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पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल को 5 साल का सश्रम कारावास, 16 लोगों से की थी 18 लाख की ठगी

नौकरी दिलाने का झांसा देकर 16 लोगों से 18 लाख की ठगी करने वाले राजेंद्र चतुर्वेदी को 5 साल की सजा सुनाई गई है. पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल, राजेन्द्र चतुर्वेदी पर 8 लाख 75 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

Rajendra Chaturvedi sentenced to 5 years
पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल को 5 साल का सश्रम कारावास
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Published : Jan 18, 2020, 3:30 AM IST

Updated : Jan 18, 2020, 3:44 AM IST

भोपाल। नौकरी का झांसा देकर 18 लाख रुपए की ठगी करने के चलते पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल, राजेंद्र चतुर्वेदी को 5 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है. राजेंद्र चतुर्वेदी के खिलाफ जेल विभाग में जेल प्रहरी-लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 16 लोगों से करीब 18 लाख रुपए की वसूली को लेकर दर्ज मामला दर्ज किया गया था.

पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल को 5 साल का सश्रम कारावास

सजा के साथ 8 लाख 75 हजार का जुर्माना
भ्रष्टाचार के इस मामले में जिला न्यायालय द्वारा पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल राजेंद्र चतुर्वेदी को देर शाम 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है, जबकि 8 लाख 75 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश संजीव पांडे ने यह फैसला सुनाया है. फैसले के बाद राजेंद्र चतुर्वेदी को जेल भेज दिया गया है.

16 लोगों से की थी ठगी
अदालत ने सात अलग-अलग लोगों से रुपए एंठने को लेकर चतुर्वेदी को अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. राजेंद्र चतुर्वेदी वर्ष 2003 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जेल के पद पर कार्यरत था. इस दौरान उन्होंने जेल विभाग में जेल प्रहरी और लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने के लिए16 लोगों से 18 लाख रुपए ऐंठे थे. 9 जून 2014 को इस मामले की शिकायत यूएडब्ल्यू में की गई थी.

कुछ समय पहले ही किया गया था गिरफ्तार
उसके बाद से ही इस मामले की जांच की जा रही थी और कुछ समय पहले ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था. अदालत के द्वारा जब फैसला सुनाया गया तो उसमें उल्लेख किया गया कि राजेंद्र चतुर्वेदी अभियुक्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे हैं. ऐसे अधिकारियों पर सामान्य जनता का विश्वास रहता है. ऐसे लोगों को अधिकतम दंड मिलना चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार का कार्य एक वरिष्ठ पद पर रहते हुए उनके द्वारा किया गया है वह उचित नहीं है.

भोपाल। नौकरी का झांसा देकर 18 लाख रुपए की ठगी करने के चलते पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल, राजेंद्र चतुर्वेदी को 5 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है. राजेंद्र चतुर्वेदी के खिलाफ जेल विभाग में जेल प्रहरी-लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 16 लोगों से करीब 18 लाख रुपए की वसूली को लेकर दर्ज मामला दर्ज किया गया था.

पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल को 5 साल का सश्रम कारावास

सजा के साथ 8 लाख 75 हजार का जुर्माना
भ्रष्टाचार के इस मामले में जिला न्यायालय द्वारा पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल राजेंद्र चतुर्वेदी को देर शाम 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है, जबकि 8 लाख 75 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश संजीव पांडे ने यह फैसला सुनाया है. फैसले के बाद राजेंद्र चतुर्वेदी को जेल भेज दिया गया है.

16 लोगों से की थी ठगी
अदालत ने सात अलग-अलग लोगों से रुपए एंठने को लेकर चतुर्वेदी को अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. राजेंद्र चतुर्वेदी वर्ष 2003 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जेल के पद पर कार्यरत था. इस दौरान उन्होंने जेल विभाग में जेल प्रहरी और लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने के लिए16 लोगों से 18 लाख रुपए ऐंठे थे. 9 जून 2014 को इस मामले की शिकायत यूएडब्ल्यू में की गई थी.

कुछ समय पहले ही किया गया था गिरफ्तार
उसके बाद से ही इस मामले की जांच की जा रही थी और कुछ समय पहले ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था. अदालत के द्वारा जब फैसला सुनाया गया तो उसमें उल्लेख किया गया कि राजेंद्र चतुर्वेदी अभियुक्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे हैं. ऐसे अधिकारियों पर सामान्य जनता का विश्वास रहता है. ऐसे लोगों को अधिकतम दंड मिलना चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार का कार्य एक वरिष्ठ पद पर रहते हुए उनके द्वारा किया गया है वह उचित नहीं है.

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भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल को 5 साल की सजा


भोपाल | जिला न्यायालय के द्वारा नौकरी का झांसा देकर 18 लाख रुपए की वसूली करने के चलते पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल को 5 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है .जेल विभाग में जेल प्रहरी - लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 16 लोगों से करीब 18 लाख रुपए की वसूली को लेकर दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जिला न्यायालय के द्वारा पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल राजेंद्र चतुर्वेदी को देर शाम 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 8 लाख 75 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है .


Body:भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश संजीव पांडे ने यह फैसला सुनाया है फैसले के बाद राजेंद्र चतुर्वेदी को जेल भेज दिया गया है अदालत ने सात अलग-अलग लोगों से रुपए बैठने को लेकर चतुर्वेदी को अलग-अलग सजाएं सुनाई है सभी सजाएं एक साथ चलेंगी राजेंद्र चतुर्वेदी वर्ष 2003 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जेल के पद पर कार्यरत है


Conclusion:उनके ही कार्यकाल के दौरान जेल विभाग में जेल प्रहरी और लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने के लिए चतुर्वेदी ने 16 लोगों से 18 लाख रुपए ऐंठे थे बता दें कि 9 जून 2014 को इस मामले की शिकायत यूएडब्ल्यू में की गई थी जिसमें बताया गया था कि जेल मुख्यालय में पदस्थापना के दौरान राजेंद्र चतुर्वेदी ने पैसे लेकर लोगों को ठगा है उसके बाद से ही इस मामले की जांच की जा रही थी और कुछ समय पहले ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था अदालत के द्वारा जब फैसला सुनाया गया तो उसमें उल्लेख किया गया कि राजेंद्र चतुर्वेदी अभियुक्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे हैं ऐसे अधिकारियों पर सामान्य जनता का विश्वास रहता है ऐसे लोगों को अधिकतम दंड मिलना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार का कार्य एक वरिष्ठ पद पर रहते हुए उनके द्वारा किया गया है वह उचित नहीं है .
Last Updated : Jan 18, 2020, 3:44 AM IST
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