भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों से बंगले का मोह नहीं छूट रहा. इसी कोरोना महामारी की मजबूरी कहें या फिर सत्ता में आने की उम्मीद. मंत्रियों ने अभी तक के बंगले खाली नहीं किए हैं. उधर संपदा संचालनालय ने मध्य प्रदेश लोक परिसर बेदखली अधिनियम के तहत बंगले खाली करने के नोटिस जारी कर दिए हैं. जिन बंगलों पर नोटिस रिसीव नहीं किए गए. उनके बंगले पर यह नोटिस चस्पा किए गए हैं. पूर्व मंत्रियों को जल्द से जल्द बंगले खाली करने के लिए कहा गया है.
बंगलों पर किए थे करोड़ों खर्च
मध्य प्रदेश की सत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने बंगलों की साज-सज्जा पर जमकर सरकारी पैसे खर्च किए थे. बंगलों की मरम्मत पर एक करोड़ 31 लाख रुपए, साज-सज्जा पर एक करोड़ 52 लाख रुपए और नव निर्माण पर पचास लाख से ज्यादा खर्च किया गया था. इसी तरह बिजली से जुड़े कामों पर 34 लाख रुपए खर्च किए गए थे. हालात यह रहे कि, मरम्मत और नव निर्माण के चलते कई मंत्री तो मंत्री पद संभालने के 6 माह तक अपने बंगले में शिफ्ट नहीं हो पाए. लेकिन करोड़ों खर्च करने के बाद भी इन में रहने का सुख मुश्किल से 1 साल ही भोग पाए.
कमलनाथ सरकार में वित्त मंत्री रहे तरुण भनोत के बंगले पर 45 लाख से ज्यादा खर्च हुआ था. इस बंगले को बचाने के लिए भनोत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. भनोत ने कहा है कि, उन्होंने बेदखली के लिए कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया था. उन्हें बंगले का आवंटन निरंतर रखा जाए. तरुण भनोत के अलावा सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, ब्रजेन्द्र सिंह राठौर, ओमकार सिंह मरकाम, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे, उमंग सिंगार, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, सचिन यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल को भी नोटिस जारी किए गए हैं.