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'फादर्स डे स्पेशल' महिलाओं की जुबानी पिता की कहानी - Madhya Pradesh News

फादर्स डे हर साल जून के तीसरे हफ्ते में मनाया जाता है. इस बार ये दिन 16 जून यानी आज रविवार के दिन मनाया जा रहा है.ये दिन खास पापा को अपना प्यार दिखाने और उन्हें स्पेशल महसूस कराने का होता है.

पिता के संघर्षमयी जीवन से बनी है हमारी कामयाबी की इमारत
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Published : Jun 16, 2019, 9:31 AM IST


भोपाल। वैसे तो पापा को प्यार जताने के लिए पूरी जिंदगी कम है. बावजूद इसके साल में एक दिन पापा को स्पेशल फील करने के लिए दुनियाभर में 'फादर्स डे' सेलिब्रेट किया जाता है. पिता ही तो वो शख्स है जो जीवन की मजबूत नींव रखता है. दुनिया में अच्छे बुरे का एहसास करवाता है. वह पिता ही तो है जो बच्चों को जीने का ढंग सिखाता है.

अपने-अपने पिता की कहानी बयां करती महिलाएं

कब मनाते हैं फादर्स डे ?
फादर्स डे हर साल जून के तीसरे हफ्ते में मनाया जाता है. इस बार ये दिन 16 जून यानी आज रविवार के दिन मनाया जा रहा है.ये दिन खास पापा को अपना प्यार दिखाने और उन्हें स्पेशल महसूस कराने का होता है. गिफ्ट्स,ग्रीटिंग कार्ड्स, केक और मिठाइयों के साथ लोग अपने पापा के लिए आज का दिन सेलिब्रेट करते है.

फादर्स डे का खुमार सोशल मीडिया पर भी जमकर देखा जा सकता है. लोग एक दूसरे को फादर्स डे की बधाइयां दे रहे हैं. तो कहीं लोग अपने पिता के लिए सरप्राइज गिफ्ट खरीद रहे हैं.

'फादर्स डे' पर खास बातचीत

'फादर्स डे' पर ईटीवी भारत ने महिलाओं से जाना की उनकी लाइफ में पिता की क्या अहमियत है.समाज सेविका अंशु गुप्ता का कहना है कि पिता तो उस वृक्ष है के समान है जो कितना भी बड़ा हो जाए लेकिन अपनी शाखाओं का हमेशा ख्याल रखता है. ऐसे सर्वे-सर्वा को हमारा सैल्यूट है जो अपने दुख छिपा कर अपने पूरे परिवार के लिए खुशियां बटोरता है.

  • वंदना जाचक का कहना है कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन माता-पिता का कोई एक दिन सेलिब्रेट करने के लिए नहीं हो सकता है.
  • वहीं कविता मौर्य का कहना है कि घर बच्चों की पहली पाठशाला होती है. हमें हमेशा अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और यही परंपरा हमें अपने बच्चों को भी सिखाना चाहिए.
  • हीं तनीषा का कहना है कि उसके पिता को उसने कभी देखा नहीं है क्योंकि जब वह 2 साल की थी तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी, लेकिन पिता की मौजूदगी का अहसास उन्हें आज भी है


भोपाल। वैसे तो पापा को प्यार जताने के लिए पूरी जिंदगी कम है. बावजूद इसके साल में एक दिन पापा को स्पेशल फील करने के लिए दुनियाभर में 'फादर्स डे' सेलिब्रेट किया जाता है. पिता ही तो वो शख्स है जो जीवन की मजबूत नींव रखता है. दुनिया में अच्छे बुरे का एहसास करवाता है. वह पिता ही तो है जो बच्चों को जीने का ढंग सिखाता है.

अपने-अपने पिता की कहानी बयां करती महिलाएं

कब मनाते हैं फादर्स डे ?
फादर्स डे हर साल जून के तीसरे हफ्ते में मनाया जाता है. इस बार ये दिन 16 जून यानी आज रविवार के दिन मनाया जा रहा है.ये दिन खास पापा को अपना प्यार दिखाने और उन्हें स्पेशल महसूस कराने का होता है. गिफ्ट्स,ग्रीटिंग कार्ड्स, केक और मिठाइयों के साथ लोग अपने पापा के लिए आज का दिन सेलिब्रेट करते है.

फादर्स डे का खुमार सोशल मीडिया पर भी जमकर देखा जा सकता है. लोग एक दूसरे को फादर्स डे की बधाइयां दे रहे हैं. तो कहीं लोग अपने पिता के लिए सरप्राइज गिफ्ट खरीद रहे हैं.

'फादर्स डे' पर खास बातचीत

'फादर्स डे' पर ईटीवी भारत ने महिलाओं से जाना की उनकी लाइफ में पिता की क्या अहमियत है.समाज सेविका अंशु गुप्ता का कहना है कि पिता तो उस वृक्ष है के समान है जो कितना भी बड़ा हो जाए लेकिन अपनी शाखाओं का हमेशा ख्याल रखता है. ऐसे सर्वे-सर्वा को हमारा सैल्यूट है जो अपने दुख छिपा कर अपने पूरे परिवार के लिए खुशियां बटोरता है.

  • वंदना जाचक का कहना है कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन माता-पिता का कोई एक दिन सेलिब्रेट करने के लिए नहीं हो सकता है.
  • वहीं कविता मौर्य का कहना है कि घर बच्चों की पहली पाठशाला होती है. हमें हमेशा अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और यही परंपरा हमें अपने बच्चों को भी सिखाना चाहिए.
  • हीं तनीषा का कहना है कि उसके पिता को उसने कभी देखा नहीं है क्योंकि जब वह 2 साल की थी तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी, लेकिन पिता की मौजूदगी का अहसास उन्हें आज भी है
Intro:" फादर्स डे स्पेशल " = पिता तो वह वृक्ष है जो अपनी हर शाखा का रखता है ध्यान


भोपाल | आज पूरी दुनिया में " फादर्स डे " मनाया जा रहा है वैसे तो भारत में " फादर्स डे " पहले इस तरह से सेलिब्रेट नहीं किया जाता था . लेकिन धीरे-धीरे यह परंपरा आज पूरे भारतवर्ष में देखने को मिल सकती है . आज के दिन लोग अपने पिता को यह दिन समर्पित करते हैं . फादर्स डे का खुमार सोशल मीडिया पर भी जमकर देखा जा सकता है . लोग एक दूसरे को" फादर्स डे " की बधाइयां दे रहे हैं तो कहीं लोग अपने पिता के लिए सरप्राइज गिफ्ट खरीद रहे हैं . कुछ लोग " फादर्स डे " को यादगार बनाने के लिए और अपने पिता को स्पेशल फील कराने के लिए घर में केक काटकर भी सेलिब्रेशन करते हैं साथ ही कई जगह पार्टी भी अरेंज की जाती है .








Body:" फादर्स डे " हर साल जून महीने के तीसरे रविवार के दिन मनाया जाता है और यह परंपरा कई वर्षों से लगातार चली आ रही है . वैसे तो " फादर्स डे " की शुरुआत पश्चिमी सभ्यता से हुई है . लेकिन आज " फादर्स डे " को पूरी दुनिया में सेलिब्रेट किया जाता है .


भारत में भी लोग " फादर्स डे " के दिन कई तरह की तैयारियां करते हैं और इस दिन को खास बनाने के लिए कई तरह के सेलिब्रेशन भी आयोजित किए जाते हैं इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए होटलों में भी विशेष व्यवस्था और साज-सज्जा की जाती है वही ग्रीटिंग कार्ड्स की दुकानों पर भी फादर्स डे पर अच्छे और खास मैसेज वाले कार्ड रखे जाते हैं .


किसी भी बच्चे का अपने माता पिता से हमेशा ही एक गहरा नाता होता है . जहां एक तरफ मां से भावनाओं का जुड़ा होता है तो वही पिता से समझ और दोस्ती का जुड़ाव रहता है . वैसे तो मां की ममता और करुणा शीलता जगजाहिर है . लेकिन कई बार पिता के अनकहे शब्द और किसी बात को जताना पाने की आदत उनकी भावनाओं को हम तक ठीक ढंग से अभिव्यक्त नहीं कर पाती है और हम हमेशा पिता को जरूरत से ज्यादा सख्त मान लेते हैं . लेकिन सच्चाई यही है कि पिता अपने प्यार को इजहार में तब्दील नहीं कर पाता है पर अपनी जिम्मेदारियों से वह हमेशा अपने प्यार को बरकरार रखता है .


Conclusion:" फादर्स डे " पर ईटीवी भारत ने उन महिलाओं से बात की जो अभी कुछ समय पहले ही स्वयं मां बनी है जो कल तक अपने पिता की बेटी हुआ करती थी आज वह भी एक बच्चे की मां है. जब हमने उनसे फादर्स डे पर बात करी तो उन्होंने दिल को छूने वाले एहसासों से हमें रूबरू कराया .


समाज सेविका अंशु गुप्ता का कहना है कि पिता तो वह वृक्ष है जो कितना भी बड़ा हो जाए लेकिन अपनी शाखाओं का हमेशा ख्याल रखता है . उन्होंने कहा कि जैसे महिला परिवार की धुरी होती है . वह अपने घर को संचालित करती है . उसी तरह पिता होता है और वह परिवार का बॉस होता है या यह कहें कि सर्वे सर्वा होता है और उसे परिवार के हर एक व्यक्ति की चिंता होती है . ऐसे सर्वे सर्वा को हमारा सैल्यूट है जो अपने दुख छुपा कर अपने पूरे परिवार के लिए खुशियां बटोरता है . वह दिन रात काम करता है मेहनत करता है और अपने परिवार का लालन पालन करता है . इसलिए 1 दिन में फादर्स डे सेलिब्रेट नहीं किया जा सकता है . इसके लिए साल का हर एक दिन पिता का ही होना चाहिए . बच्चे हमेशा अपने पिता के संस्कार , बाय डिफॉल्ट पिता की आदतें, पिता का व्यवहार उन सभी चीजों से कुछ न कुछ सीखते हैं . इसलिए दुनिया के सभी फादर्स को सैल्यूट है .



वंदना जाचक का कहना है कि उनके पिता अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन माता-पिता का कोई एक दिन सेलिब्रेट करने के लिए नहीं हो सकता है भारत में इस तरह के दिन मनाने का कोई औचित्य नहीं है हमारे यहां तो हर एक दिन माता पिता के लिए ही समर्पित होता है लेकिन एक नई परंपरा चल पड़ी है उसको आज सभी लोग सेलिब्रेट करते हैं मेरा मानना है कि मेरे पिता ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है उन्होंने मुझे हमेशा इमानदारी और अपने कर्तव्यों पर चलने की प्रेरणा दी है उन्होंने हमेशा ही कहा है कि गरीबों की सेवा करो जितना हो सकता है उतना दूसरों की सहायता करो और आज हम उन्हीं के संस्कारों पर आगे बढ़ रहे हैं .


वही कविता मौर्य का कहना है कि घर बच्चों की पहली पाठशाला होती है हमें हमेशा अपने बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए और यही परंपरा हमें अपने बच्चों को भी सिखाना चाहिए क्योंकि जो चीजें हम अपने घर में करते हैं उन्हीं चीजों को हमारे बच्चे ग्रहण करते हैं यदि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देंगे तो निश्चित रूप से हमारे बच्चे भी उन संस्कारों को आगे बढ़ाएंगे .


वहीं तनीषा का कहना है कि उसके पिता को उसने कभी देखा नहीं है क्योंकि जब वह 2 वर्ष की थी तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी लेकिन पिता की मौजूदगी का अहसास उन्हें आज भी है उनका मानना है कि उनके पिता का आशीर्वाद आज भी उनके साथ हमेशा चलता है उन्होंने कहा कि जिनके पिता आज मौजूद हैं वह बहुत भाग्यशाली हैं क्योंकि पिता एक वृक्ष है और हम सभी बच्चे उस वृक्ष के पत्ते हैं अपने माता-पिता का हमेशा आदर सम्मान करना चाहिए बेटियों के लिए तो खासकर पिता की मौजूदगी खास अहमियत रखती है .


वहीं ऋतु महेश्वरी का कहना है कि दुनिया के सभी पिता सबसे बेस्ट है जिस तरह से महाभारत में भीष्म पितामह को पितामह की उपाधि दी गई थी उसी तरह दुनिया के हर पिता को पिता माह की उपाधि दी जानी चाहिए पिता परिवार की एक मजबूत नींव होता है और हम सभी उस परिवार के छोटे-छोटे अंश होते हैं पिता हमेशा ही अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए तैयार रहता है वह न केवल अपने बच्चों को ज्ञान देता है बल्कि जिंदगी जीने का सही सलीका भी सिखाता है ऐसे पिता को ईश्वर तुल्य मानना चाहिए वह भगवान से कम नहीं हो सकता है दुनिया के हर बच्चे को अपने पिता का सम्मान करना चाहिए यही सबसे अच्छा फादर्स डे होगा .
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