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देर रात सेंट्रल जेल से रिहा की गईं फीमेल हेल्थ वर्कर्स, ईटीवी भारत से की खास बातचीत - Bhopal Health Workers protest

भोपाल के नीलम पार्क में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार हुए 47 स्वास्थ्यकर्मियों में 16 महिलाकर्मियों को देर रात रिहा कर दिया गया है. फीमेल हेल्थ वर्कर्स ने ईटीवी भारत को आप बीती बताई. इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Female health workers released
रिहा की गईं फीमेल हेल्थ वर्कर्स
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Published : Dec 4, 2020, 2:40 AM IST

Updated : Dec 4, 2020, 6:40 AM IST

भोपाल। नीलम पार्क में प्रदर्शन पर बैठे 500 से अधिक कोविड-19 स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था. इसके बाद 47 स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जिनमें 31 मेल व 16 फीमेल कर्मी शामिल थे. बढ़ते दबाव के बाद आखिर पुलिस ने 16 महिलाकर्मियों को देर रात करीब 12 बजे रिहा कर दिया. कुछ स्वास्थ्यकर्मी अपने परिजनों के साथ घर चले गए. बाकी कर्मियों की रहने की व्यवस्था पुलिस द्वारा की गई. जेल बाहर आते ही महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.

रिहा की गईं फीमेल हेल्थ वर्कर्स

महिला स्वास्थ्यकर्मियों के आरोप

महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि उन पर मेल पुलिसकर्मियों लाठी चार्ज किया था. इस दौरान उनसे मारपीट भी की गई. हमें घसीटकर जबरन गाड़ी में बिठाया गया. महिला पुलिसकर्मियों ने गाली-गलौज की. डंडे बरसाए. जिसके चलते कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं. स्वास्थ्यकर्मी अरूणा शर्मा ने बताया कि उनके हाथ में लगी है. उनका मोबाइल गायब हो गया. पुलिसकर्मियों ने पीटने की धमकी देकर नेतागिरी का भूत उतारने जैसी बातें कहीं. अरूणा ने कहा कि उन्हें श्वांस संबंधी बीमारी है. हालत बिगड़ने पर भी उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया. पुलिस ने हर तरफ से बर्बरता की.

गर्भवती महिला को भी नहीं बख्शा

प्रदर्शन में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी. बताया जा रहा है उसके गर्भ मे तीन महीने का बच्चा था. उसे भी पुलिस ने छोड़ा. लाठी चार्ज में उसे गंभीर चोटें आईं हैं. हालत खराब बताई जा रही है. महिला स्वास्थ्यकर्मी को अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहां उसका इलाज रही है.

मेल स्वास्थ्यकर्मी अभी जेल में रहेंगे

महिलाओं को करौंदी स्थित सेंट्रल जेल व पुरुष स्वास्थ्यकर्मियों को जहांगीराबाद स्थित जेल मुख्यालय (पुरानी जेल) में रखा गया था. मेल हेल्थ वर्कर्स अभी भी जेल में ही रहेंगे. जबकि महिलाओं को रिहा कर दिया गया है. पुरानी जेल में अभी भी 31 स्वास्थ्यकर्मी बंद हैं. जानकारी के मुताबिक इन्हें शुक्रवार को रिहा किया जा सकता है.

क्यों हो हुआ प्रदर्शन

शिवराज सरकार ने अब तक करीब 60 फीसदी कोरोना वॉरियर्स को सरकार बाहर का रास्ता दिखाकर, उनकी सेवाएं भी समाप्त कर दी हैं. ऐसे में नियमितीकरण की मांग को लेकर शहर के नीलम पार्क में पिछले तीन दिनों से स्वास्थ्यकर्मी धरना दे रहे थे. लेकिन गुरुवार शाम को भोपाल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं. स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि जब उनकी जरूरत थी, तो उन्होंने अपनी सेवाएं दीं. सरकार ने बिना बताए उन्हें निकाल दिया ये सरासर गलत है. अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है. सीएम शिवराज हमसे बात करें और हमारी समस्याएं सुनें.

ये भी पढ़ेंःMP कोरोना वॉरियर्स को सरकारी तोहफा, प्रदर्शन कर रहे 47 वॉरियर्स को पहले पीटा फिर घसीट कर जेल ले गई पुलिस

भोपाल। नीलम पार्क में प्रदर्शन पर बैठे 500 से अधिक कोविड-19 स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया था. इसके बाद 47 स्वास्थ्यकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. जिनमें 31 मेल व 16 फीमेल कर्मी शामिल थे. बढ़ते दबाव के बाद आखिर पुलिस ने 16 महिलाकर्मियों को देर रात करीब 12 बजे रिहा कर दिया. कुछ स्वास्थ्यकर्मी अपने परिजनों के साथ घर चले गए. बाकी कर्मियों की रहने की व्यवस्था पुलिस द्वारा की गई. जेल बाहर आते ही महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए.

रिहा की गईं फीमेल हेल्थ वर्कर्स

महिला स्वास्थ्यकर्मियों के आरोप

महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि उन पर मेल पुलिसकर्मियों लाठी चार्ज किया था. इस दौरान उनसे मारपीट भी की गई. हमें घसीटकर जबरन गाड़ी में बिठाया गया. महिला पुलिसकर्मियों ने गाली-गलौज की. डंडे बरसाए. जिसके चलते कई लोगों को गंभीर चोटें भी आई हैं. स्वास्थ्यकर्मी अरूणा शर्मा ने बताया कि उनके हाथ में लगी है. उनका मोबाइल गायब हो गया. पुलिसकर्मियों ने पीटने की धमकी देकर नेतागिरी का भूत उतारने जैसी बातें कहीं. अरूणा ने कहा कि उन्हें श्वांस संबंधी बीमारी है. हालत बिगड़ने पर भी उन्हें अस्पताल नहीं ले जाया गया. पुलिस ने हर तरफ से बर्बरता की.

गर्भवती महिला को भी नहीं बख्शा

प्रदर्शन में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी. बताया जा रहा है उसके गर्भ मे तीन महीने का बच्चा था. उसे भी पुलिस ने छोड़ा. लाठी चार्ज में उसे गंभीर चोटें आईं हैं. हालत खराब बताई जा रही है. महिला स्वास्थ्यकर्मी को अस्पताल में भर्ती किया गया है. जहां उसका इलाज रही है.

मेल स्वास्थ्यकर्मी अभी जेल में रहेंगे

महिलाओं को करौंदी स्थित सेंट्रल जेल व पुरुष स्वास्थ्यकर्मियों को जहांगीराबाद स्थित जेल मुख्यालय (पुरानी जेल) में रखा गया था. मेल हेल्थ वर्कर्स अभी भी जेल में ही रहेंगे. जबकि महिलाओं को रिहा कर दिया गया है. पुरानी जेल में अभी भी 31 स्वास्थ्यकर्मी बंद हैं. जानकारी के मुताबिक इन्हें शुक्रवार को रिहा किया जा सकता है.

क्यों हो हुआ प्रदर्शन

शिवराज सरकार ने अब तक करीब 60 फीसदी कोरोना वॉरियर्स को सरकार बाहर का रास्ता दिखाकर, उनकी सेवाएं भी समाप्त कर दी हैं. ऐसे में नियमितीकरण की मांग को लेकर शहर के नीलम पार्क में पिछले तीन दिनों से स्वास्थ्यकर्मी धरना दे रहे थे. लेकिन गुरुवार शाम को भोपाल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं. स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि जब उनकी जरूरत थी, तो उन्होंने अपनी सेवाएं दीं. सरकार ने बिना बताए उन्हें निकाल दिया ये सरासर गलत है. अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है. सीएम शिवराज हमसे बात करें और हमारी समस्याएं सुनें.

ये भी पढ़ेंःMP कोरोना वॉरियर्स को सरकारी तोहफा, प्रदर्शन कर रहे 47 वॉरियर्स को पहले पीटा फिर घसीट कर जेल ले गई पुलिस

Last Updated : Dec 4, 2020, 6:40 AM IST
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