भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा फेस्टिवल एडवांस का लाभ निगम मंडलों के कर्मचारियों को दिए जाने को लेकर असमंजश बना हुआ है. निगम मंडल और निकाय अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए इसको लेकर खुद फैसला करेंगे. सरकार के इस फैसले को लेकर कर्मचारी संगठनों ने नाराजगी जताई है. कर्मचारी संगठनों ने निगम मंडलों की बदहाल हालत के लिए अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है.
कुछ एक को छोड़कर सभी निगम मंडल की हालात है खराब
निगम कर्मचारियों ने मांग की है कि सरकार फेस्टिवल एडवांस के स्थान पर छोटे कर्मचारियों को बोनस दे. मध्यप्रदेश में करीब 84 निगम मंडल है. जिनमें से कुछ निगम मंडलों को छोड़कर बाकी की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है. महासंघ के महासचिव बलवंत रघुवंशी के मुताबिक यदि कर्मचारियों को फेस्टिवल एडवांस स्कीम का लाभ नहीं मिलता है, तो निगम मंडलों में पदस्थ अधिकारियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिलना चाहिए.
मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के प्रांत अध्यक्ष वीरेंद्र खोगल के मुताबिक सरकार ने सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त देने के नाम पर कर्मचारियों को भ्रमित किया है. यह 25 फीसदी नगद मिलने की अपेक्षा भविष्य निधि खाते में डाली जाएगी.
फेस्टिवल एडवांस बनाम फेस्टिवल बोनस
मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक कर्मचारियों को 5 फीसदी महंगाई भत्ते का भी लाभ अभी तक नहीं मिला है. यदि केंद्र 4 फीसदी महंगाई भत्ता देता है तो प्रदेश के कर्मचारी अधिकारी केंद्रीय कर्मचारी से करीब 9 फीसदी पीछे हो जाएंगे. इसके साथ ही संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने सरकार से मांग की है कि सरकार को फेस्टिवल एडवांस के स्थान पर छोटे कर्मचारियों को फेस्टिवल बोनस देना चाहिए.