भोपाल| हनी ट्रैप मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. कोर्ट के द्वारा इंदौर निगम के इंजीनियर का अश्लील वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार महिलाओं को चार अक्टूबर तक जेल भेज दिया गया है. पुलिस के द्वारा इन्हें न्यायिक दंडाधिकारी राकेश कुमार पाटीदार की कोर्ट में पेश किया गया था, हालांकि इस मामले में पकड़ी गई दो महिलाओं और ड्राइवर को तान दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. लेकिन इनके पास से मिले लैपटॉप, मोबाइल और कैमरे की जांच की जा रही है.
इस मामले में ये भी बात निकल कर आ रही है कि राजनेता,सीनियर नौकरशाह और बड़े व्यापारी इन महिलाओं को अपने दुश्मनों के पास भी भेजा करते थे. ये बात महिलाओं ने पुलिस को पूछताछ में बताई है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बालाघाट जिले के लांजी विधानसभा के पूर्व विधायक किशोर समरीते का कहना है कि अभी हाल ही में हनी ट्रैप का मामला सामने आया है इस मामले में इंदौर पुलिस के द्वारा कार्रवाई की गई है और कई महिलाओं को पकड़ा गया है लेकिन इस मामले में करीब 900 से ज्यादा वीडियो बरामद किए गए हैं, लेकिन पुलिस के द्वारा पकड़ी गई महिलाओं से सही तरीकेसे पूछताछ नहीं हो रही है. इस मामले में पुलिस को जुडिशल रिमांड लेते हुए उनसे इस मामले की जुड़ी हुई कड़ियों के बारे में गहराई से पूछताछ करनी चाहिए थी.
उन्होंने कहा कि करीब 900 वीडियो बरामद हुए हैं, जिसमें इस देश के बीजेपी-कांग्रेस के कई नेता और कई आईएएस-आईपीएस शामिल हैं, लेकिन पुलिस इस पूरे मामले का पटाक्षेप करना चाहती है. उनका कहना है कि सरकार इस पूरे मामले पर बड़ी इंक्वायरी करें. इसकी जांच कमेटी भी बनाई जा सकती है. जिसमें महिला जज को रखा जा सकता है. कांग्रेस नेत्री मीनाक्षी नटराजन, हिना कावरे, इमरती देवी, विजयलक्ष्मी साधौ और आईपीएस अधिकारी अनुराधा शंकर इन सभी को एक साथ जोड़ कर एक कमेटी बनाकर इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए. क्योंकि इस पूरे मामले में बीजेपी और कांग्रेस के नेता पूरी तरह से शामिल हैं. यदि सरकार इस मामले में जांच नहीं करवाएगी तो फिर वो हाईकोर्ट में इस पूरे मामले को लेकर अपील करेंगे.
वहीं पूर्व विधायक किशोर समरीते ने कहा कि दिग्विजय सिंह के शासन काल के समय भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया था, लेकिन वे पूरी तरह दबा दिया गया था. बालाघाट में भी दो-तीन साल पहले कुछ इसी तरह का मामला सामने आया था. उसमें भी एक पत्रकार को आरोपी बनाकर बाकी बड़े लोगों को बचा लिया गया था. इस मामले में भी नगर निगम इंजीनियर हरभजन को सामने लाकर मामले को निपटाया जा रहा है.