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देश में प्रति व्यक्ति महज 11 रुपए की राहत राशि दे रहे हैं पीएम मोदी, अरुण यादव ने साधा निशाना - Relief fund giving during corona pandemic

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने केंद्र सरकार द्वारा आंवटित की जा रही सहयाता राशि को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने सहायता राशि को ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं कहा है. साथ ही पीएम से आग्रह किया है कि राशि को और बढ़ाएं.

former union minister arun yadav
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव
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Published : Apr 12, 2020, 11:31 AM IST

भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कहर से जूझ रहे समूचे देश में लगातार बढ़ रही मरीजों-मृतकों की संख्या और अथक कोशिशों के बावजूद हालात काबू में नहीं आने पर चिंता जाहिर की है. अरुण यादव ने केंद्र सरकार द्वारा बांटी जा रही सहायता राशि को ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं बताते हुए इसमें बढ़ोतरी की मांग की है.

अरुण यादव ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-2021 में 30,42,230 करोड़ रुपए का बजट बताया है. कोरोना महामारी से निपटने के लिए मोदी सरकार ने 15 हजार करोड़ की राशि सहायता राशि के लिए स्वीकृत की है, जो महामारी की भयावहता को देखते हुए कुल बजट का एक प्रतिशत भी नहीं है.

'प्रति व्यक्ति महज 11 रुपए'

अरुण यादव ने कहा कि देश की कुल आबादी एक अरब 35 करोड़ है, यानि राज्यों में प्रति व्यक्ति 11 रुपए (भ्रष्टाचार छोड़कर) खर्च किए जाएंगे. जबकि एक मास्क की कीमत ही 40 से 50 रुपए है. इसी तरह भारतीय गणतंत्र में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, अलग 15 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि इन 38 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में समान रूप से आवंटित की जाती है तो प्रत्येक राज्य को 411 करोड़ का आवंटन होगा, इतनी राशि से तो राज्य 300 वेंटिलेटर भी नहीं खरीद सकती.

उन्होंने ने यह भी कहा कि पिछले वित्त वर्ष में केंद्र ने 200 उद्योगपतियों को 1.40 लाख करोड़ की राहत देते हुए आयकर में छूट प्रदान की थी और इस साल बेकाबू कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में प्रति व्यक्ति सिर्फ 11/- रुपए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे कृपा कर ताली-थाली, लाइट बंद, दीये, मोमबत्ती जलाने जैसे बेवजह संदेशों से इतर कोरोना के कहर को थामने के लिए अन्य ठोस और कारगर कदम अमल में लाएं. पर्याप्त सहायता राशि आवंटित करें ताकि बेकाबू हो रहे कोरोना संक्रमण से मरीजों, मृतकों की बढ़ रही संख्या को जल्द थामा जा सके.

भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कहर से जूझ रहे समूचे देश में लगातार बढ़ रही मरीजों-मृतकों की संख्या और अथक कोशिशों के बावजूद हालात काबू में नहीं आने पर चिंता जाहिर की है. अरुण यादव ने केंद्र सरकार द्वारा बांटी जा रही सहायता राशि को ऊंट के मुंह में जीरा भी नहीं बताते हुए इसमें बढ़ोतरी की मांग की है.

अरुण यादव ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-2021 में 30,42,230 करोड़ रुपए का बजट बताया है. कोरोना महामारी से निपटने के लिए मोदी सरकार ने 15 हजार करोड़ की राशि सहायता राशि के लिए स्वीकृत की है, जो महामारी की भयावहता को देखते हुए कुल बजट का एक प्रतिशत भी नहीं है.

'प्रति व्यक्ति महज 11 रुपए'

अरुण यादव ने कहा कि देश की कुल आबादी एक अरब 35 करोड़ है, यानि राज्यों में प्रति व्यक्ति 11 रुपए (भ्रष्टाचार छोड़कर) खर्च किए जाएंगे. जबकि एक मास्क की कीमत ही 40 से 50 रुपए है. इसी तरह भारतीय गणतंत्र में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं, अलग 15 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि इन 38 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों में समान रूप से आवंटित की जाती है तो प्रत्येक राज्य को 411 करोड़ का आवंटन होगा, इतनी राशि से तो राज्य 300 वेंटिलेटर भी नहीं खरीद सकती.

उन्होंने ने यह भी कहा कि पिछले वित्त वर्ष में केंद्र ने 200 उद्योगपतियों को 1.40 लाख करोड़ की राहत देते हुए आयकर में छूट प्रदान की थी और इस साल बेकाबू कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में प्रति व्यक्ति सिर्फ 11/- रुपए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे कृपा कर ताली-थाली, लाइट बंद, दीये, मोमबत्ती जलाने जैसे बेवजह संदेशों से इतर कोरोना के कहर को थामने के लिए अन्य ठोस और कारगर कदम अमल में लाएं. पर्याप्त सहायता राशि आवंटित करें ताकि बेकाबू हो रहे कोरोना संक्रमण से मरीजों, मृतकों की बढ़ रही संख्या को जल्द थामा जा सके.

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