भोपाल। कोरोना काल में अपने पति को खो चुकीं महिला डॉक्टर श्रद्धा अग्रवाल ने पति की याद में ऐसा काम किया है, जो मानवता की मिसाल बन गया. डॉ, श्रद्धा ने कई दिनों अस्पताल में भर्ती रहने के बावजूद दिवंगत अपने पति को अनूठे ढंग से श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने पति प्रभात कुमार की तेरहवीं आदि पर खर्च न करते हुए उनकी पुण्य स्मृति में जयप्रकाश चिकित्सालय में 25 KW का सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाया है. संयंत्र का शुभारंभ बुधवार को कर दिया गया है.
दरअसल, दिवंगत प्रभात कुमार बीएचईएल के कार्य पालक निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए थे. उनकी स्मृति में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली बनने पर पर्यावरण के लिए हानिकारक,'ग्रीन हाऊस गैसों' का उत्सर्जन नहीं होगा. श्रद्धा के अनुसार, वह सामाजिक सरोकार की पैरवी करते हुए लोगों को यह संदेश देना चाहती हैं, कि किसी भी मनुष्य की स्मृति में ऐसे काम किए जा सकते हैं.
सोलर प्लांट की कीमत 10 लाख रुपए
बता दें कि, डॉ. श्रद्धा के पति की कोरोना संक्रमित होने के कारण मौत हो गई थी. ऐसे में महिला डॉक्टर ने अपने पति की स्मृति में कुछ दान करने का सोचा. उन्होंने पति की तेरहवीं आदि पर खर्च नहीं किया, बल्कि इससे बचे पैसे से जनसेवा का रास्ता चुना. उन्होंने जेपी अस्पताल की छत पर सोलर प्लांट लगवाया है, जिसकी कीमत लगभग 10 लाख रुपए है.
लाखों के बिल की बचत
वहीं दूसरी ओर जेपी अस्पताल के प्रबंधक टीएन मिश्रा ने बताया की, संयंत्र का शुभारंभ बुधवार को कर दिया गया. इसके माध्यम से हर साल अस्पताल प्रबंधन को 300000 बिजली के बिल की बचत होगी. साथ ही
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जरूरतमंदों की मदद के लिए तैयार रहता है परिवार
दरअसल, श्रद्धा अग्रवाल वरिष्ठ पत्रकार बालमुकुंद भारती की बेटी हैं, और मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री रहीं सविता वाजपेई इनकी माता है. जनता पार्टी के समय मंत्री रहीं सविता वाजपेई भी सामाजिक सेवा से जुड़ी रहीं और इनके पिता बालमुकुंद भारती भी वरिष्ठ पत्रकार होने के साथ सामाजिक सरोकार के हमेशा पक्षधर रहे. ऐसे में श्रद्धा अग्रवाल को सामाजिक सरोकार विरासत में ही मिला है. इनका परिवार हर समय समाज में नित नए कार्य करता आया है और गरीब व दीन दुखियों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहता है.