भोपाल। नौकरी का झांसा देकर 18 लाख रुपए की ठगी करने के चलते पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल, राजेंद्र चतुर्वेदी को 5 वर्ष की कैद की सजा सुनाई गई है. राजेंद्र चतुर्वेदी के खिलाफ जेल विभाग में जेल प्रहरी-लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर 16 लोगों से करीब 18 लाख रुपए की वसूली को लेकर दर्ज मामला दर्ज किया गया था.
सजा के साथ 8 लाख 75 हजार का जुर्माना
भ्रष्टाचार के इस मामले में जिला न्यायालय द्वारा पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक जेल राजेंद्र चतुर्वेदी को देर शाम 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है, जबकि 8 लाख 75 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश संजीव पांडे ने यह फैसला सुनाया है. फैसले के बाद राजेंद्र चतुर्वेदी को जेल भेज दिया गया है.
16 लोगों से की थी ठगी
अदालत ने सात अलग-अलग लोगों से रुपए एंठने को लेकर चतुर्वेदी को अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं. सभी सजाएं एक साथ चलेंगी. राजेंद्र चतुर्वेदी वर्ष 2003 में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जेल के पद पर कार्यरत था. इस दौरान उन्होंने जेल विभाग में जेल प्रहरी और लिपिक के पद पर नौकरी दिलाने के लिए16 लोगों से 18 लाख रुपए ऐंठे थे. 9 जून 2014 को इस मामले की शिकायत यूएडब्ल्यू में की गई थी.
कुछ समय पहले ही किया गया था गिरफ्तार
उसके बाद से ही इस मामले की जांच की जा रही थी और कुछ समय पहले ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया था. अदालत के द्वारा जब फैसला सुनाया गया तो उसमें उल्लेख किया गया कि राजेंद्र चतुर्वेदी अभियुक्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे हैं. ऐसे अधिकारियों पर सामान्य जनता का विश्वास रहता है. ऐसे लोगों को अधिकतम दंड मिलना चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार का कार्य एक वरिष्ठ पद पर रहते हुए उनके द्वारा किया गया है वह उचित नहीं है.