भोपाल। देश में जनवरी में COVID-19 का टीकाकरण शुरू किया जा सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि सुरक्षित और प्रभावकारी वैक्सीन सरकार की प्राथमिकता रही है. जनवरी के किसी सप्ताह या चरण में हम भारत में लोगों को पहला कोविड टीका लगाने की स्थिति में हो सकते हैं. मंत्री ने कहा कि जिन वैक्सीनों ने आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति के लिए आवेदन किया है, उनका विश्लेषण ड्रग रेगुलेटर द्वारा किया जा रहा है. वहीं मध्यप्रदेश भी वैक्सीनेशन के लिए तैयार है. आइए जानते हैं कि एमपी में कोरोना संक्रमण के टीकाकरण की क्या व्यवस्था है.
![Vaccine van](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9954258_2.jpg)
कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण की मध्यप्रदेश में क्या है तैयारी ?
मध्य प्रदेश में भी अक्टूबर महीने से ही वैक्सीन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं. प्रदेश में वैक्सीन के संग्रहण और वितरण के लिए e-VIN सिस्टम को अपनाया जाएगा. मध्य प्रदेश में वैक्सीन वितरण सिस्टम पहले से ही काफी मजबूत है. इसे और मजबूत करने की ओर काम किया जा रहा है.
![eVIN system](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9954258_1.jpg)
क्या है eVIN सिस्टम ?
eVIN यानी इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (electronic Vaccine Intelligence Network) एक ऐसा तकनीकी सिस्टम है, जिसका मकसद टीकाकरण सप्लाई चैन सिस्टम को मजबूत करना है. इसका लक्ष्य कोल्ड स्टोरेज चेन पॉइंट पर वैक्सीन के भंडारण, बाजार में वैक्सीन की उपलब्धता और स्टोरेज तापमान पर रियल टाइम जानकारी देना है. यह वैक्सीन के स्टॉक और स्टोरेज तापमान की रियल टाइम निगरानी करने के लिए एक आईटी अवसंरचना और प्रशिक्षित मानव संसाधन को आपस में जोड़ता है. इस एप की मदद से भारत के स्वास्थ्य केंद्रों में हर समय टीके की उपलब्धता होने की संभावना बढ़ कर 99 फीसदी तक हो गई है.
सबसे पहले लगेगा हेल्थ वर्कर्स को टीका
डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ कोविड-19 के हाई रिस्क जोन में आते हैं. इसलिए सबसे पहले इन्हें ही कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी. जिसे लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. राज्य टीकाकरण कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक हेल्थ वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब अंतिम चरण की ट्रेनिंग पर विभाग का ध्यान है. प्रदेश में करीब 3 लाख 563 हजार हेल्थ वर्कर्स के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य रखा गया था. जो लगभग पूरा हो गया है.
आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दी जाएंगी ट्रेनिंग
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 65 हजार आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वैक्सीन लगाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. जिसकी जिम्मेदारी जिला अधिकारी की होगी. महीने के आखिरी में होने वाली इस छह दिवसीय ट्रेनिंग में कार्यकर्ताओं को टीकाकरण के कई बिंदुओं के आधार पर ट्रेनिंग दी जाएगी.
बढ़ाए जा रहे कोल्ड स्टोरेज
राज्य टीकाकरण कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम को मजबूत बनाए रखने के लिए गैप एनालिसिस पहले ही किया जा चुका है. प्रदेश में अभी 1200 फोकल प्वाइंट है. इसके अलावा 50 फोकल प्वाइंट को बढ़ाया जाएगा. वैक्सीन का रखरखाव आइसलाइन रेफ्रिजरेटर में होता है. डी-फ्रीजर में आइस पैक जमाते हैं. जिसका इस्तेमाल तब होता है, जब वैक्सीन को फील्ड में ले जाया जाता है. इसके लिए पर्याप्त वैक्सीन कैरियर,कोल्डबॉक्स,स्टोरेज सिस्टम, ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रदेश में पहले से ही उपलब्ध है. इन सभी व्यवस्थाओं की राज्य स्तर पर समीक्षा कर ली गई है.
पहले से संचालित टीकाकरण कार्यक्रम होगा मददगार
मध्यप्रदेश में नवजातों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण के लिए पहले से ही टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. eVIN सिस्टम के जरिए पिछले 2 सालों से वैक्सीन का वितरण और उसके भंडारण केंद्र पर नजर रखी जा रही है. जिसके तहत हर साल करीब 19 लाख बच्चों और करीब 22 लाख गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है.
पीपुल्स हॉस्पिटल में चल रहा को-वैक्सीन का फाइनल ट्रायल
राजधानी भोपाल के पीपुल्स हॉस्पिटल में भारत बायोटेक और आईसीएमआर के संयुक्त तत्वाधान में बन रही को-वैक्सीन का थर्ड स्टेज का ट्रायल चल रहा है. पिछले महीने ही शुरू हुए इस ट्रायल में अब तक 1 हजार वॉलिंटियर्स को वैक्सीन का पहला डोज दे दिया है. 17 दिन में ही पीपुल्स मेडिकल कॉलेज ने अपने टारगेट पूरा कर लिया है. जिसके बाद अब अगले चरण में 500 और वॉलिंटियर्स को को-वैक्सीन के डोज दिया जाएगा.
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