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किसानों को सताने लगी खाद-बीज की चिंता, तो मंत्री बोले भरा है गोदाम

मध्यप्रदेश के किसानों का मुसीबत से पुराना नाता रहा है, लॉकडाउन के कारण रबी की फसल बेचने में काफी दिक्कत आ रही है, जैसे-जैसे समय गुजर रहा है, तो वहीं किसानों को अब खरीफ की फसल की तैयारी की चिंता सताने लगी है.

Kharif crop concerns
खरीफ फसल की चिंता
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Published : May 23, 2020, 8:15 PM IST

Updated : May 24, 2020, 11:41 AM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के कारण चल रहे लॉकडाउन में किसान वर्ग काफी परेशान हैं. लॉकडाउन के कारण रबी की फसल बेचने में काफी दिक्कत आ रही है, जैसे-जैसे समय गुजर रहा है. किसानों को अब खरीफ फसल की चिंता सताने लगी है. हालांकि अभी फसल की बुवाई में समय है. इसलिए किसान मानकर चल रहा है कि, बोवनी का समय आते -आते खरीफ के लिए खाद- बीज और कीटनाशक की तमाम व्यवस्थाएं हो जाएंगी. दूसरी तरफ किसान को यह भी डर है कि, लॉकडाउन के कारण तमाम तरह की फैक्ट्रियां और कारखाने बंद हैं. इसलिए असली खाद बीज और कीटनाशक या तो महंगे मिलेंगे या फिर अमानक मिलेंगे.

किसानों का मुसीबत से पुराना नाता

दरअसल, रबी की फसल कटने के बाद किसान की सबसे बड़ी चिंता है कि, कैसे भी उसकी पूरी पैदावार बिक जाए. फसल की बिक्री में हो रही देरी से उसे खरीफ फसल की तैयारियों में दिक्कत आने की चिंता सता रही है. हालांकि अभी करीब एक माह बकाया है और किसान को भरोसा है कि, इस बीच उसकी रबी की फसल बिक जाएगी और खरीफ की तैयारी के लिए उसे पर्याप्त समय मिल जाएगा. किसान को भरोसा है कि, सरकार खाद-बीज और कीटनाशक की पर्याप्त व्यवस्था कर देगी.

मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के प्रयासों से खाद का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है. जब जैसी जरूरत होगी, किसानों को खाद उपलब्ध कराई जाएगी और ज्यादा जरूरत होने पर निजी क्षेत्र को भी खाद बिक्री के आदेश दिए गए हैं. उनका कहना है कि, सरकार इसके भी पूरे प्रबंध कर रही है कि, किसानों को अमानक खाद-बीज और कीटनाशक के कारण परेशान ना होना पड़े.

किसान संतोष कुमार बताते हैं, 'अभी सोयाबीन की बुआई करना है, अभी तो समय है. फिलहाल तो हमारा गेहूं ही बिक नहीं पाया है. क्योंकि मंडी बंद है और सोसाइटी सरकारी आदेश के साथ से खरीदी कर रही है. जितना बिक गया है, उसके बाद जो बकाया बचा है, उसे बेचना पड़ेगा. तब जाकर अगली फसल की तैयारी कर पाएंगे. अगली फसल के लिए खाद चाहिए, दवाई चाहिए. अभी समय है, देखते हैं कि सरकार किस तरह के इंतजाम करती है'

भारतीय किसान यूनियन के मध्य प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि, खरीफ की फसल के लिए खाद और बीज की व्यवस्था के साथ-साथ कीटनाशक की व्यवस्था करनी चाहिए. संभावना है कि, बड़े पैमाने पर नकली और अमानक खाद-बीज और कीटनाशक की बिक्री होगी. क्योंकि लॉकडाउन के कारण उत्पादन आवश्यकतानुसार नहीं हुआ है. अगर जरूरत की चीजें अमानक और नकली किसानों के पास पहुंचेगी, तो उनकी पैदावार को नुकसान होगा. इन समस्याओं से किसानों को हर बार जूझना पड़ता है. किसान शिकायत करते हैं, परेशान होते हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. लॉकडाउन के कारण खाद और कीटनाशक का पर्याप्त उत्पादन नहीं हुआ है. असली खाद- बीज और कीटनाशक की बड़े पैमाने पर कमी रहने की आशंका है. इसलिए नकली खाद, नकली बीज और पेस्टिसाइड मार्केट में धड़ल्ले से बिकेगा.

मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि, हमने इस बार खरीफ की फसल के लिए 10 लाख मीट्रिक टन खाद की व्यवस्था करनी है. एक अनुमान के मुताबिक बोवनी के समय इतनी खाद की आवश्यकता पड़ेगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खरीफ की तैयारियों की समीक्षा की है और हमने तैयारी करते हुए भारत सरकार से 10 लाख मीट्रिक टन खाद खरीद कर गोडाउन में रख दिया है.

उन्होनें कहा, विभाग के अधिकारियों से पूछा गया है कि, सरकारी स्तर पर किसानों के लिए क्या व्यवस्था कर सकते हैं, उसकी व्यवस्था करें, बाकी प्राइवेट में छूट दें, ताकि किसी तरह की कमी ना हो. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि, खाद की कोई कमी नहीं आनी चाहिए. प्रदेश सरकार भारत सरकार के संपर्क में हैं और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश से हैं जिनसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लगातार संपर्क में हैं.

भोपाल। कोरोना महामारी के कारण चल रहे लॉकडाउन में किसान वर्ग काफी परेशान हैं. लॉकडाउन के कारण रबी की फसल बेचने में काफी दिक्कत आ रही है, जैसे-जैसे समय गुजर रहा है. किसानों को अब खरीफ फसल की चिंता सताने लगी है. हालांकि अभी फसल की बुवाई में समय है. इसलिए किसान मानकर चल रहा है कि, बोवनी का समय आते -आते खरीफ के लिए खाद- बीज और कीटनाशक की तमाम व्यवस्थाएं हो जाएंगी. दूसरी तरफ किसान को यह भी डर है कि, लॉकडाउन के कारण तमाम तरह की फैक्ट्रियां और कारखाने बंद हैं. इसलिए असली खाद बीज और कीटनाशक या तो महंगे मिलेंगे या फिर अमानक मिलेंगे.

किसानों का मुसीबत से पुराना नाता

दरअसल, रबी की फसल कटने के बाद किसान की सबसे बड़ी चिंता है कि, कैसे भी उसकी पूरी पैदावार बिक जाए. फसल की बिक्री में हो रही देरी से उसे खरीफ फसल की तैयारियों में दिक्कत आने की चिंता सता रही है. हालांकि अभी करीब एक माह बकाया है और किसान को भरोसा है कि, इस बीच उसकी रबी की फसल बिक जाएगी और खरीफ की तैयारी के लिए उसे पर्याप्त समय मिल जाएगा. किसान को भरोसा है कि, सरकार खाद-बीज और कीटनाशक की पर्याप्त व्यवस्था कर देगी.

मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के प्रयासों से खाद का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है. जब जैसी जरूरत होगी, किसानों को खाद उपलब्ध कराई जाएगी और ज्यादा जरूरत होने पर निजी क्षेत्र को भी खाद बिक्री के आदेश दिए गए हैं. उनका कहना है कि, सरकार इसके भी पूरे प्रबंध कर रही है कि, किसानों को अमानक खाद-बीज और कीटनाशक के कारण परेशान ना होना पड़े.

किसान संतोष कुमार बताते हैं, 'अभी सोयाबीन की बुआई करना है, अभी तो समय है. फिलहाल तो हमारा गेहूं ही बिक नहीं पाया है. क्योंकि मंडी बंद है और सोसाइटी सरकारी आदेश के साथ से खरीदी कर रही है. जितना बिक गया है, उसके बाद जो बकाया बचा है, उसे बेचना पड़ेगा. तब जाकर अगली फसल की तैयारी कर पाएंगे. अगली फसल के लिए खाद चाहिए, दवाई चाहिए. अभी समय है, देखते हैं कि सरकार किस तरह के इंतजाम करती है'

भारतीय किसान यूनियन के मध्य प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि, खरीफ की फसल के लिए खाद और बीज की व्यवस्था के साथ-साथ कीटनाशक की व्यवस्था करनी चाहिए. संभावना है कि, बड़े पैमाने पर नकली और अमानक खाद-बीज और कीटनाशक की बिक्री होगी. क्योंकि लॉकडाउन के कारण उत्पादन आवश्यकतानुसार नहीं हुआ है. अगर जरूरत की चीजें अमानक और नकली किसानों के पास पहुंचेगी, तो उनकी पैदावार को नुकसान होगा. इन समस्याओं से किसानों को हर बार जूझना पड़ता है. किसान शिकायत करते हैं, परेशान होते हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है. लॉकडाउन के कारण खाद और कीटनाशक का पर्याप्त उत्पादन नहीं हुआ है. असली खाद- बीज और कीटनाशक की बड़े पैमाने पर कमी रहने की आशंका है. इसलिए नकली खाद, नकली बीज और पेस्टिसाइड मार्केट में धड़ल्ले से बिकेगा.

मध्यप्रदेश सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि, हमने इस बार खरीफ की फसल के लिए 10 लाख मीट्रिक टन खाद की व्यवस्था करनी है. एक अनुमान के मुताबिक बोवनी के समय इतनी खाद की आवश्यकता पड़ेगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खरीफ की तैयारियों की समीक्षा की है और हमने तैयारी करते हुए भारत सरकार से 10 लाख मीट्रिक टन खाद खरीद कर गोडाउन में रख दिया है.

उन्होनें कहा, विभाग के अधिकारियों से पूछा गया है कि, सरकारी स्तर पर किसानों के लिए क्या व्यवस्था कर सकते हैं, उसकी व्यवस्था करें, बाकी प्राइवेट में छूट दें, ताकि किसी तरह की कमी ना हो. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि, खाद की कोई कमी नहीं आनी चाहिए. प्रदेश सरकार भारत सरकार के संपर्क में हैं और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश से हैं जिनसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लगातार संपर्क में हैं.

Last Updated : May 24, 2020, 11:41 AM IST
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