भोपाल(Bhopal)। वन विभाग ग्रीन इंडिया मिशन(Green India Mission) योजना के तहत बाघ मूवमेंट वाले चंदनपुरा इलाके में सिटी फॉरेस्ट(City Forest) विकसित करने की तैयारी कर रहा है. जबकि 1 साल पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT)पहले ही इसी संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर चुका है. उसके बावजूद भोपाल में सिटी फॉरेस्ट के लिए 50 हेक्टेयर यानी करीबन 123 एकड़ भूमि चंदनपुरा इलाके में चुनी गई है. जहां बाघों का मूवमेंट काफी रहता है.मामले पर वन विभाग चुप्पी साधे हुए है.
NGT के आदेश की अनदेखी कर चंदनपुरा इलाके को बनाया जा रहा सिटी फॉरेस्ट
राज्य में बड़ी संख्या में बाघों का मूवमेंट रहता है. भोपाल के शहरी इलाके से लगे चंदनपुरा, मेंडोरा जैसे वन क्षेत्रों में बाघों का पिछले करीब 40 सालों से मूवमेंट रहा है. रातापानी अभ्यारण से बाघों का बड़ा कॉरीडोर भोपाल के इस 881.72 एकड़ के वन क्षेत्र से सीधा जुड़ता है. वन विभाग बाघ मूवमेंट वाले चंदनपुरा इलाके में सिटी फॉरेस्ट विकसित करने की तैयारी कर रहा है. चौंकाने वाली बात यह है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल इस क्षेत्र को प्रोटेक्टेड फॉरेस्ट घोषित करने के आदेश दे चुका है.
क्या है ग्रीन इंडिया मिशन
शहरों में हरियाली बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ग्रीन इंडिया मिशन योजना के तहत प्रदेश के 12 शहरों में नगर वन तैयार किए जाने हैं. यह नगर वन भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, देवास, सिंगरौली, सतना, उज्जैन, कटनी, खंडवा, रतलाम, सागर और इंदौर में बनने हैं. नगर वन के लिए भोपाल और ग्वालियर के लिए केंद्र से मंजूरी मिल चुकी हैं. केंद्र सरकार ने इसके के लिए फंड भी जारी कर दिया गया है. भोपाल में सिटी फॉरेस्ट के लिए 50 हेक्टेयर यानी करीबन 123 एकड़ भूमि चंदनपुरा इलाके में चुनी गई. वन विभाग के अधिकारियों ने जिस चंदनपुरा इलाके की भूमि को चयनित किया वह बाघ मूवमेंट वाला क्षेत्र है.
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चंदनपुरा सहित आसपास का क्षेत्रों में रहता है बाघ का मूवमेंट
पर्यावरणविद प्रभाष जेटली कहते है कि पिछले करीब 40 सालों से चंदनपुरा सहित आसपास का क्षेत्र बाघ मूवमेंट का क्षेत्र रहा है. यह क्षेत्र रातापानी जंगल से मिलता है जहां से यह बाघ आते हैं. ऐसे में इस सिटी को फॉरेस्ट बनाकर लोगों के मूवमेंट को बढ़ाना उचित नहीं है. एनजीटी के निर्देशों को अनदेखा कर जिस बाघ भ्रमण क्षेत्र चंदनपुरा में सिटी फॉरेस्ट डिवेलप करने की तैयारी की जा रही है. उस क्षेत्र को 1 साल पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल पहले ही संरक्षित वन क्षेत्र घोषित करने के आदेश दे चुका है. पर्यावरणविद प्रभाष जेटली कहते है कि 6 फरवरी 2020 को एनजीटी ने चंदनपुरा इलाके की मैपिंग कर क्षेत्र को नोटिफाई करने के आदेश दिए हैं. बताया जाता है कि कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग ने पूरे क्षेत्र की मैपिंग कराकर इसका प्रस्ताव भी वन विभाग मुख्यालय को भेजा दिया है. एक अन्य मामले में 27 जून 2020 को भी एनजीटी ने मुख्य सचिव को बाघ भ्रमण क्षेत्र की स्टडी कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे. इसमें तीन विभाग राजस्व, नगरीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों की टीम गठित की गई है. मामले को लेकर वन विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. वन विभाग के भोपाल वृत्त मुख्य वन संरक्षक रवींद्र सक्सेना से इस संबंध में चर्चा करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने बात नहीं की.