भोपाल| प्रदेश में उपचुनाव से पहले बंगला पॉलिटिक्स की सियासत जमकर गरमाई हुई है, क्योंकि बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों के बंगले रिक्त कराना शुरू कर दिए. लगातार संपदा संचनालय के द्वारा ऐसे सभी पूर्व मंत्रियों को लगातार नोटिस देकर बंगले खाली कराने का काम किया जा रहा है, जिन्होंने लंबे समय से बंगले पर कब्जा जमा रखा है. शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को बंगले आवंटित किए गए हैं, लेकिन बंगले रिक्त ना होने की वजह से उन्हें फिलहाल अन्य स्थान पर रहना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में सरकार तेजी से इन सभी पूर्व मंत्रियों के बंगले खाली कराना चाहती है.
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बंगला खाली ना करना पड़े इसे लेकर हाईकोर्ट में अपील की थी, जहां से उन्हें राहत मिल गई है. कोर्ट ने फिलहाल बंगले को खाली करवाने पर रोक लगा दी है. कांग्रेस की ओर से पीसी शर्मा पहले पूर्व मंत्री हैं, जिन्होंने बंगला खाली ना करना पड़े, इसे लेकर कोर्ट की शरण ली है, हालांकि उन्हें राहत भी मिल गई है पूर्व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा की ओर से अधिवक्ता अंकित सक्सेना के द्वारा अपील की गई थी.
न्यायमूर्ति सुबोध अभयंकर की एकल पीठ ने निर्देश दिए हैं कि, पीसी शर्मा की ओर से 3 सप्ताह के अंदर दूसरे बंगले के आवंटन के संबंध में आवेदन दिया जाएगा. इस आवेदन का अगले 2 सप्ताह के भीतर निराकरण किया जाए, जब तक ऐसा ना हो तब तक पीसी शर्मा को वर्तमान बंगले में ही रहने दिया जाए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली के साथ पैनल लॉयर पीयूष जैन भी उपस्थित रहे.
शिवराज सरकार के द्वारा अब तक पूर्व मंत्री तरुण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, बृजेंद्र सिंह राठौर, ओंमकार सिंह, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, सचिन यादव और सुरेंद्र बघेल को भी बंगला खाली करने को लेकर नोटिस दिया जा चुका है, हालांकि इन सभी पूर्व मंत्रियों के द्वारा लगातार सरकार से मांग की जा रही है कि, उन्हें रहने के लिए पहले दूसरा आवास आवंटित किया जाए. 3 दिन पहले ही पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ और बाला बच्चन ने अपने शासकीय बंगले रिक्त कर दिए हैं
.