भोपाल। लव जिहाद को लेकर धर्म स्वातंत्र्य कानून बनाने की बात उठने के बाद से ही प्रदेश और राजधानी भोपाल में कई ऐसे मामले सामने आने लगे. जहां युवक नाम बदलकर नाबालिगों को अपनी हवस का शिकार बना रहे थे. लेकिन लव जिहाद के तहत धर्म स्वातंत्र्य कानून बनने के बाद भोपाल के अशोका गार्डन थाना में पहला मामला सामने आया है. जहां एक युवक आशु बनकर युवती से मिला था. वह पांच महीने से युवती का शोषण कर रहा था और उस पर धर्म परिवर्तन करने का दवाब बना रहा था. पुलिस ने मामला दर्ज अरसद को हिरासत में ले लिया है.
रायसेन लेकर गया था पीड़िता को आशु
अरसद आशू बनकर युवती से मिला था, जहां दोनों की दोस्ती प्रेम में बदल गई. उसके बाद साल 2020 में मई महीने में आशु एक फंक्शन में गया था, उसी दौरान वह मस्जिद गया और इबादत करने लगा. तभी उसने युवती को अपनी सच्चाई बताई और उससे शादी की बात कही.
युवती पढ़ने के लिए आई थी भोपाल
युवती मध्यप्रदेश के किसी जिले की रहने वाली है.वह भोपाल पढ़ने के लिए आई थी. उसी दौरान उसका परिचय अरसद से हुआ था. जिसने अपना नाम आशु बताया था. युवक द्वारा झूठा नाम बताने के कारण युवती को यही लगता था कि युवक हिंदू है. इसी के चलते युवती ने उससे संबंध बनाए. जब उसे असलियत पता चला तो वह अरसद से दूर रहने लगी. इसके बाद अरसद ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. आरोपी अरसद राजधानी के ऐशबाग क्षेत्र का रहने वाला है.
हिंदू संगठन और लोक अभियोजन की राय के बाद दर्ज की गई FIR
मामले में एफआईआर लोक अभियोजन अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय के पूछताछ के बाद और निर्देश के बाद दर्ज की गई है. जिसमें पुलिस ने हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को शांति बनाए रखने की अपील करते हुए एफआईआर दर्ज की. इस दौरान बजरंग दल, हिंदू जागरण मंच सहित बीजेपी के कार्यकर्ता भी अशोका गार्डन पहुंचे. यशवंत निवासी आरोपी अरसद ने दूसरी हिंदू युवती के साथ भी डीपी लगाई थी.
जनवरी में मंडी में जाकर युवती के साथ आरोपी ने की थी छेड़छाड़
एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि 11 जनवरी को आरोपी राजधानी भोपाल के मंडी पहुंचा. वहां पर उसने युवती के साथ छेड़छाड़ की. साथ ही उसने युवती पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया और शादी करने की बात कही. जिसके बाद जिसके बाद युवती ने युवक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.वहीं पुलिस ने अरसद को हिरासत में ले लिया है.
धर्म स्वातंत्र्य कानून के बाद भोपाल में पहला मामला
लव जिहाद कानून के तहत राजधानी भोपाल में यह पहला मामला सामने आया है. इससे पहले भी इस तरह का मामला सामने आया था. जिसमें पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. लेकिन यह पहला मामला है जहां पुलिस ने धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत मामला दर्ज किया है.
क्या है धर्म स्वातंत्र्य कानून ?
- धर्मांतरण और बहला-फुसलाकर शादी करने पर गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जाता है. साथ ही 10 साल की सजा का प्रावधान है.
- धर्मांतरण कर शादी करने के 2 महीने पहले कलेक्टर को दोनों पक्षों की ओर से लिखित में आवेदन देना होता है.
- धर्मांतरण कर शादी करवाने वाले धर्मगुरुओं को भी सह आरोपी बनाया जाएगा और 5 साल की सजा का प्रावधान है.
- धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई.
राज्यपाल ने दी थी मंजूरी
लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को सात जनवरी को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. मंत्री परिषद से अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए अध्यादेश के मसौदे को लखनऊ राजभवन भेजा गया था. जहां राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी. मध्यप्रदेश में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए शिवराज सरकार ने ये कानून बनाया है.
इसलिए पड़ी कानून की जरूरत
मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कई मामले लगातार सामने आ रहे थे. इसके अलावा कई शिकायतें भी अलग-अलग थानों में इस तरह की दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने एलान किया था कि झूठ और षड़यंत्र के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ा कानून बनेगा और अब ये अस्तित्व में है.
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बड़वानी में दर्ज हुई थी पहली FIR
बता दें धर्म स्वातंत्र्य कानून बनने के बाद प्रदेश में पहला केस बड़वानी से सामने आया था. जहां धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत पहली FIR दर्ज की गई थी. पुलिस के मुताबिक पिछले 4 सालों से आरोपी शादी का झांसा देकर युवती के साथ दुष्कर्म कर रहा था. जब युवती को युवक के असली धर्म की जानकारी मिली, तो उसने रिश्ते से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपी सोहेल युवती को बदनाम करने की धमकी देने लगा. जैसे ही इस पूरे मामले की जानकारी युवती के परिजनों को मिली, उन्होंने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने कई धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.