भोपाल। कोरोना के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के बीच किसानों को गेहूं बेंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. अब मूंग और उड़द की दाल उगाने वाले किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सरकार अपने वादे से मुकर गई है. 4 जून से मूंग और उड़द की खरीदी के एलान के बाद अब तक मूंग और उड़द की खरीदी शुरू नहीं हो पायी है. 2 जून को प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ट्वीट करके मूंग और उड़द की 4 जून से खरीदी की बात कही थी. साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का आभार माना था, लेकिन अब तक खरीदी शुरू नहीं हो सकी है.
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किसान भाईयों,
— Kamal Patel (@KamalPatelBJP) June 2, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हम 4 जून से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग एवं उड़द की खरीदी हेतु पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहे हैं।
इस निर्णय हेतु मान. प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, श्री @nstomar जी एवं मान. मु.मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
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— Kamal Patel (@KamalPatelBJP) June 2, 2020
हम 4 जून से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग एवं उड़द की खरीदी हेतु पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहे हैं।
इस निर्णय हेतु मान. प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, श्री @nstomar जी एवं मान. मु.मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।किसान भाईयों,
— Kamal Patel (@KamalPatelBJP) June 2, 2020
हम 4 जून से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग एवं उड़द की खरीदी हेतु पंजीयन की प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहे हैं।
इस निर्णय हेतु मान. प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, श्री @nstomar जी एवं मान. मु.मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।
ऐसे में पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर मूंग और उड़द की खरीदी शुरू करने की मांग की है. सचिन यादव ने अपने पत्र में लिखा है कि ग्रीष्मकालीन दलहनी फसलों मूंग और उड़द की बिक्री के लिए किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री महोदय द्वारा ट्वीट और जनसंपर्क विभाग भोपाल के माध्यम से दलहनी फसलों के लिए ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन हेतु 4 से 15 जून 2020 तक करने की सूचना दी गयी थी. लेकिन आज तक किसी भी पोर्टल पर दलहनी फसलों के उत्पादन करने वाले किसानों का पंजीयन नही हो रहा है, जिससे प्रदेश के किसानों में दलहनी फसलों के वाजिब दाम नही मिलने का भय व्याप्त है. जबकि इस वर्ष मूंग और उड़द का रकबा और उत्पादन बढ़ने की संभावनाएं हैं. ऐसे में अगर किसानों को समय पर उचित मूल्य नहीं मिलेगा तो उन पर दोहरी मार पडे़गी.