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इस कांग्रेसी को दिग्विजय सिंह ने बताया 'धोखेबाज', उपचुनाव में टिकट देने का भी किया विरोध - सिंधिया को नहीं मिलेगा सम्मान

विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को टिकट मिलना मुश्किल दिख रहा है, इस पर दिग्विजय सिंह ने बातों ही बातों में विरोध दर्ज कराया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि चौधरी राकेश सिंह ने उस वक्त पार्टी को धोखा दिया था, जब पार्टी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही थी, इसलिए मैं नहीं चाहूंगा कि पार्टी उन्हें वापस ले.

Former CM Digvijay Singh
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह
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Published : Jun 7, 2020, 4:09 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को टिकट मिलना मुश्किल दिख रहा है, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उनके नाम को लेकर सार्वजनिक तौर पर विरोध दर्ज कराया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि चौधरी राकेश सिंह ने उस वक्त पार्टी को धोखा दिया था, जब पार्टी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही थी, इसलिए मैं नहीं चाहूंगा कि पार्टी उन्हें वापस ले.

दिग्विजय सिंह ने इस दौरान श्रम कानून और मंडी एक्ट में बदलाव को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना नियंत्रण को लेकर मध्य प्रदेश सरकार को 25 से ज्यादा पत्र भेजे, लेकिन सरकार ने उन्हें कोई जानकारी भेजना जरूरी नहीं समझा. प्रदेश में बारिश से अनाज भीगने को लेकर उन्होंने कहा कि बारिश की चेतावनी पहले से थी, इसके बाद भी अनाज को सही जगह पर रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया.

लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की वापसी के आंकड़ों को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार 5.50 लाख मजदूरों को वापस लाने के दावे कर रही है, लेकिन सरकार बताए कि किन किन बसों से उन्हें वापस लेकर आई है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन मजदूरों को बॉर्डर से भी लाया गया, उनसे भी किराया वसूला गया है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि उपचुनाव के लिए कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ उपचुनाव की तैयारी कर रहे हैं. कमलनाथ ने सर्वे करा लिया है और स्थानीय नेताओं से भी चर्चा की जा रही है. चुनाव में बेहतर उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाएगा. कमलनाथ से मतभेद के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके कमलनाथ से 40 साल पुराने संबंध हैं और उनमें कभी मतभेद नहीं हो सकता है.

दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सवाल पर कहा कि सिंधिया को जो मान सम्मान कांग्रेस में मिला है, बीजेपी में कभी नहीं मिलेगा. पार्टी में सिंधिया अकेले ऐसे नेता थे, जिनके निवास पर जाकर प्रियंका गांधी ने पार्टी नेताओं की बैठक की और ग्वालियर-चंबल के सभी पद वे ही तय करते थे, लेकिन बीजेपी में संघ निर्णय लेता है और सिंधिया संघ विरोधी रहे हैं और जब तक संघ है, न तो सिंधिया को जिम्मेदारी मिलेगी और न ही सम्मान मिलेगा.

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को टिकट मिलना मुश्किल दिख रहा है, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने उनके नाम को लेकर सार्वजनिक तौर पर विरोध दर्ज कराया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि चौधरी राकेश सिंह ने उस वक्त पार्टी को धोखा दिया था, जब पार्टी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही थी, इसलिए मैं नहीं चाहूंगा कि पार्टी उन्हें वापस ले.

दिग्विजय सिंह ने इस दौरान श्रम कानून और मंडी एक्ट में बदलाव को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधा है. उन्होंने कहा कि कोरोना नियंत्रण को लेकर मध्य प्रदेश सरकार को 25 से ज्यादा पत्र भेजे, लेकिन सरकार ने उन्हें कोई जानकारी भेजना जरूरी नहीं समझा. प्रदेश में बारिश से अनाज भीगने को लेकर उन्होंने कहा कि बारिश की चेतावनी पहले से थी, इसके बाद भी अनाज को सही जगह पर रखने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया.

लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की वापसी के आंकड़ों को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार 5.50 लाख मजदूरों को वापस लाने के दावे कर रही है, लेकिन सरकार बताए कि किन किन बसों से उन्हें वापस लेकर आई है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन मजदूरों को बॉर्डर से भी लाया गया, उनसे भी किराया वसूला गया है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि उपचुनाव के लिए कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ उपचुनाव की तैयारी कर रहे हैं. कमलनाथ ने सर्वे करा लिया है और स्थानीय नेताओं से भी चर्चा की जा रही है. चुनाव में बेहतर उम्मीदवार को मैदान में उतारा जाएगा. कमलनाथ से मतभेद के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके कमलनाथ से 40 साल पुराने संबंध हैं और उनमें कभी मतभेद नहीं हो सकता है.

दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सवाल पर कहा कि सिंधिया को जो मान सम्मान कांग्रेस में मिला है, बीजेपी में कभी नहीं मिलेगा. पार्टी में सिंधिया अकेले ऐसे नेता थे, जिनके निवास पर जाकर प्रियंका गांधी ने पार्टी नेताओं की बैठक की और ग्वालियर-चंबल के सभी पद वे ही तय करते थे, लेकिन बीजेपी में संघ निर्णय लेता है और सिंधिया संघ विरोधी रहे हैं और जब तक संघ है, न तो सिंधिया को जिम्मेदारी मिलेगी और न ही सम्मान मिलेगा.

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