भोपाल। इंदौर से बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र हार्डिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर महिला एवं बाल विकास विभाग में मोबाइल खरीदी घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा है कि 'कमलनाथ सरकार के अल्पमत में पहुंच जाने के बाद भी सरकार के नियमों को ताक पर रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मोबाइल खरीदी में करीब 60 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया गया है. ये आदेश तब जारी हुए जब सुप्रीम कोर्ट ने अल्पमत वाली कमलनाथ सरकार को बहुमत सिद्ध करने के आदेश दिए थे.'
महेंद्र हार्डिया ने अपने पत्र में पूर्व मुख्य सचिव एसआर मोहंती और एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव पर इस घोटाले को अंजाम देने के आरोप लगाए हैं. वहीं उन्होंने अपने पत्र में तत्कालीन महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी मंत्री विजयलक्ष्मी साधो पर भी आरोप लगाए हैं उन्होंने घोटाले की जांच की मांग कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई के लिए कहा है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे अपने पत्र में भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री महेंद्र हार्डिया ने कहा है कि मध्य प्रदेश में विगत एक साल में सत्ता पक्ष द्वारा बिठाए गए मुख्य सचिव एसआर मोहंती द्वारा भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है. आईएस मनु श्रीवास्तव के पास पूर्ववर्ती सरकार में चार पांच बड़े विभागों का चार्ज था. एमएसएमई विभाग के प्रमुख सचिव के साथ ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव और लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक का भी पद था. मनु श्रीवास्तव ने 60 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया है.
उन्होंने मुख्य सचिव एसआर मोहंती के कहने पर सुप्रीम कोर्ट के कमलनाथ सरकार को बहुमत सिद्ध करने के आदेश के 15 मिनट बाद मौके की नजाकत का फायदा उठाते हुए मोबाइल खरीदी का आदेश जारी किया है. उन्हीं के निर्देश पर लघु उद्योग निगम के महाप्रबंधक आरएच प्रेम द्वारा मोबाइल खरीदी के आदेश पोर्टल पर प्रसारित किए गए.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के बहुमत सिद्ध करने के आदेश के बाद मुख्य सचिव एसआर मोहंती के कहने पर महिला एवं बाल विकास की प्रभारी मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने बैक डेट में इस आदेश पर हस्ताक्षर किए. अपने पत्र में महेंद्र हार्डिया ने बताया है कि केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत खरीदी निविदा के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग को करना थी, लेकिन यह काम लघु उद्योग निगम को देखकर सरकार पर अतिरिक्त दो करोड़ का वित्तीय भार लादा गया.
गौरतलब है कि कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रही सिंधिया समर्थक इमरती देवी ने भी खरीदी को लेकर सवाल उठाए थे. वहीं मध्य प्रदेश सरकार के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार में हुए घोटालों की जांच के लिए एक समिति के गठन की मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है. कमलनाथ सरकार पर आरोप है कि अल्पमत में पहुंच जाने के बाद कमलनाथ सरकार ने कई ऐसे आदेश और निर्णय लिए हैं. जिनमें घोटाले और गड़बड़ी की आशंका है. अब देखना यह होगा कि इस मामले में शिवराज सरकार किस तरह के कदम उठाती है और किसे जिम्मेदार ठहराती है.