भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकार ने सभी जिला के कलेक्टरों को खरीफ के सीजन में बोई जाने वाली धान की रिपोर्ट देने के लिए कहा है, उसी के अनुसार धान का रकवा आदि तय किया जाएगा. सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश का किसान गफलत की स्थिति में है कि सरकार उनकी धान खरीदेगी या नहीं. हलांकि Etv Bharat से बात करते हुए प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने किसानों की संकाओं का जवाब दिया है. बिसाहू लाल सिंह ने Etv Bharat से बात करते हुए कहा कि सरकार किसान का एक-एक दाना खरीदेगी, किसान अपनी खेती करने के लिए स्वतंत्र है.
धान का एक दाना खरीदेगी सरकार
खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह का कहना है कि सरकार किसानों की धान का एक एक दाना खरीदेगी. किसान इस बात से निश्चिंत रहें. खाद्य मंत्री का स्पष्ट कहना है कि किसान किसी प्रकार की धान लगा सकते हैं. सरकार हर किस्म की धान सरकार खरीदेगी.
मिलावट करने वाले मिलर्स पर होगी सख्त कार्रवाई
खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि हमारा यह प्रयास जरूर है कि मिलर्स के पास गई धान का ही चावल वो हमे वापस करें. सरकारी धान के चावन में किसी तरह कि मिलावट न हो. मंत्री ने कहा ऐसे मिलर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जो सरकार को मिलावटी या रद्दी चावल देंगे.
चावल के ज्यादा टूटने के कारण सरकार ने दिया आदेश
खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के आदेश के अनुसार हर जिले में धान की टेस्ट मिलिंग कराई जाएगी. ताकि अच्छी किस्म की धान का अध्ययन किया जा सके. इसके बाद धान भारत सरकार की गाइड लाइन के बाहर और कम चावल वाली धान के साथ-साथ, टूटने वाली धान न बोने की सलाह दी जाएगी. आदेश के अनुसार किसानों को तब तक रियायत नही दी जाएगी, जब तक इस धान (टूटती झड़ती) की किस्म को भारत सरकार छूट प्रदान नहीं करती.
बदरा धान लेकर न आएं किसान
सरकार का स्पष्ट कहना है कि प्रदेश में किसानों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आएगी. सरकार किसान की धान का एक एक दाना खरीदेगी. हलांकि Etv Bharat से बात करते हुए प्रदेश के खाद्य मंत्री बिसाहू लाल सिंह ने किसानों से अपील की है कि किसान बदरा धान बेचने के लिए न आएं, सरकार उसे नहीं खरीदेगी उसके लिए मंडी में सर्वेयर नियुक्त किए गए हैं.
क्यों गफलत में है किसान
दरअसल सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सभी जिला कलेक्टर को आदेशित करते हुए कहा है कि वह अपने जिले में बोई जाने वाली धान की किस्मों की रिपोर्ट दें. इसमें उसी धान को किसानों को बोनी के लिए कहा जाएगा, जो ज्यादा टूटती नहीं है. जिसके बाद से आशंका है कि ज्यादा टूटने वाली धान की MSP पर खरीदी में रोक लग सकती है. जबकि वर्तमान में सरकार के हिसाब से किसान कोई भी धान लगा सकता है और सरकार उसे समर्थन मूल्य पर खरीदेगी.
क्यों दिए गए आदेश
कुछ दिन पहले ही चावल उद्योग के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर शिकायत की थी कि धान की खरीदी में कई चावल टूटते हैं और बदरंग भी होते हैं. ऐसे में भारत सरकार की गाइडलाइन पर खरे नहीं उतरते, इसलिए इन धानों की टेस्टिंग कराई जाए और अच्छी गुणवत्ता की धान की बोनी करने के लिए कहा जाए.