ETV Bharat / state

जिफलिफ में 'आर्टिकल-15' के लेखक गौरव सोलंकी ने साझा किए अपने अनुभव - फिल्म लेखक गौरव सोलंकी

राजधानी भोपाल में जिफलिफ कार्यक्रम में फिल्म लेखक गौरव सोलंकी ने बताए दिलचस्प किस्से.

Film writer Gaurav Solanki shared his experiences in Giflif
जिफलिफ में फिल्म लेखक गौरव सोलंकी ने साझा किए अपने अनुभव
author img

By

Published : Dec 23, 2019, 6:41 PM IST

Updated : Dec 23, 2019, 7:33 PM IST

भोपाल। भारत भवन में जिफलिफ कार्यक्रम के अंतर्गत आर्ट ऑफ स्क्रीन राइटिंग पर हुए सत्र में फिल्म 'आर्टिकल-15', 'वीरे दी वेडिंग' जैसी फिल्मों के लेखक गौरव सोलंकी ने अपने अनुभव साझा किए.

जिफलिफ में फिल्म लेखक गौरव सोलंकी ने साझा किए अपने अनुभव

गौरव सोलंकी ने बताया कि उन्होंने आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की, लेकिन उनका सपना हमेशा से फिल्ममेकर बनने का था. बचपन से साहित्य में न सिर्फ रुचि रही, बल्कि उसे डूबकर पढ़ा, फिर एक मैग्जीन के साथ पत्रकारिता शुरू की. इसके बाद मुंबई आना हुआ. जहां इंडस्ट्री के सस्ते और बिकाऊ लेखन से खुद को बचाए रखने का संघर्ष किया.

गौरव ने बताया कि वे बिना किसी जल्दबाजी के कुछ उम्दा करने के प्रयास में जुटे रहे. जिसका नतीजा आर्टिकल-15 के रूप में आया. आर्टिकल 15 के बाद गौरव दिवाकर बनर्जी के साथ नजर आए. अली जाफर की वेब सीरीज का भी हिस्सा है.

जिफलिफ में गौरव सोलंकी ने फिल्म आर्टिकल 15 के शीर्षक का दिलचस्प किस्सा बताया. साथ ही जातिवाद पर अपनी राय भी रखी. नए फिल्मकारों-लेखकों को खूब पढ़ने और मौलिक लिखने की हिदायद दी. इस दौरान अपनी दो कविताएं भी श्रोताओं के समक्ष पढ़ीं.

भोपाल। भारत भवन में जिफलिफ कार्यक्रम के अंतर्गत आर्ट ऑफ स्क्रीन राइटिंग पर हुए सत्र में फिल्म 'आर्टिकल-15', 'वीरे दी वेडिंग' जैसी फिल्मों के लेखक गौरव सोलंकी ने अपने अनुभव साझा किए.

जिफलिफ में फिल्म लेखक गौरव सोलंकी ने साझा किए अपने अनुभव

गौरव सोलंकी ने बताया कि उन्होंने आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की, लेकिन उनका सपना हमेशा से फिल्ममेकर बनने का था. बचपन से साहित्य में न सिर्फ रुचि रही, बल्कि उसे डूबकर पढ़ा, फिर एक मैग्जीन के साथ पत्रकारिता शुरू की. इसके बाद मुंबई आना हुआ. जहां इंडस्ट्री के सस्ते और बिकाऊ लेखन से खुद को बचाए रखने का संघर्ष किया.

गौरव ने बताया कि वे बिना किसी जल्दबाजी के कुछ उम्दा करने के प्रयास में जुटे रहे. जिसका नतीजा आर्टिकल-15 के रूप में आया. आर्टिकल 15 के बाद गौरव दिवाकर बनर्जी के साथ नजर आए. अली जाफर की वेब सीरीज का भी हिस्सा है.

जिफलिफ में गौरव सोलंकी ने फिल्म आर्टिकल 15 के शीर्षक का दिलचस्प किस्सा बताया. साथ ही जातिवाद पर अपनी राय भी रखी. नए फिल्मकारों-लेखकों को खूब पढ़ने और मौलिक लिखने की हिदायद दी. इस दौरान अपनी दो कविताएं भी श्रोताओं के समक्ष पढ़ीं.

Intro:भारत भवन भोपाल में जिफलिफ कार्यक्रम के अंतर्गत आर्ट ऑफ स्क्रीन राइटिंग पर हुए सत्र में फिल्म आर्टिकल 15 वीरे दी वेडिंग जैसी फिल्मों के लेखक गौरव सोलंकी ने अपने अनुभव साझा किए


Body:गौरव सोलंकी ने आईआईटी रुड़की से पढ़ाई की मगर उनका सपना हमेशा से फिल्ममेकर बनने का रहा था बचपन से साहित्य में न सिर्फ रुचि रही बल्कि डूबकर पढ़ा फिर एक मैगजीन के साथ पत्रकारिता की इसके बाद मुंबई आना हुआ यहां इंडस्ट्री के सस्ते और बिकाऊ लेखन से खुद को बचाए रखने का संघर्ष किया बिना किसी जल्दबाजी के कुछ उम्दा देने के प्रयास में जुटे रहे नतीजा आर्टिकल 15 के रूप में आया इसके बाद वह दिवाकर बनर्जी के साथ नजर आए अली जाफर की वेब सीरीज का भी हिस्सा है उन्होंने फिल्म आर्टिकल 15 फिल्म के शीर्षक का दिलचस्प किस्सा बताया साथ ही जातिवाद पर अपनी राय भी रखी नए फिल्मकारों लेखकों को खूब पढ़ने और मौलिक लिखने की हिदायत भी दी साथ ही अपनी दो कविताएं भी श्रोताओं के समक्ष पढ़ी


Conclusion:अंत में उन्होंने फिल्म लेखकों और नए फिल्म निर्देशकों के सवालों के जवाब भी दीए
Last Updated : Dec 23, 2019, 7:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.