाट्सएप प्रोफाइल पर बाकायदा आर्मी से जुड़ी डीपी लगाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.

आर्मी मैन के नाम पर ऑनलाइन ठगी

अगर आप कोई सेकंड हैंड वाहन खरीदना चाह रहे हैं और खास तौर पर सोशल मीडिया के जरिए वाहनों को सर्च कर रहे हैं या खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. दरअसल फेसबुक पर ऐसे कई पेज बने हैं, जहां दोपहिया और चार पहिया वाहनों के फोटो आपको दिखाई देंगे. इन फोटोज के साथ एक मोबाइल नंबर भी दिया गया है, इन नंबरों पर फोन लगाने पर वाहन बेचने वाला पहले तो खुद को आर्मी मैन बताता है, फिर रजिस्ट्रेशन फीस करीब 2 से 5 हजार रुपये तक मांगी जाती है. इसके लिए एक अकाउंट नंबर भी दिया जाता है, रजिस्ट्रेशन फीस लेने के बाद या तो मोबाइल नंबर बंद हो जाते हैं या फिर फोन ही नहीं लगता है.

चौकाने वाली बात तो ये है कि, इन जालसाजों की फेसबुक प्रोफाइल पर बाकायदा आर्मी से जुड़े फोटो भी लगे रहते हैं. व्हाट्सएप डीपी पर भी सीआरपीएफ या आर्मी से जुड़े लोगों की फोटो मौजूद रहती है. ईटीवी भारत संवाददाता ने ऐसे ही एक नंबर पर फोन किया, तो वाहन बेचने वाले ने बात करते हुए कहा कि, वाहन राजस्थान में है और अगर इसे देखना चाहते हैं, तो रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर करीब 5 हजार रुपये एक खाते में जमा कराने होंगे. उसके बाद ही वाहन को भोपाल भेजा जाएगा और आप उसे देख सकते हैं.

मध्य प्रदेश साइबर सेल के पास भी इससे जुड़ी कई शिकायतें पहुंची हैं. जिसमें फेसबुक या किसी सोशल साइट पर वाहन खरीदी के नाम पर ठगी की गई है. ज्यादातर मामलों में जालसाज वाहन राजस्थान में होने की बात कहते हैं. वाहन को दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस मांगते हैं, साथ ही आर्मी में होने की धौंस जमाते हैं. ऐसे में खरीददार को विश्वास हो जाता है और बेहतर कंडीशन का वाहन सस्ते दामों में खरीदने के लालच में जालसाजी का शिकार हो जाता है. साइबर सेल का कहना है कि, इस तरह की सभी शिकायतों पर जांच की जा रही है, उम्मीद है कि, जल्द ही इस तरह के जालसाज पुलिस की गिरफ्त में होंगे.

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