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'विनाश'लीला! ग्वालियर-गुना-विदिशा-राजगढ़ में ताल-तलैया बने शहर, पानी उतरते ही दिखने लगे बर्बादी के निशान

मध्य प्रदेश में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. ग्वालियर, विदिशा, राजगढ़ और गुना जिले में हालत बेकाबू हो गए है. ग्वालियर में के पलायक्षा गांव में बाढ़ के कारण 80 फीसदी से ज्यादा गांव मलबे में तब्दील हो गए है. पार्वती नदी उफान पर आने से विदिशा जिले में बचाव दल 200 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू करने में जुटा हुआ है. गुना के सोढ़ी गांव में 180 लोग फंसे हुए है. राजगढ़ में गाड़ गंगा नदी के उफान पर आने से स्थिति असामान्य बनी हुई है.

'Destruction Leela' of the flood
बाढ़ की 'विनाश लीला'
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Published : Aug 6, 2021, 9:21 PM IST

Updated : Aug 7, 2021, 10:10 AM IST

ग्वालियर/विदिशा/राजगढ़/गुना। मध्य प्रदेश के चंबल अंचल में आई बाढ़ अब धीरे-धीरे प्रदेश के मध्य भाग में पहुंच रही है. पार्वती नदी दोबारा उफान पर आने से गुना, विदिशा और राजगढ़ जिले में भी बाढ़ का कहर लगातार जारी है. प्रदेश में भारी बारिश की संभावनाओं के बीच जिस इलाके में बारिश रुक चुकी है, उन इलाकों में भी हालात ठीक नहीं है. बाढ़ में किसी के सर से छत चली गई, तो किसी का अनाज पूरी तरह से बर्बाद हो गया. हालांकि प्रदेश सरकार ने पीड़ितों को मुआवजा देने की बात कही है.

ग्वालियर जिले के डबरा और भितरवार विधानसभा में कई गांव बाढ़ की चपेट में आने से पूरी तरह बर्बाद हो गए है. विदिशा जिले के कुरवाई तहसील में 4 गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से टुट गया है. सिरोंज में 8 गांव में 250 लोग फंस गए. रेस्क्यू टीम ने 124 लोगों को निकाल लिया गया है बाकी 126 का रेस्क्यू जारी है. पार्वती नदी उफान पर आने से गुना के 8 गांवों में पानी घुस गया है. सोढ़ी गांव टापू बन गया है. यहां 180 लोग फंसे हुए हैं. राजगढ़ जिले में 4 दिन से लगातार हो रही बारिश में खिलचीपुर की गाड़ गंगा नदी उफान पर है. नदी पर बना छोटा पुल पानी मे डूब चुका है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

ग्वालियर

80 फीसदी मकान मलबे में हुए तब्दील

जिले के भितरवार विधानसभा में सैकड़ों गांव ऐसे हैं जो बाढ़ की चपेट में आने से पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं. पानी बेशक कम हो गया है, लेकिन तबाही का मंजर खौफनाक है. भितरवार विधानसभा के पलायक्षा गांव में सन्नाटा छाया हुआ है. यह गांव पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ है और इस गांव में बाढ़ की तबाही का सबसे रूद्र रूप देखा गया. ग्रामीणों का कहना है कि तबाही का ऐसा खौफनाक मंजर इससे पहले कभी नहीं देखा. इस गांव में 80 फीसदी मकान पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए.

ग्वालियर से ग्राउंड रिपोर्ट

ग्रामीणों ने बताया कि सबसे ज्यादा बर्बादी अनाज की हुई है. क्योंकि इस गांव में कृषि ज्यादा होती थी. हर घर में क्विंटल के हिसाब से अनाज भरा हुआ था. बाढ़ के पानी में सब बह गया. खाने के लिए अब एक दाना नहीं बचा. इसके साथ ही जब बाढ़ आई तो गांव वालों ने अपने मवेशियों को छोड़ दिया, लेकिन अब मवेशियों का कही पता नहीं चल रहा. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के पानी में सभी मवेशी बह गए.

गुना

शुक्रवार तक जिले में 1100 मिमी बारिश

गुना जिले में शुक्रवार तक जिले में 1100 मिमी बारिश हो चुकी है. शुक्रवार को सुबह 8 बजे से पांच बजे तक 6 इंच से ज्यादा बारिश हुई. बमोरी में सबसे ज्यादा 1592 मिमी बारिश दर्ज हुई है. चौपेटा नदी पर बने गोपीकृष्ण सागर बांध के 3 गेट 15 मीटर खोल दिए. पार्वती नदी भी उफान पर आने से 8 गांवों में पानी भर गया है. पार्वती नदी के किनारे बसा सोढ़ी गांव टापू बन गया. इस गांव में करीब 180 लोग फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ बुलाई है. 450 लोग राहत शिविरों में लाए गए हैं.

शहर के बूढ़े बालाजी स्थित गौशाला में 4 फीट तक पानी भर गया. गौशाला की दीवार तोड़कर गायों को रेस्क्यू किया गया. तेज बहाव में बह जाने से 2 गाय की मौत हो गई. शहर की दो दर्जन बस्तियां जलमग्न हो गई हैं. 20 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए. लोगों के घरों में 5-5 फीट तक पानी भरा है. सड़कों पर 3 फीट तक पानी पहुंच गया. कई गांवों में भी पानी भर गया है. राजस्थान को जोड़ने वाले तीनों रास्ते बंद हैं.

दतिया

अनाज, सामान, कपड़े सबकुछ हुआ बर्बाद

दतिया के कोटरा गांव में रहने वाली 80 साल की लक्ष्मीबाई ने बताया कि उनके घर में सारे सामान बर्बाद हो गए हैं. न खाने को कुछ बचा है, न रहने को, न सोने को. घर में रखा अनाज खराब हो गया है, सामान भी खराब हो गया है. बहुत सारा सामान बह गया है. पहनने को कपड़े तक नहीं बचे हैं. ये ही हाल गांव के लगभग हर घर का है. लक्ष्मी ने बताया कि 2 रात और 2 दिनों तक उनके घर पानी में डूबे रहे. इतने सालों में ऐसी तबाही उन्होंने नहीं देखी.

दतिया में बाढ़ के बाद का मंजर

इन गांवों के लोग सरकारी मदद के इंतजार में बैठे हैं. न तो इन्हें खाने को दिया गया, न मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है. हालांकि कुछ सामाजिक संगठनों की तरफ से अब यहां लोगों के रहने के लिए वाटरफ्रूफ टेंट की व्यवस्था करवाई गई है. लेकिन इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं.

विदिशा

मकान गिरने से 40 मवेशियों की मौत

विदिशा जिले में पार्वती नदी के उफान पर आने से कुरवाई तहसील में 4 गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया. इन गांवों में 425 से ज्यादा लोग फंसे हुए थे. वहीं सिरोंज में 8 गांव में 250 लोग फंस गए, जिनमें से बचाव दल ने 124 लोगों को निकाल कर कैंप में सुरक्षित पहुंचा दिया. बाकी 126 लोगों का रेस्क्यू जारी है. नटेरन के एक गांव में 30 लोग, बासौदा के 7 गांव में 130 लोग और विदिशा के एक गांव में 40 लोग फंसे है, जिनका रेस्क्यू किया जा रहा है. वहीं लटेरी के 8 गांव से 120 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है.

विदिशा में बाढ़ का कहर

जिले के शमशाबाद में बाह नदी पर बने संजय सागर बांध के 7 गेट खोल दिए. प्रशासन ने इससे प्रभावित होने वाले निचले क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया. विदिशा-अशोकनगर मार्ग पर बाह नदी पर बने कागपुर पुल पर 5 फिट से ज्यादा ऊपर पानी बह रहा है. पिछले 24 घंटो में सबसे ज्यादा बारिश सिरोंज 168 mm, लटेरी 117 mm और शमशाबाद में 150 mm बारिश हुई है. पुलिस से मिली जानकारी अनुसार शमशाबाद के भन्नाखेड़ी में कच्चा मकान गिर जाने से 40 बकरियां दबकर मर गई.

राजगढ़

पुल के ऊपर से बह रहा पानी

राजगढ़ जिले में लगातार पिछले 4 दिन से लगातार हो रही बारिश खिलचीपुर की गाड़ गंगा नदी उफान पर है. नदी पर बना छोटा पुल पानी में डूब चुका है. नदी का जल स्तर तेजी है बढ़ रहा है. हालात यह है कि नदी पर बने बडे पुल तक पानी पहुंचने लगा है. खिलचीपुर से सोमवारिया जाने वाले बड़े पुल से नदी का पानी महज 3 फिट नीचे है. वहीं बारिश के कारण सोवारिया स्थित भगवान शिव के मंदिर तक जाने का रास्ता तक बंद हो गया है. नदी के समीप बने ईंट भट्टे पानी में डूब चुके है.

राजगढ़ में बाढ़ ने मचाई तबाही

मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने राज्य के भोपाल समेत 9 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. साथ ही 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. विभाग ने गुना, विदिशा और राजगढ़ जिले में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. वहीं नीमच, देवास, रतलाम, उज्जैन, धार, इंदौर, होशंगाबाद, हरदा, नरसिंहपुर जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

बाढ़ पीड़ितों को छह हजार रुपए की तत्काल सहायता

मध्य प्रदेश की कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि बाढ़ पीड़ितों को तत्काल 6 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी. यह राशि उन परिवारों को दी जाएगी, जिनके मकान बाढ़ में बह गए या ध्वस्त हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि जैसे-जैसे स्थिति सामान्य होगी, नुकसान का सर्वे शुरू किया जाएगा. कई घरों और फसलों को नुकसान हुआ है. ऐसे परिवार, जिनके घर पूर्ण या आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें छह हजार रुपए की आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी.

ग्वालियर/विदिशा/राजगढ़/गुना। मध्य प्रदेश के चंबल अंचल में आई बाढ़ अब धीरे-धीरे प्रदेश के मध्य भाग में पहुंच रही है. पार्वती नदी दोबारा उफान पर आने से गुना, विदिशा और राजगढ़ जिले में भी बाढ़ का कहर लगातार जारी है. प्रदेश में भारी बारिश की संभावनाओं के बीच जिस इलाके में बारिश रुक चुकी है, उन इलाकों में भी हालात ठीक नहीं है. बाढ़ में किसी के सर से छत चली गई, तो किसी का अनाज पूरी तरह से बर्बाद हो गया. हालांकि प्रदेश सरकार ने पीड़ितों को मुआवजा देने की बात कही है.

ग्वालियर जिले के डबरा और भितरवार विधानसभा में कई गांव बाढ़ की चपेट में आने से पूरी तरह बर्बाद हो गए है. विदिशा जिले के कुरवाई तहसील में 4 गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से टुट गया है. सिरोंज में 8 गांव में 250 लोग फंस गए. रेस्क्यू टीम ने 124 लोगों को निकाल लिया गया है बाकी 126 का रेस्क्यू जारी है. पार्वती नदी उफान पर आने से गुना के 8 गांवों में पानी घुस गया है. सोढ़ी गांव टापू बन गया है. यहां 180 लोग फंसे हुए हैं. राजगढ़ जिले में 4 दिन से लगातार हो रही बारिश में खिलचीपुर की गाड़ गंगा नदी उफान पर है. नदी पर बना छोटा पुल पानी मे डूब चुका है. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

ग्वालियर

80 फीसदी मकान मलबे में हुए तब्दील

जिले के भितरवार विधानसभा में सैकड़ों गांव ऐसे हैं जो बाढ़ की चपेट में आने से पूरी तरह बर्बाद हो चुके हैं. पानी बेशक कम हो गया है, लेकिन तबाही का मंजर खौफनाक है. भितरवार विधानसभा के पलायक्षा गांव में सन्नाटा छाया हुआ है. यह गांव पार्वती नदी के किनारे बसा हुआ है और इस गांव में बाढ़ की तबाही का सबसे रूद्र रूप देखा गया. ग्रामीणों का कहना है कि तबाही का ऐसा खौफनाक मंजर इससे पहले कभी नहीं देखा. इस गांव में 80 फीसदी मकान पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए.

ग्वालियर से ग्राउंड रिपोर्ट

ग्रामीणों ने बताया कि सबसे ज्यादा बर्बादी अनाज की हुई है. क्योंकि इस गांव में कृषि ज्यादा होती थी. हर घर में क्विंटल के हिसाब से अनाज भरा हुआ था. बाढ़ के पानी में सब बह गया. खाने के लिए अब एक दाना नहीं बचा. इसके साथ ही जब बाढ़ आई तो गांव वालों ने अपने मवेशियों को छोड़ दिया, लेकिन अब मवेशियों का कही पता नहीं चल रहा. ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के पानी में सभी मवेशी बह गए.

गुना

शुक्रवार तक जिले में 1100 मिमी बारिश

गुना जिले में शुक्रवार तक जिले में 1100 मिमी बारिश हो चुकी है. शुक्रवार को सुबह 8 बजे से पांच बजे तक 6 इंच से ज्यादा बारिश हुई. बमोरी में सबसे ज्यादा 1592 मिमी बारिश दर्ज हुई है. चौपेटा नदी पर बने गोपीकृष्ण सागर बांध के 3 गेट 15 मीटर खोल दिए. पार्वती नदी भी उफान पर आने से 8 गांवों में पानी भर गया है. पार्वती नदी के किनारे बसा सोढ़ी गांव टापू बन गया. इस गांव में करीब 180 लोग फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए एनडीआरएफ बुलाई है. 450 लोग राहत शिविरों में लाए गए हैं.

शहर के बूढ़े बालाजी स्थित गौशाला में 4 फीट तक पानी भर गया. गौशाला की दीवार तोड़कर गायों को रेस्क्यू किया गया. तेज बहाव में बह जाने से 2 गाय की मौत हो गई. शहर की दो दर्जन बस्तियां जलमग्न हो गई हैं. 20 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हो गए. लोगों के घरों में 5-5 फीट तक पानी भरा है. सड़कों पर 3 फीट तक पानी पहुंच गया. कई गांवों में भी पानी भर गया है. राजस्थान को जोड़ने वाले तीनों रास्ते बंद हैं.

दतिया

अनाज, सामान, कपड़े सबकुछ हुआ बर्बाद

दतिया के कोटरा गांव में रहने वाली 80 साल की लक्ष्मीबाई ने बताया कि उनके घर में सारे सामान बर्बाद हो गए हैं. न खाने को कुछ बचा है, न रहने को, न सोने को. घर में रखा अनाज खराब हो गया है, सामान भी खराब हो गया है. बहुत सारा सामान बह गया है. पहनने को कपड़े तक नहीं बचे हैं. ये ही हाल गांव के लगभग हर घर का है. लक्ष्मी ने बताया कि 2 रात और 2 दिनों तक उनके घर पानी में डूबे रहे. इतने सालों में ऐसी तबाही उन्होंने नहीं देखी.

दतिया में बाढ़ के बाद का मंजर

इन गांवों के लोग सरकारी मदद के इंतजार में बैठे हैं. न तो इन्हें खाने को दिया गया, न मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है. हालांकि कुछ सामाजिक संगठनों की तरफ से अब यहां लोगों के रहने के लिए वाटरफ्रूफ टेंट की व्यवस्था करवाई गई है. लेकिन इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं.

विदिशा

मकान गिरने से 40 मवेशियों की मौत

विदिशा जिले में पार्वती नदी के उफान पर आने से कुरवाई तहसील में 4 गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया. इन गांवों में 425 से ज्यादा लोग फंसे हुए थे. वहीं सिरोंज में 8 गांव में 250 लोग फंस गए, जिनमें से बचाव दल ने 124 लोगों को निकाल कर कैंप में सुरक्षित पहुंचा दिया. बाकी 126 लोगों का रेस्क्यू जारी है. नटेरन के एक गांव में 30 लोग, बासौदा के 7 गांव में 130 लोग और विदिशा के एक गांव में 40 लोग फंसे है, जिनका रेस्क्यू किया जा रहा है. वहीं लटेरी के 8 गांव से 120 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है.

विदिशा में बाढ़ का कहर

जिले के शमशाबाद में बाह नदी पर बने संजय सागर बांध के 7 गेट खोल दिए. प्रशासन ने इससे प्रभावित होने वाले निचले क्षेत्रों में अलर्ट कर दिया. विदिशा-अशोकनगर मार्ग पर बाह नदी पर बने कागपुर पुल पर 5 फिट से ज्यादा ऊपर पानी बह रहा है. पिछले 24 घंटो में सबसे ज्यादा बारिश सिरोंज 168 mm, लटेरी 117 mm और शमशाबाद में 150 mm बारिश हुई है. पुलिस से मिली जानकारी अनुसार शमशाबाद के भन्नाखेड़ी में कच्चा मकान गिर जाने से 40 बकरियां दबकर मर गई.

राजगढ़

पुल के ऊपर से बह रहा पानी

राजगढ़ जिले में लगातार पिछले 4 दिन से लगातार हो रही बारिश खिलचीपुर की गाड़ गंगा नदी उफान पर है. नदी पर बना छोटा पुल पानी में डूब चुका है. नदी का जल स्तर तेजी है बढ़ रहा है. हालात यह है कि नदी पर बने बडे पुल तक पानी पहुंचने लगा है. खिलचीपुर से सोमवारिया जाने वाले बड़े पुल से नदी का पानी महज 3 फिट नीचे है. वहीं बारिश के कारण सोवारिया स्थित भगवान शिव के मंदिर तक जाने का रास्ता तक बंद हो गया है. नदी के समीप बने ईंट भट्टे पानी में डूब चुके है.

राजगढ़ में बाढ़ ने मचाई तबाही

मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए रेड अलर्ट जारी किया है. आईएमडी ने राज्य के भोपाल समेत 9 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. साथ ही 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. विभाग ने गुना, विदिशा और राजगढ़ जिले में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. वहीं नीमच, देवास, रतलाम, उज्जैन, धार, इंदौर, होशंगाबाद, हरदा, नरसिंहपुर जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

बाढ़ पीड़ितों को छह हजार रुपए की तत्काल सहायता

मध्य प्रदेश की कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि बाढ़ पीड़ितों को तत्काल 6 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी. यह राशि उन परिवारों को दी जाएगी, जिनके मकान बाढ़ में बह गए या ध्वस्त हो गए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि जैसे-जैसे स्थिति सामान्य होगी, नुकसान का सर्वे शुरू किया जाएगा. कई घरों और फसलों को नुकसान हुआ है. ऐसे परिवार, जिनके घर पूर्ण या आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें छह हजार रुपए की आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी.

Last Updated : Aug 7, 2021, 10:10 AM IST
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