भोपाल। भारत भवन में जिफलिफ कार्यक्रम के अंतर्गत आर्ट ऑफ स्क्रीन राइटिंग पर हुए सत्र में फिल्म 'आर्टिकल-15', 'वीरे दी वेडिंग' जैसी फिल्मों के लेखक गौरव सोलंकी ने अपने अनुभव साझा किए.
गौरव सोलंकी ने बताया कि उन्होंने आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की, लेकिन उनका सपना हमेशा से फिल्ममेकर बनने का था. बचपन से साहित्य में न सिर्फ रुचि रही, बल्कि उसे डूबकर पढ़ा, फिर एक मैग्जीन के साथ पत्रकारिता शुरू की. इसके बाद मुंबई आना हुआ. जहां इंडस्ट्री के सस्ते और बिकाऊ लेखन से खुद को बचाए रखने का संघर्ष किया.
गौरव ने बताया कि वे बिना किसी जल्दबाजी के कुछ उम्दा करने के प्रयास में जुटे रहे. जिसका नतीजा आर्टिकल-15 के रूप में आया. आर्टिकल 15 के बाद गौरव दिवाकर बनर्जी के साथ नजर आए. अली जाफर की वेब सीरीज का भी हिस्सा है.
जिफलिफ में गौरव सोलंकी ने फिल्म आर्टिकल 15 के शीर्षक का दिलचस्प किस्सा बताया. साथ ही जातिवाद पर अपनी राय भी रखी. नए फिल्मकारों-लेखकों को खूब पढ़ने और मौलिक लिखने की हिदायद दी. इस दौरान अपनी दो कविताएं भी श्रोताओं के समक्ष पढ़ीं.